निशंक ने बताया कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए जेईई एडवांस परीक्षा के लिये 12वीं कक्षा में 75 फीसदी अंक के निर्धारित पात्रता मानदंड में इस बार भी छूट दी गयी है .
सरकार की स्कूल बैग पॉलिसी के साथ छात्रों के बस्ते के बोझ का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है जिसमें बस्ते का बोझ विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों के औसत वजन से 10% से अधिक न रखने की पाबंदी लगाई गई है.
नौकरी के अवसरों में आईआईटी की प्रतिष्ठा एक महत्वपूर्ण फैक्टर है. दिप्रिंट ने जिन कई प्रोफेसर से बात की उन्होंने प्लेसमेंट सीजन में पूर्व छात्रों के नेटवर्क के प्रभाव को काफी अहम बताया है.
शिक्षामंत्री निशंक ने उम्मीद जताई की समय पर कापियों को जाचं लेंगें. रिजल्ट भी 15 जुलाई तक घोषित हो जाना चाहिए. प्रैक्टिल की परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू हो जाएंगी.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा ली जायेगी. यह विभिन्न पालियों में आयोजित की जायेगी. इससे छात्रों को अंक सुधारने में मदद मिलेगी.
आईआईटी निदेशकों और सरकारी अधिकारियों के एक पैनल का कहना है कि इन संस्थानों को ऐसे आरक्षण से छूट दी जानी चाहिए क्योंकि ये ‘राष्ट्रीय महत्व के संस्थान’ हैं.
पोखरियाल ने पिछले सप्ताह छात्रों के साथ ऑनलाइन बातचीत में कहा था कि सरकार अगले वर्ष से एक साल में तीन या चार बार संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)-मेन कराने के सुझावों पर विचार कर रही है, जिसपर छात्रों से सुझाव मांगे थे.