प्रधानमंत्री मोदी ने बताया है कि 3 करोड़ प्राथमिकता वाले लाभार्थियों को मुफ्त वैक्सीन देने का प्रावधान किया गया है. लेकिन इसने अन्य 27 करोड़ के लिए सवाल खड़ा कर दिया है.
टीकों को ले जाने के काम से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि तापमान नियंत्रित तीन ट्रक इन टीकों को लेकर तड़के पांच बजे से कुछ समय पहले पुणे हवाई अड्डे जाने के लिए रवाना हुए.
महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने दिप्रिंट को बताया कि ICMR अपने सभी शोध निष्कर्षों को प्रकाशित करता है, जिसमें Covaxin डाटा शामिल है.
ये सीरो-प्रचलन स्टडी तीन अलग अलग प्रतिष्ठानों के शोधकर्ताओं द्वारा - जिनमें लांज़ू यूनिवर्सिटी और वूहान यूनिवर्सिटी शामिल हैं- मार्च से मई 2020 के बीच की गई.
स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड-19 के खिलाफ फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के करीब 27 करोड़ व्यक्तियों और अन्य बीमारियों से ग्रसित 50 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों का वैक्सीनेशन शुरुआती चरण में ही किया जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा टीकों को प्राथमिकता के आधार पर उन देशवासियों को देने में सक्षम होंगे जिन्हें सरकारी एवं निजी क्षेत्र में खतरा है. सरकार पहले ही इसकी योजना को सार्वजनिक कर चुकी है.
दिप्रिंट के ‘ऑफ द कफ़’ में शेखर मांडे कोविड-19 के लिए भारत के गणितीय सुपरमॉडल, कम आय और अधिक आय वाले देशों पर महामारी के असर, और ‘फेलूदा’ के बारे में बात करते हैं.
हैदराबाद और चंडीगढ़ के अस्पतालों में काम कर रहे वैज्ञानिकों ने वार्ड में मौजूद हवा के नमूना का उपयोग किया जो वायरस कणों को इकट्ठा कर सकता है, और फिर आरटी-पीसीआर का उपयोग करके उनकी मौजूदगी को देखा.
आरएसएस इंदिरा गांधी की सरकार को किसी भी तरह गिराना चाहता था, लेकिन बाद में उसी “तानाशाह” इंदिरा गांधी से मेल-मुलाकात करने और तारीफें करने में उसे कोई नैतिक दुविधा नहीं हुई, जिन्होंने संघ के नेताओं को जेल में डाला था.