पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में कोविड मरीज़ों को बेड नहीं मिलने की ख़बरों से सरकार की काफ़ी किरकिरी हुई है. सीएम केजरीवाल ने कुछ अस्पतालों पर बेड बेचने का आरोप लगाए हैं.
दिल्ली सरकार द्वारा रविवार को जारी किए गए स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक एलएनजेपी में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 732 है. इनमें से 37 मरीज आईसीयू और दो वेंटिलेटर पर हैं.
बक्सर ज़िला मजिस्ट्रेट अमन समीर का कहना है कि गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबकि तो धार्मिक स्थल 8 जून से खुलने हैं. लेकिन कंफ्यूजन की वजह से लोग गंगा दशहरा मनाने पहुंच गए होंगे.
धारावी से जुड़े एक सवाल के जवाब में केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 1957 में केरल ने 'लैंड रिफॉर्म' किया जिससे ग़रीबों को ज़मीन मिली और अब उनके पास अपने घर हैं. राज्य में धारावी जैसी झुग्गियां नहीं हैं.
महामारी विशेषज्ञ गिरिधर आर. बाबू ने दिप्रिंट से कहा, 'अन्य तरीकों (किसी सतह या चीज़ को छूने) से वायरस के आसानी से नहीं फ़ैलने को लेकर सीडीसी द्वारा दी गई जानकारी पर तुरंत निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए.'
दिल्ली गेट स्थित 'कब्रिस्तान अहले इस्लाम' के सुपरवाइज़र मोहम्मद शमीम पिछली 3 पुश्तों से यहां काम कर रहे हैं. अब कोविड वाली डेड बॉडी भी दफ़नवाने में लगे शमीम की मांग है कि उन्हें भी इंश्योरेंस समेत अन्य सुविधाएं दी जाएं.
शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर सभी सीबीएससी स्कूलों को निर्देश दिया है कि 9वीं एवं 11वीं में जो बच्चे जो किसी भी सब्जेक्ट में फेल हो गए हों या नंबर कम रह गए हैं, ऐसे सभी बच्चों को ऑनलाइन/ऑफलाइन/इनोवेटिव तरीके से टेस्ट लिया जाए. इसमें दोबार फेल हो चुके छात्र भी हो सकेंगे शामिल.
नॉर्थ दिल्ली की कमिश्नर आईएएस अधिकारी वर्षा जोशी की मानें तो ये समस्या पिछले 9 महीने ही नहीं बल्कि पिछले 3 सालोें से बनी हुई है. अपनी हालत बयां करते हुए जोशी ने कहा कि उन्होंने तो ख़ुद जनवरी के बाद से सैलरी नहीं ली है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोविड-19 मरीज़ों की डिस्चार्ज नीति में बदलाव हुआ है. अन्य देशों में टेस्टिंग के बजाया लक्षण और समय आधारित डिस्चार्ज नीति को भारत ने भी अपनाया गया है.
दिल्ली सरकार मानती है कि निर्माण कार्य रोकने और वाहनों की आवाजाही कम करने से प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है, लेकिन ये सब खून से लथपथ घावों पर जल्दबाजी में की गई मरहम पट्टी के सिवा कुछ नहीं है.