दंतेवाड़ा जिले में साक्षरता दर 30 फीसदी है. वहां से आईएएस बनने का सपना देखना बेहद चुनौतीपूर्ण है. नम्रता ने ये मुकाम हासिल कर एक नायाब उदाहरण पेश किया है.
यह सुझाव विशेष रूप से आयरन की गोलियों और पोलियो ड्रॉप्स पर केंद्रित है. क्योंकि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में ये दवाएं मुख्य रूप से बच्चों को दी जाती हैं.
इसके कारण एक ऐसी व्यवस्था आकार लेती है जिसमें आम नागरिक हाशिये पर धकेल दिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट घराने अपनी मनमर्ज़ी चलाते हैं और समतामूलक संवाद या सच्ची सार्वजनिक जवाबदेही के लिए कम गुंजाइश ही बच पाती है.