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Saturday, 4 May, 2024
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क्या भारत में उपन्यास मर रहा है? ज्यादा से ज्यादा नॉन-फिक्शन की तरफ भाग रहे प्रकाशक

पाठकों और प्रकाशकों में तथ्य, डेटा, नैरेटिव, थ्योरी और अनुभवों के लिए नया उत्साह है. भारत में फिक्शन को पढ़ने वाले अब धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं.

PM सेल्फी से लेकर गीता के पॉड तक, भारत में स्टफी म्यूजियम का कायाकल्प करने में जुटी है टैगबिन कंपनी

भारत में म्यूजियम आमतौर पर लोगों की घूमने वाली लिस्ट में नहीं होते हैं. एक आईआईटी ग्रेजुएट की गुरुग्राम स्थित कंपनी इसमें बदलाव कर रही है.

क्या शिमला की कहानी खत्म हो गई है? बेंगलुरू जैसा जाम, पानी की किल्लत, ढहती इमारतें और उमड़ती भीड़

समय के बीच फंसा शिमला विकास की सही योजनाएं खोजने के लिए संघर्ष कर रहा है. ऐसी योजनाएं जो इसकी विरासत को नया कर सके, पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखे और इसकी आबादी की जरूरतों को पूरा कर सके.

‘3 बार खाना, 2 कप चाय’ – मंडपम कैंप में शरण पाने के लिए एक बार फिर सागर लांघ कर आने लगे हैं श्रीलंकाई...

श्रीलंकाई गृहयुद्ध की वजह से विस्थापित शरणार्थियों के लिए बने तमिलनाडु के इस पुराने कैंप में श्रीलंकाई आर्थिक संकट के बाद नए शरणार्थी आने लगे हैं.

‘ULFA’ पर कविता के लिए 64 दिन जेल में रहकर घर लौटी असम की किशोरी, कोई चार्जशीट नहीं, कर्ज में परिवार

बरसाश्री बुरागोहेन को अपनी फेसबुक पोएम के कारण गिरफ्तार किया गया था जो कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई की प्रशंसा करने वाली मानी गई. गणित की प्रोफेसर बनने का सपना देखने वाली बरसाश्री घर लौटने के बाद अभी पूरी तरह संभल नहीं पाई है.

कॉमेडी की दुनिया में कैसे पहचान बना रहे भारत के दलित कॉमिडियन

दलित कॉमेडियन अंकुर तंगाडे कहते हैं, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कॉमेडियन किसी और जाति का है या फिर दलित. चुटकुले सभी के लिए हैं. हमारा ध्यान सिर्फ लोगों को हंसाने पर है.’ तंगाडे महाराष्ट्र के बीड में थिएटर के छात्र भी हैं.

मुंडका अग्निकांड में किसे मुआवजा मिलेगा, किसे नहीं : ‘प्रूफ राज’ से लड़ रहे हैं पीड़ितों के परिवार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि इस हादसे में मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और सभी घायलों को 50,000 रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे. लेकिन दिल्ली श्रम विभाग ने अभी तक भुगतान की प्रक्रिया पूरी नहीं की है.

भारत छोड़ो आंदोलन की जन्मभूमि रहा ‘अगस्त क्रांति मैदान’, जिसका अब इसका कायाकल्प किया जा रहा है

जैसे-जैसे मुंबई भारत के आर्थिक केंद्र के रूप में उभरती गई, वैसे-वैसे स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका को भुला सा दिया गया. एक नया अगस्त क्रांति मैदान अब इसके इतिहास को फिर से जीवंत बनाएगा.

इवोल्यूशन की प्रयोगशाला बने ऑरोविले में रहने वालों के बीच आखिर क्यों बढ़ता जा रहा है मतभेद

ऑरोविले में रहने वालों के रिश्तों में खटास आ रही है जिससे ‘मानव एकता’ के उच्च आदर्श स्थापित करने का विचार खतरे में पड़ गया है.

गलत तरीके से फंसे आरोपियों की लड़ाई लड़ने वाले शाहिद को खुद की हत्या के मामले में कोर्ट से मिली निराशा

372 सुनवाई, 109 गवाह और 15 से अधिक न्यायाधीशों ने की सुनवाई, शाहिद आजमी की हत्या का मुकदमा उन्हीं न्यायिक दांवपेंचों में उलझा है, जिन्हें सुलझाने में उन्हें महारत हासिल थी.

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मप्र: बलात्कार की शिकायत के बाद डिप्टी कलेक्टर गिरफ्तार

बड़वानी (मध्य प्रदेश), तीन मई (भाषा) मध्य प्रदेश के बड़वानी में एक महिला कर्मचारी की शिकायत के बाद डिप्टी कलेक्टर को बलात्कार के आरोप...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.