भारत बायोटेक के पहले जारी एक बयान के अनुसार ‘इनकोवैक’ की कीमत निजी क्षेत्र के लिए 800 रुपये और भारत सरकार तथा राज्य सरकारों को आपूर्ति के लिए 325 रुपये है.
राज्य के आंकड़ों के अनुसार, प्रारंभिक रेफरल केंद्रों के जरिए अधिक संस्थागत जन्म हुए हैं, लेकिन नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ में देखभाल करने वालों के लिए इलाके और कनेक्टिविटी की कमी सबसे बड़ी चुनौती है.
यूके के रोगियों को जल्द ही इस डिवाइस के तहत कवर किया जा सकता है, जो ब्लड ग्लूकोज को मापता है, आवश्यक इंसुलिन की मात्रा की गणना करता है और फिर उसी सटीक मात्रा को रक्त प्रवाह में पंप करता है.
पूनावाला ने रविवार को यहां भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि टीका कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप के खिलाफ बहुत असरदार है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, अगले 40 दिन महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि भारत में जनवरी के मध्य में कोविड मामलों में उछाल देखा जा सकता है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि मॉक ड्रिल का फोकस बिस्तर क्षमता, मानव संसाधन, अस्पतालों की परीक्षण क्षमता, चिकित्सा रसद, टेलीमेडिसिन सेवाओं और ऑक्सीजन के आकलन करने पर होगा.
रोजाना खुराक की संख्या (पहली और दूसरी सहित) 18-25 दिसंबर के बीच लगभग दोगुनी हो गई और पिछले सप्ताह के अंत में 1 लाख का आंकड़ा पार कर गई. सोमवार दोपहर 3 बजे तक 68,000 से अधिक खुराक दी गई.
एक समय था जब भारतीय लोग तकनीक के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी होने का सपना देखते थे. अब, चीनी इतने आगे हैं कि वे हमें प्रतिस्पर्धी भी नहीं मानते. यह उनके और अमेरिका के बीच की बात है.