scorecardresearch
Friday, 19 December, 2025
होमइलानॉमिक्स

इलानॉमिक्स

लोन रिस्ट्रक्चरिंग क्यों रिजर्व बैंक का एक स्वागत योग्य कदम और अब कर्जदारों के लिए सरकार को क्या करने की जरूरत है

आरबीआई ने कोविड-19 महामारी के असर से निपटने के तरीके के रूप में मोराटोरियम बढ़ाने की बजाए एकमुश्त ऋण पुनर्गठन की बैंकरों की मांग को स्वीकार कर लिया है.

गैर-महत्वपूर्ण सेक्टरों से मोदी सरकार का हाथ पीछे खींचना क्यों अच्छा कदम है

बाज़ार में सरकार का दखल कभी कभार तो चल सकता है मगर यह नियम नहीं बनना चाहिए. विनिवेश की ताज़ा पहल सही दिशा में उठाया गया कदम है. 

यूरोप और अमेरिका के विपरीत भारत ने कोविड संकट के दौरान आर्थिक आज़ादी क्यों बढ़ाई है

केंद्र सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों में अनेक पाबंदियों को हटाने की पहल की है और 1991 के उदारीकरण के विपरीत, राज्य सरकारें भी इस प्रक्रिया में साथ दे रही हैं.

ऊंची मुद्रास्फीति का मतलब ये नहीं है, कि आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ब्याज दरें बढ़ा दे

सप्लाई चेन्स के धीरे धीरे फिर से शुरू होने के साथ ही, मुद्रास्फीति घट सकती है. लॉकडाउन से भी आंकड़े सीमित हो गए हैं, इसलिए दरें बदलने से पहले, एमपीसी को इंतज़ार करना चाहिए.

विश्व बाजार में प्राकृतिक उपचार की मांग पूरा करने के लिए भारत को आयुर्वेद को रेगुलेट करना पड़ेगा

अगर भारत में निगरानी और नियमन की कारगर व्यवस्था बनाई जा सके तो भारत जड़ी-बूटी से बनने वाली पारंपरिक दवाइयों का बड़ा उत्पादक और निर्यातक बन सकता है.

सहकारी बैंकों पर मोदी सरकार का अध्यादेश कैसे पीएमसी जैसे घोटाले रोक सकेगा, जमाकर्ताओं को बचाएगा

यह हमेशा ही एक बड़ा सवाल रहा है कि भारत में सहकारी बैंकों को कौन नियंत्रित करता है, राज्य या केंद्र. अध्यादेश ने आरबीआई को विफल बैंकों के मामले में दखल का अधिकार दे दिया है.

एपीएमसी कानूनों ने किसानों के हाथ बांध रखे थे, मोदी सरकार के अध्यादेश ने उन्हें दूसरे क्षेत्रों जैसी आजादी दी

कृषि बाज़ारों के लिए कानूनी ढांचा तैयार करने के वास्ते सरकार ने जो तीन अध्यादेश लागू किए हैं उनमें तीसरा अध्यादेश निर्दिष्ट कृषि मंडियों...

क्यों अनुबंध खेती का अध्यादेश किसानों, खरीदारों और व्यापारियों के लिए लाएगा फायदा ही फायदा

लेकिन मोदी सरकार का यह अध्यादेश अनुबंध खेती में सरकारी दखल की गुंजाइश भी छोड़ता है, जिस पर संसद को विचार करना चाहिए जब इसे कानून बनाने के लिए पेश किया जाएगा.

मोदी सरकार ने कृषि सुधारों पर जो कहा वो कर दिखाया, अब बारी खामियों को दूर करने की है

मोदी सरकार ने कृषि सुधारों पर अपने नीतिगत बयानों को कार्यरूप देने के लिए वास्तविक कानूनी बदलाव किए हैं. उनकी पूर्ण क्षमता को हासिल करने के लिए उसे अब खामियों को दूर करना चाहिए.

ये मंदी अलग है और पहले के मुकाबले भारत कहीं ज़्यादा तेजी से वापसी कर सकता है

इस बार की मंदी अर्थव्यवस्था में निहित कमज़ोरियों, या तेल के झटकों जैसे कारणों से नहीं आई है. ये समकालिक भी है. इससे भारत की रिकवरी तेज़ हो सकती है.

मत-विमत

वीडियो

राजनीति

देश

महिला सशक्तीकरण से ही समग्र विकास का सपना पूरा होगा: भजनलाल शर्मा

जयपुर, 19 दिसंबर (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि आधी आबादी के सशक्तिकरण से ही समग्र विकास का सपना...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.