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Saturday, 20 April, 2024
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ह्यूस्टन में मुकदमे का सामना करेंगे पीएम मोदी, खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े वकील ने की है शिकायत

ह्यूस्टन क्रॉनिकल के अनुसार अमेरिका में रहने वाले दो लोगों ने कोर्ट में यह मुकदमा दायर किया है. यह दोनों कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट से जुड़े हुए हैं.

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चंडीगढ़: ह्यूस्टन की एक अदालत ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को समन भेजा है. अदालत में दोनों नेताओं पर 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने को लेकर मुकदमा किया गया है.

नरेंद्र मोदी की ह्यूस्टन यात्रा से कुछ दिन पहले ही अमेरिका की एक अदालत ने उन्हें समन भेजा है. उन्हें यह समन जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने और घाटी में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में भेजा गया है.

ह्यूस्टन क्रोनिकल के अनुसार अमेरिका में रहने वाले दो कश्मीरी लोगों ने कोर्ट में यह मुकदमा दायर किया है. यह दोनों कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट से जुड़े हुए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार 73 पन्नों के मुकदमें में मोदी, अमित शाह और लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह पर आरोप लगाया गया है. आरोप यह है कि ये लोग घाटी में हो रही मौतों, न्यायिक हत्याओं, मानवाधिकार उल्लंघन के लिए जिम्मेदार हैं.

रिपोर्ट के अनुसार टॉर्चर प्रोटेक्शन एक्ट 1991 के तहत मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में भारत के राष्ट्राध्यक्ष पर मामला दर्ज किया गया है. इस नियम के तहत विदेशी धरती पर मुकदमा दर्ज किया जा सकता है.

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इस मुकदमे के पीछे सिख फॉर जस्टिस

इंटेलीजेंस एजेंसी के मुताबिक इस मुकदमे के पीछे सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के गुरपतवंत सिंह पन्नुन को माना जा रहा है.

इंटेलिजेंस अफसर के मुताबिक पन्नुन ने सिखों के बीच अपनी विश्वसनीयता को खो दिया है. कश्मीर मुद्दे के सहारे वो फिर से विश्वास हासिल करने में लगा हुआ है. पन्नुन कश्मीर और खालिस्तान को एक करने के पक्ष में हैं. उसका मकसद है कि सिखों और कश्मीरियों के मन में अलगाव की भावना जगाना.


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भारत ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. इस संगठन की मांग है कि 2020 तक सिखों के लिए एक अलग राज्य खालिस्तान बने. इसके लिए यह लोग अमेरिका की धरती से अपनी मांगों को उठाते आ रहे हैं.

समन के पीछे पन्नुन का हाथ है यह इस बात से पता चलता है कि उसने ह्यूस्टन कोर्ट के बाहर प्रेस से बात की थी. एक वीडियो संदेश में पन्नुन ने कहा था कि भारत में रहना वाला हर आदमी मानवाधिकार का उल्लंघन करता है चाहे वह प्रधानमंत्री ही क्यों न हो.

यह पहली बार नहीं है कि एसएफजे ने किसी भारतीय नेता के अमेरिकी दौरे से पहले मुश्किलें खड़ी की हों. 2015 में इस संगठन ने कनाडा के अटार्नी जनरल से आग्रह किया था कि उनपर 2002 में हुए सिख दंगों के आधार पर मुकदमा चलाया जाए. उस समय मोदी कनाडा की यात्रा पर थे.

उसी साल इस संगठन ने 1984 के दंगों को लेकर सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को भी कोर्ट से समन भिजवाया था.

2013 में इस संगठन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनकी यात्रा से पहले समन भिजवाया था. संगठन ने आरोप लगाया था कि सिंह ने पंजाब में जब आतंकी संगठ चरम पर थे इस दौरान मानवाधिकार का उल्लंघन किया गया था. इस संगठन ने कुछ महीने के बाद सोनिया गांधी को भी समन भिजवाया गया था.

अमरिंदर सिंह निशाने पर

2016 में अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष थे. उस समय उन्हें कनाडा में एक रैली को संबोधित करना था. लेकिन एसएफजे ने कनाडा सरकार को शिकायत की थी कि उनकी यात्रा ग्लोबल अफेयर्स कनाडा पॉलिसी के खिलाफ है. इसके बाद अमरिंदर सिंह ने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी.

एसएफजे ने अमरिंदर सिंह पर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था. मुकदमा दर्ज करने के पीछे एक बयान का हवाला दिया गया था जिसमें सिंह ने कहा था कि यह संगठन पाकिस्तान के आईएसआई के हाथों में खेलता है.


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2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के अमेरिकी यात्रा के दौरान भी इस संगठन ने उन्हें समन भिजवाया था. जिसमें मानवाधिकार उल्लंधन का आरोप लगाया गया था. पंजाब सरकार ने इस मुकदमे को लगातार एक साल तक लड़ा था. अमेरिकी कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया था.

शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, ‘इस संगठन का यह पुराना काम है जिसमें वो भारतीय नेताओं को समन भिजवाता है.’

क्या है एसएफजे

एसएफजे को 2007 में बनाया गया था. चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से लॉ ग्रेजुएट पन्नुन को इस संगठन के पीछे माना जाता है. वह एसएफजे के कानूनी सलाहकार भी है. पन्नुन पर भारत में कई मुकदमें दायर हैं जिसमें राजद्रोह का मामला भी है. पन्नुन एक अलग खालिस्तान की मांग कर रहा है.

लेकिन पन्नुन का मानना है कि उसकी मांगे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक हैं. पंजाब पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक पन्नुम 4 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के बाद कश्मीरी आतंकियों का साथ दे रहा है. अधिकारी ने कहा पन्नुन ने पंजाबी गैंगस्टरों को सिख अलगाववादी संगठन में सामिल होने की अपील की है.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता विनीत जोशी ने कहा, ‘एसएफजे सिख समुदाय के लोगों को गुमराह कर रहा है. पन्नुन धर्म के सहारे पैसे जुटा रहा है. विनीत जोशी की शिकायत पर ही दो साल पहले पन्नुन पर मामला दर्ज हुआ था. उसका संगठन हमेशा से ही विफल रहा है और इससे जुड़े लोग भी अब हकीकत को जानने लगे हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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