इस रिपोर्ट में दिल्ली के सात निजी और सरकारी अस्पतालों द्वारा साझा किए गए 97 कोविड मरीजों की मौतों पर डेटा एकत्र किया गया है. आंशिक रूप से या पूरी तरह से टीके लगाने वालों में मौतों के लिए मुख्य रूप से कोमोरबिडिटी को जिम्मेदार ठहराया गया है.
महाराष्ट्र रेजिडेंट डॉक्टरों के निकाय के अनुसार, 1 जनवरी से महाराष्ट्र रेजिडेंट डॉक्टरों के निकाय के अनुसार, लगभग 500 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कुल संक्रमितों का 3.48 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 से स्वस्थ होने की दर घटकर 95.20 प्रतिशत हो गई है.
आंकड़ों से संकेत मिलता है कि गोवा में हर 500 लोगों में से 1 की मौत का कारण कोविड-19 रहा होगा, और केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, तथा पुदुचेरी में ये संख्या हर 1,000 में 1 है. UP, बिहार तथा 5 अन्य सूबों में ये 10,000 में 1 है.
ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रभावी होने के बाद दुनियाभर के देशों के अनुभव के आधार पर सरकार का मानना है कि बहुत संभव है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड मरीजों की संख्या पहले के मुकाबले 5-10% तक कम हो सकती है.
पीएम मोदी ने कहा, 'ओमीक्रॉन के बारे में शुरुआती संदेह धीरे-धीरे साफ हो रहा है; यह स्वरूप सामान्य आबादी को पिछले स्वरूपों की तुलना में कई गुना तेजी से संक्रमित कर रहा है.'
विशेषज्ञों ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान स्टेरॉयड के अत्यधिक दुरुपयोग के कारण म्यूकोरमाइकोसिस के मामले चरम पर पहुंच गए थे. कई लोगों में ब्लड शुगर के अनियंत्रित स्तर और स्व-चिकित्सा ने भी इसमें योगदान दिया था.
आपने मुद्दे की बात की है. सरकार नियमित कर्मचारियों की जगह कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को छुट्टी आदि के प्रावधानों के साथ बहाली करके लागत काफी घटा सकती है, लेकिन क्या हम चुनावों, जनगणना, राहत तथा आपदा प्रबंधन के काम को ठेके पर करवा सकते हैं.