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Thursday, 25 April, 2024
होमहेल्थशर्तों के साथ बाजार में मिलेगी कोविशील्ड, कोवैक्सीन, MRP पर प्राइवेट क्लीनिकों से खरीद सकेंगे

शर्तों के साथ बाजार में मिलेगी कोविशील्ड, कोवैक्सीन, MRP पर प्राइवेट क्लीनिकों से खरीद सकेंगे

शर्तों के तहत, फर्मों को चल रहे क्लीनिकल परीक्षणों का डेटा प्रस्तुत करना होगा. टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर नजर रखी जाएगी.

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नई दिल्ली: भारत के दवा नियामक ने वयस्क आबादी में उपयोग के लिए कोविड-19 टीकों-कोविशील्ड और कोवैक्सीन को कुछ शर्तों के साथ बृहस्पतिवार को बाजार में बेचने की मंजूरी दे दी. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

मंत्री ने कहा कि सरकार का टीकाकरण अभियान जारी रहेगा क्योंकि इसके तहत सभी को पहली और दूसरी खुराक और वरिष्ठ नागरिकों के लिए एहतियाती खुराक प्रदान की जाती है.

मांडविया ने कहा, ‘नियामक ने कुछ शर्तों के साथ वयस्क आबादी में आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के साथ कोवैक्सीन और कोविशील्ड के लिए मंजूरी को अपग्रेड किया है.’

मंजूरी के तुरंत बाद, उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि दोनों टीके अब निजी क्लीनिकों में पूर्व-निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उपलब्ध होंगे और लोग उन्हें खरीद सकते हैं.

एक सूत्र ने कहा, ‘तथ्य यह है कि जो लोग बूस्टर खुराक प्राप्त करने के इच्छुक हैं, वे अब निजी क्लीनिकों के माध्यम से इसका लाभ उठा सकते हैं क्योंकि निजी क्लीनिकों में उपलब्ध टीके का उपयोग किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है, चाहे वह पहली खुराक हो, दूसरी खुराक या बुस्टर खुराक हो.’

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नये औषधि और नैदानिक परीक्षण नियम, 2019 के तहत यह मंजूरी दी गई है.

शर्तों के तहत, फर्मों को चल रहे क्लीनिकल परीक्षणों का डेटा प्रस्तुत करना होगा. टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर नजर रखी जाएगी.

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड​​​​-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने 19 जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को कुछ शर्तों के साथ नियमित विपणन मंजूरी प्रदान करने की अनुशंसा की थी. इसके बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने यह मंजूरी दी.

एसआईआई के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने इस मामले में 25 अक्टूबर को डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था.

इस पर डीसीजीआई ने पुणे स्थित कंपनी से अधिक डेटा और दस्तावेज मांगे थे, जिसके बाद सिंह ने हाल में अधिक डेटा और जानकारी के साथ एक जवाब प्रस्तुत किया था.

उन्होंने कहा था, ‘कोविशील्ड के साथ इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण और कोविड-19 की रोकथाम अपने आप में टीके की सुरक्षा और प्रभावशीलता का प्रमाण है.’

डीसीजीआई को भेजे गए एक आवेदन में हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के पूर्णकालिक निदेशक वी. कृष्ण मोहन ने कोवैक्सीन के लिए नियमित विपणन मंजूरी की मांग करते हुए टीके से संबंधित समूची जानकारी उपलब्ध कराई थी.

मोहन ने आवेदन में कहा था कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने भारत में टीके (कोवैक्सीन) के विकास, उत्पादन और चिकित्सीय मूल्यांकन करने की चुनौती स्वीकार की थी.

कोवैक्सीन और कोविशील्ड को तीन जनवरी को आपातकालीन उपयोग प्राधिकार (ईयूए) दिया गया था.

बाद में स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार द्वारा अपनाया गया सक्रिय और चुस्त दृष्टिकोण कोविड-19 के प्रबंधन की उसकी रणनीति की पहचान रहा है.

इसमें कहा गया है कि देश में दो टीकों को डीसीजीआई द्वारा दी गई सशर्त नियमित विपणन मंजूरी उस मुस्तैदी और समयबद्धता को इंगित करती है जिसमें देश की सार्वजनिक प्रतिक्रिया रणनीति और निर्णय लेने वाले तंत्र के जरिये महामारी का मुकाबला किया गया है.

विश्व स्तर पर प्रमुख नियामकों में, केवल अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) और ब्रिटेन की दवा और स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) ने फाइजर और एस्ट्राजेनेका को क्रमशः उनके कोविड-19 टीकों के लिए ‘सशर्त विपणन मंजूरी’ प्रदान की है.

भारत में राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 को की गई थी और और अब तक 160 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं.

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड-19 टीकाकरण की गति को तेज करने और इसके दायरे का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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