एक राष्ट्र, एक चुनाव के आलोचक मतदाताओं की थकान के बारे में नहीं सोच रहे हैं. जब चुनाव कई बार और लगातार होते हैं, तो शिक्षित मतदाता भी उन्हें एक अतिरिक्त छुट्टी के रूप में देखता है.
खलील-उर-रहमान हक्कानी - जलालुद्दीन हक्कानी के भाई, उनके उत्तराधिकारी सिराजुद्दीन के चाचा, और अफगानिस्तान में 1,000 से अधिक आत्मघाती बम धमाकों के लिए जिम्मेदार नेटवर्क के एक प्रमुख सदस्य - इस्लामिक स्टेट द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में मारे गए.
भाजपा ने केवल अमेरिकी ‘डीप स्टेट’ पर हमला नहीं किया. विचारधारा के स्तर पर यह विचार कुछ अरसे से मजबूत हो रहा है, और डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसे वैधता दी है.
एक खुफिया अधिकारी का कहना है कि तहरीर अल-शाम का उभार फिर से हिंसक जिहाद के विचारों को बढ़ा सकता है, जो 2018 में इस्लामिक स्टेट और अन्य समूहों के खत्म होने के बाद शांत हो गए थे।
लोकतंत्र को पटरी से उतारने का सबक नेहरू वंश की राजनीति के स्कूल में सिखाया जाता है. अब राहुल के पास ऐसे भाई-बहन हैं, जो लोकसभा में उनके साथ खड़े होंगे, जब वह अपने लोकतंत्र-विरोधी भाषण की शुरुआत करेंगे.
अब जबकि प्रधानमंत्री मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में हैं, शायद भाजपा दक्षिणी राज्यों में लड़ने की इच्छाशक्ति खो रही है. इसके बजाय वह उत्तर में अपनी बढ़त को मजबूत करना चाहती है.
लॉवर ‘सिबिल स्कोर’ बैंकों को ऊंची ब्याज दर वसूलने की सुविधा देता है, इससे सवाल उठता है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों, बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, और क्रेडिट ब्यूरो के बीच साठगांठ तो नहीं है.
धुर दक्षिणपंथ आधुनिक काल से पहले जो भी मुस्लिम शासक, गुरु-शिक्षक, भक्त-श्रद्धालु भारत आए उनका कुछ भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है, भले ही आधुनिक काल से पहले के हिंदुओं ने उन्हें स्वीकार किया हो और यहां तक कि उन्हें पूजा हो.
9/11 के बाद, अमेरिकी पूर्व प्रथम महिला लॉरा बुश ने कहा था, "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के लिए भी एक लड़ाई है." लेकिन, यह सच नहीं था.
बांग्लादेश में भी पाकिस्तान की तरह ही भारत के प्रति बढ़ती हुई विदेशी घृणा और राजनीतिक दुश्मनी की लहर चल रही है. बांग्लादेश में कुछ शैक्षणिक संस्थानों ने फर्श पर भारतीय ध्वज और इस्कॉन का प्रतीक पेंट कर दिया और छात्रों से उस पर चलने को कहा.
आरएसएस के सरसंघचालक अगर ‘मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने’ के बढ़ते दावों पर रोक लगाने की अपील कर रहे हैं तो इसके पीछे यह एहसास है कि यह मसला कहीं भाजपा सरकार के काबू से बाहर न हो जाए .