नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने ‘एमबीबीएस स्टूडेंट्स के वर्कलोड को कम करने’ के लिहाज़ से करिकुलम में से रेस्पिरेटरी मेडिसिन (पल्मोनोलॉजी) को हटा दिया था, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि भारत में बढ़ती श्वास संबंधित बीमारियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टरों की ज़रूरत है.
दिल्ली में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित कार्यालयों के संबंध में अलग-अलग समय अपनाने की सलाह दी जाती है.
रोज़ाना ड्यूटी पर तैनात कई अधिकारी खांसी, गले में दर्द और आंखों में जलन की समस्या से जूझ रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के संपर्क में आने से फेफड़ों को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है और इससे कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं.
70 वर्ष या उससे अधिक आयु के भारतीय, जिन्हें दूसरों की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने की अधिक संभावना है, अपनी आय की परवाह किए बिना अपने आधार विवरण के साथ आयुष्मान भारत पोर्टल या इसके मोबाइल ऐप पर पंजीकरण कर सकते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय खाद्य विज्ञान और पोषण पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि एडवॉन्स्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स में कम खाद्य पदार्थ खाने से मोटापे से जुड़ी टाइप-2 मधुमेह के बोझ को कम किया जा सकता है.
NAFLD दुनिया भर में सबसे आम क्रोनिक लिवर रोग है, जो कुल वयस्कों की एक-तिहाई जनसंख्या तक को प्रभावित करता है. अनुमान है कि भारत में लिवर कैंसर के 30-40% मामले NAFLD के कारण होते हैं.
स्वास्थ्य सेवाओं के भुगतान के लिए उपलब्ध वित्तीय सुरक्षा के स्तर का मुख्य संकेतक है आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च है. नेशनल हेल्थ अकाउंट्स की रिपोर्ट कई खुलासे करती है.
सर्वेक्षण में 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 3,885 डॉक्टरों - सरकारी और निजी अस्पतालों दोनों से - से पूछा गया. सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से लगभग 80% जूनियर डॉक्टर थे, जो ज़्यादातर रात की ड्यूटी पर होते हैं.
इस साल की शुरुआत से ही अफ्रीका में मौजूदा प्रकोप जारी है. एमपॉक्स क्लेड 1 के 17,000 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें से 500 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
टाटा मेमोरियल सेंटर और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज के शोधकर्ताओं ने पाया कि औसत और औसत आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च क्रमशः 1,26,988 रुपये और 1,86,461 रुपये है.
आरएसएस के सरसंघचालक अगर ‘मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने’ के बढ़ते दावों पर रोक लगाने की अपील कर रहे हैं तो इसके पीछे यह एहसास है कि यह मसला कहीं भाजपा सरकार के काबू से बाहर न हो जाए .