रांची से 206 किलोमीटर दूर गढ़वा जिले में दर्द और मौत का यह सिलसिला दशकों से चल रहा है. आजाद भारत में इन्हें आज तक साफ पानी मुहैया नहीं कराया जा सका है.
चार वर्षों में 78 यात्रियों को स्टेशन या ट्रेन में छूटी चीज़ें सही-सलामत उनके मालिक तक पहुंचाया जा चुका है. इन सामानों में मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, बैग, ज़रुरी दस्तावे़ज़ और गहने भी शामिल हैं.
भारतीय किसान संगठन के प्रमुख पूरन सिंह ने कहा अगर सरकार हमारी सारी मांगों को मान लेती है तो हम अपने आंदोलन को वापस ले लेंगे. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो हम फिर से सहारनपुर से आंदोलन को शुरू करेंगे.
ह्यूस्टन क्रॉनिकल के अनुसार अमेरिका में रहने वाले दो लोगों ने कोर्ट में यह मुकदमा दायर किया है. यह दोनों कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट से जुड़े हुए हैं.
जीएसटी परिषद ने मांग बढ़ाने के लिए कई वस्तुओं और सेवाओं पर कर घटा दिया है. जीएसटी दर में कटौती से जिन क्षेत्रों को फायदा होगा, उसमें होटल, रत्न और आभूषण, रक्षा और वाहन प्रमुख हैं.
10 दिसंबर 1998 को, हाजीपुर के तत्कालीन सांसद लोकसभा में कहा था, 'अगर हम 'अल्पसंख्यक' शब्द की सही व्याख्या करना सीख लें, तो हममें यह भावना विकसित हो जाएगी कि हम जिनके खिलाफ लड़ रहे हैं, उनका खून भी हमारे ही जैसा है.'