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Thursday, 10 October, 2024
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गूगल हैंगआउट्स से लेकर स्वदेशी व्हाट्सएप्प तक, पतंजलि किम्भो के पीछे इस टेकी का है हाथ

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अदिति कमल, जो गूगल हैंगआउट्स की टीम लीडर थीं का कहना है कि वे हमेशा से एक देसी चैटिंग प्लेटफार्म डेवेलप करना चाहती थीं; पतंजलि अब इस एप्प को 21 जून को लॉन्च करेगी

नई दिल्ली: बाबा रामदेव के नए स्वदेशी एप्प किम्भो के पीछे अमेरिका में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम कर रहीं और पूर्व गूगल टेकी अदिती कमल का हाथ है ।

32 वर्षीय अदिती जो पहले गूगल हैंगआउट्स कि टीम लीडर थीं, याहू मेल और ओरेकल के साथ भी काम कर चुकी हैं ।

“अमेरिका में लगभग एक दशक तक काम करने के बाद, मैं अपने देश के लिए एक एप्लीकेशन डिज़ाइन करना चाहती थी”, कमल ने कहा जो यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथर्न कैलिफ़ोर्निया से कंप्यूटर साइंस में एमएससी कर चुकी हैं। “मैंने फैसला किया कि मैं वापस भारत आउंगी और फिर मैंने पतंजलि के उच्च अधिकारियों से इस स्वदेशी एप्प को डेवेलप करने की बात कही”

कमल कहती हैं कि वे स्वदेशी वस्तुएं और सेवाओं को प्रमोट करने कि विचारधारा से काफी प्रभावित हुईं । “बाबा रामदेव और उनकी टीम ने इस आईडिया को स्वीकारने में बिल्कुल देर नहीं लगाई । उनकी टीम का केवल यही आदेश था कि इस प्रोडक्ट को एडवांस्ड एन्क्रिप्शन मानकों को ध्यान में रख कर बनाया जाए ताकि डाटा लीक जैसी समस्या नामुमकिन हो जाए ।

इस मेसेजिंग एप्प को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को लॉन्च किया जाएगा। बुधवार शाम को कंपनी ने इसका बीटा वर्ज़न लॉन्च किया जिसे पतंजलि बाबा रामदेव कि नयी कंपनी पतंजलि कम्युनिकेशन्स के अनुसार एक लाख से ज़्यादा लोगों ने डाउनलोड भी कर लिया

व्हाट्सएप्प के खिलाफ किया

किम्भो का लुक और फील यहाँ तक कि इसका लोगो भी व्हाट्सएप्प से प्रेरित है । पतंजलि अब इस एप्प को व्हाट्सएप्प के विकल्प में उतार रही है जिसे अब फेसबुक खरीद चुका है ।

“हमें मालूम है कैसे व्हाट्सएप्प की मूल कंपनी फेसबुक ने कैसे डाटा को लीक किया था । हमारे देश से बिना हमारी अनुमति के डाटा को उठाकर उन्होंने अपनी अर्थव्यवस्था को चमकाया है । यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारतीय उपभोक्ताओं कि निजिता के साथ कोई खिलवाड़ न हो, हम व्हाट्सएप्प का एक स्वदेशी सकल्प निकाल रहे हैं”, पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने दिप्रिंट को बताया । “हमारा एप्प किम्भो जिसका संस्कृत में अर्थ है ‘आप कैसे हैं’ कोई भी डाटा को सेव नहीं करता” ।

यह एप्प लोगों को फ्री में टेक्स्ट मैसेज भेजने के साथ साथ बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से अपडेटस प्राप्त करने का फीचर भी रखेगा। साधारण चैटिंग प्लेटफार्म से कुछ हटकर पतंजलि ने इसमें ‘घोस्ट मैसेजस” का फीचर भी रखा है जिसमें समय की नाज़ुकता के अनुसार कुछ पल में मैसेज डिलीट भी हो जाएंगे ।

एप्प फिलहाल अभी टेस्टिंग मोड पर है और गूगल प्लेस्टोर पर ट्रायल के लिए उपस्थित है । बालकृष्ण ने कहा ” हमारा आईडिया एक ऐसा एप्प लॉन्च करने का है जो पैसे कमाने के पीछे न भागे । सिर्फ देश की निजी जानकारी को बचाने के मकसद से ही हमने यह एप्प लॉन्च किया है”।

Read in English: From Google Hangouts to a swadeshi ‘WhatsApp’, this techie is behind Patanjali’s Kimbho

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