यह हमेशा ही एक बड़ा सवाल रहा है कि भारत में सहकारी बैंकों को कौन नियंत्रित करता है, राज्य या केंद्र. अध्यादेश ने आरबीआई को विफल बैंकों के मामले में दखल का अधिकार दे दिया है.
लेकिन मोदी सरकार का यह अध्यादेश अनुबंध खेती में सरकारी दखल की गुंजाइश भी छोड़ता है, जिस पर संसद को विचार करना चाहिए जब इसे कानून बनाने के लिए पेश किया जाएगा.
मोदी सरकार ने कृषि सुधारों पर अपने नीतिगत बयानों को कार्यरूप देने के लिए वास्तविक कानूनी बदलाव किए हैं. उनकी पूर्ण क्षमता को हासिल करने के लिए उसे अब खामियों को दूर करना चाहिए.
आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी तो लॉकडाउन में जितने लोग कोरोनावायरस से बीमार हुए थे उससे ज्यादा संख्या में लोग बीमार हो सकते हैं इसलिए सरकार को भारतीय डेटा पर आधारित नीति बनाने की जरूरत पड़ेगी
हवाई यात्रा के नियमों को लेकर अस्पष्टता से यात्रियों को क्या परेशानियां हुईं यह सामने आ चुका है, इसलिए बेहतर यही होगा कि उन्हें एजेंसियों और अधिकारियों की ओर से पर्याप्त समय दिया जाए ताकि वे यात्रा की योजना ठीक से बना सकें.
भारत में कोविड-19 वायरस का भविष्य क्या है और वह अर्थव्यवस्था तथा सरकारी राजस्व पर क्या असर डालेगा, यह सब अनिश्चित है इसलिए अभी ही सारे उपाय न आजमाना विवेकसम्मत है.
ऐसा लगता है कि सरकार शहरों की भीड़ कम करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि शहरी क्षेत्रों के कल्याण और बेरोज़गारी सहायता के लिए कोई कार्यक्रम घोषित नहीं किए गए.
इस नई दुनिया में ‘पॉपुलिज़्म’ वाम, दक्षिण, मध्य, सभी मार्गों को ध्वस्त कर रहा है. बेशक हर एक देश, मतदाता समूह, और समाज के लिए यह अलग-अलग रूप में उभर रहा है, इसका आकर्षण और इसकी सफलता इसके प्रयोग में निहित है. यह आपके दिल या दिमाग पर ज्यादा बोझ नहीं डालता.