इस नई दुनिया में ‘पॉपुलिज़्म’ वाम, दक्षिण, मध्य, सभी मार्गों को ध्वस्त कर रहा है. बेशक हर एक देश, मतदाता समूह, और समाज के लिए यह अलग-अलग रूप में उभर रहा है, इसका आकर्षण और इसकी सफलता इसके प्रयोग में निहित है. यह आपके दिल या दिमाग पर ज्यादा बोझ नहीं डालता.
प्रधानमंत्री मोदी जाहिर तौर पर राजनीतिज्ञों की तुलना में सेवारत और सेवानिवृत्त नौकरशाहों पर अधिक विश्वास जताते हैं. हालांकि, आईएएस अधिकारी इसे शायद संदेह की नजर से देख रहे होंगे.
एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन इस विवाद से बच जाएंगे क्योंकि यह भारत है, जहां हमारा रवैया है 'चलता-है.' पश्चिम में, उन्हें माफी मांगने या इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाता.
हसीना ने आपका बैंक आपसे छीना, अब आपने उनसे उनकी सत्ता छीन कर बदला ले लिया है? अब आपके लिए कसौटी यह है कि आपको सार्वजनिक पद मिल गया है तब आप यह मान लें कि जनता ने आपमें भरोसा जताया है. क्या आप इस पद पर बने रहें और कुछ भी न करें? और आप कुछ करें, तो वह क्या हो?
यह पहली बार नहीं है जब बिधूड़ी ने इस तरह की विवादित बयानबाजी की है. कांग्रेस नेता दानिश अली के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के कारण उन्हें 2024 में लोकसभा टिकट से हाथ धोना पड़ा था.
भारत के राजनीतिक नेतृत्व को स्वीकार करना पड़ेगा कि खासकर टेक्नोलॉजी के मामले में तेज़ी से बदलती इस दुनिया में प्रतिरक्षा की तैयारी का तकाज़ा यह है कि इसके लिए जीडीपी के 2 प्रतिशत से ज्यादा के बराबर बजट देना पड़ेगा.
जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में किसानों के लिए ‘एमएसपी’ की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन 2020-21 में नए कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन की छाया मात्र है क्योंकि एमएसपी आज पहले की तरह प्रमुख मुद्दा नहीं रह गया है.
तलाक के संबंध में, यूसीसी ऐसे प्रावधान लाती है जो न्यायेतर तलाक के तरीकों को दंडित करते हैं - जिनमें तलाक-उस-सुन्नत, तलाक-ए-बिद्दत, खुला, मबारत और जिहार शामिल हैं.