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Sunday, 19 October, 2025
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BJP ने सोशल मीडिया को अपनी ताकत बनाया — अब वही मोदी सरकार के लिए मुसीबत बन गया है

ऐसा लगता है कि मोदी सरकार एक्स से खुद को अलग नहीं कर पा रही है. वह सोशल मीडिया पर बढ़ते गुस्से को बढ़ावा दे रही है और अपने ही बनाए राक्षस को चुपचाप और बड़ा कर रही है.

ट्रंप का अमेरिका लोकतंत्र से फिसल तो रहा है मगर दक्षिणपंथी क्रांति से दूर है

तमाम संगठन वक्त के साथ बदलते हैं, संघ ने भी शायद खुद को बदला है, लेकिन इसका अतीत इस पर राजनीतिक हमले करने के लिए इसके आलोचकों को आसानी से हथियार मुहैया कराता है.

पाकिस्तान ने विदेश नीति को बनाया चमचागिरी — महाशक्ति के आगे इसके नेता क्यों हैं नतमस्तक

नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मोरारजी देसाई जैसे भारतीय नेताओं को पश्चिम ने अहंकारी माना, जबकि पाकिस्तानी नेता हमेशा घुटनों पर झुकने को तैयार रहते थे.

झूठे राजनेता और प्रतियोगी ‘रेवड़ी’ राजनीति में उनकी बढ़ती मुश्किलें

प्रधानमंत्री मोदी ने 'रेवड़ी' की राजनीति पर हमला बोलकर सही मायने में शुरुआत की. यही उनकी विरासत हो सकती थी. लेकिन उन्होंने पार्टी के फायदे के लिए विपक्ष को रेवड़ी बांटने में मात देना शुरू कर दिया.

भारत के स्मार्ट सिटी मानसून से निपटने में असफल हैं. हम बाढ़ के जाल तैयार कर रहे हैं

हमने बाढ़ वाले मैदानों पर निर्माण कर दिया है, हर जगह इमारतें बना दी हैं, और कचरा नालियों को बंद कर देता है. नतीजा? पानी के जाने के लिए कोई जगह नहीं बची, न घरों में, न सड़कों में, और न ही हमारी ज़िंदगियों में.

PoK में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा, कश्मीर-में मगन पश्चिमी मीडिया यह नहीं दिखाएगा

कश्मीर और पीओके के बीच का फर्क अनदेखा करना नामुमकिन है. एक तरफ लोग भोजन और बिजली के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विकास और शिक्षा की बातें होती हैं.

छिंदवाड़ा की कोल्डरिफ मौतें दिखाती हैं भारत की खतरनाक विडंबना—दुनिया की फार्मेसी, लेकिन देश में फेल

भारत के फार्मास्यूटिकल सेक्टर का मूल्य 50 अरब डॉलर है. इसने अपनी पहचान किफायती और सुलभ दवाओं पर बनाई है, लेकिन छिंदवाड़ा में हुई मौतें एक अलग कहानी बताती हैं.

CJI, IPS, IAS और होमबाउंड: 75 साल बाद की चेतावनी

शिक्षा, आरक्षण, और सरकारी नौकरी समता और सम्मान दिलाने का लिए है लेकिन हम इससे कितने दूर हैं यह मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंके जाने और हरियाणा के IPS अफसर की आत्महत्या से साफ है. फिल्म ‘होमबाउंड’ एक सबक भी सिखाती है.

क्या वजह है कि भारत के लिए RSS का होना उसके न होने से बेहतर है

तमाम संगठन समय के साथ बदलते हैं, संघ ने भी शायद खुद को बदला है. लेकिन इसका अतीत इस पर राजनीतिक हमले करने के लिए इसके आलोचकों को आसानी से हथियार उपलब्ध कराता है.

हुज का अतीत और स्डेरोट का वर्तमान: अरबों और इज़राइलियों को साथ रहने का तरीका सीखना होगा

1948 में जब इज़रायलियों ने अरबों को खदेड़ा था, तो उन्होंने यह नहीं सोचा था कि ये कटु शरणार्थी उनके नए राज्य के लिए एक स्थायी ख़तरा बन जाएंगे. यह एक भयावह ग़लतफ़हमी थी.

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तालिबान का स्वागत फायदे के लिए सही बताया जा रहा है, लेकिन इसमें कई नैतिक सवाल हैं

तालिबान जैसे शासन के लिए सम्मान और तालियां, जो अफगान महिलाओं को शिक्षा, आज़ादी और गरिमा के साथ जीने का अधिकार तक नहीं देता, सिहरन पैदा करने वाला था.

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त्योहारी उत्साह से स्विगी, मैजिकपिन से खाना मंगाने वाले लोगों की संख्या में हुई उल्लेखनीय वृद्धि

नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) भारत में त्योहारी उत्साह के बीच ऑनलाइन ऑर्डर पर खाने का सामान पहुंचाने वाले मंच स्विगी और मैजिकपिन ने...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.