पीएम मोदी सालाना 1 करोड़ नौकरियां सृजन करने में विफ़ल हो गए है. अगले साल आम चुनावों में 13 करोड़ नए मतदाताओं के लिए जो पहली बार वोट करेंगे उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा.
मोदी सरकार जो हर साल एक करोड़ नौकरियां बनाने के वादे के आधार पर सत्ता में आई थी, की गंभीर आलोचना की गई जिसके बाद सरकार ने वार्षिक रोजगार सर्वेक्षण नहीं किया
दिसम्बर 2015 में जब से नितीश कुमार ने शराब पर प्रतिबन्ध लगाया है तब से बिहार के पड़ोसी राज्यों, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल, ने अपने-अपने उत्पाद राजस्व में नियमित वृद्धि देखी है।
अदिति कमल, जो गूगल हैंगआउट्स की टीम लीडर थीं का कहना है कि वे हमेशा से एक देसी चैटिंग प्लेटफार्म डेवेलप करना चाहती थीं; पतंजलि अब इस एप्प को 21 जून को लॉन्च करेगी
मुख्य मानदंडों पर इंडोनेशिया चीन से ज्यादा फिट है। यह एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है जिसमें प्रति व्यक्ति आय ($ 4,000) हमसे दो गुनी है, जिसे हम 2030 तक ही हासिल कर पाएंगे।
यह समझ से परे है कि भाजपा जब भारत की सबसे मज़बूत पार्टी की स्थिति में है, तब वह जाति जनगणना जैसे विघटनकारी कदम को क्यों उठाए. अगर राहुल गांधी जैसे विपक्षी नेता ऐसी विघटनकारी राजनीति करते हैं, तो बात समझ में आती है. वे भाजपा के राजनीतिक प्रभुत्व को तोड़ने के लिए बेताब हैं, लेकिन भाजपा क्यों?