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Friday, 29 March, 2024
होमएजुकेशनमैकेंजी, अमेजॉन, डेलॉएट—बड़ी कंपनियों ने कोविड के बावजूद IIM, निजी प्रबंधन संस्थानों से बड़ी भर्तियां कीं

मैकेंजी, अमेजॉन, डेलॉएट—बड़ी कंपनियों ने कोविड के बावजूद IIM, निजी प्रबंधन संस्थानों से बड़ी भर्तियां कीं

कई आईआईएम और कुछ शीर्ष निजी प्रबंधन संस्थानों में 100% प्लेसमेंट हुआ है, जहां छात्रों को 28 लाख रुपये तक का औसत वेतन ऑफर किया गया है, क्योंकि इन कंपनियों की नजरें निजीकरण की मोदी सरकार की पहल पर टिकी हैं.

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नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होने के बावजूद इस साल भारत के प्रबंधन संस्थानों ने रिकॉर्ड प्लेसमेंट दर्ज किया है.

भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) समेत तमाम निजी और सरकारी शीर्ष प्रबंधन संस्थानों ने अपने छात्रों की नियुक्ति के लिए डेलॉयट, केपीएमजी, मैकेंजी और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप जैसे कुछ सबसे बड़े नियोक्ताओं को अपने कैंपस में पाया, जिन्होंने उन्हें 28 लाख रुपये तक का औसत वार्षिक वेतन ऑफर किया.

बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि प्लेसमेंट इस तरह बढ़ना ‘उम्मीद से भरे बाजार’ का एक संकेतक हैं और कंपनियां अब ‘वो सब हायरिंग कर रही हैं जो 2020 में नहीं कर पाई थीं.’

उन्होंने यह भी कहा कि 2021 के बजट में निजीकरण की दिशा में सरकार की बड़ी पहल ने काफी हद तक निजी क्षेत्र की आशंकाओं को कम किया है.


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आईआईएम में प्लेसमेंट

आईआईएम-कोझिकोड में प्लेसमेंट 100 फीसदी रहा है और प्लेसमेंट प्रक्रिया में शामिल सभी 459 छात्रों का चयन हो गया. संस्थान की तरफ से पिछले हफ्ते जारी एक बयान के मुताबिक इसमें पिछले साल की तुलना में 4.6 प्रतिशत वृद्धि हुई है.

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आईआईएम-कोझिकोड के निदेशक प्रोफेसर देबाशीष चटर्जी ने बयान में कहा, ‘आईआईएम-कोझिकोड के 25 साल के इतिहास में 2020-21 को सही मायने में उपलब्धियों वाले एक वर्ष के तौर पर याद किया जाएगा.’

संस्थान के छात्रों को ऑफर किया गया औसत वेतन 22.5 लाख रुपये प्रति वर्ष रहा है. वहीं, लगभग 50 प्रतिशत छात्रों का औसत सीटीसी 28.9 लाख रुपये प्रति वर्ष है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.1 प्रतिशत ज्यादा है.

इस संस्थान में प्रमुख नियोक्ताओं में एक्सेंचर स्ट्रेटजी, अमेजॉन, अमेरिकन एक्सप्रेस, एशियन पेंट्स, बेन एंड कंपनी, बजाज ऑटो, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, कैपजेमिनी, कॉग्निजेंट बिजनेस कंसल्टिंग, सिटी बैंक, डेलॉएट, ड्यूश बैंक, एवरेस्ट इंडस्ट्रीज, ईवाई फ्लिपकार्ट, गोल्डमैन सैक्श, एचएसबीसी, जेपी मॉर्गन चेश एंड कंपनी, माइक्रोसॉफ्ट, नोमुरा, पिडिलाइट, पीडब्ल्यूसी, रिलायंस, आरपीजी, सैमसंग, टीएएस और टाटा स्काई शामिल हैं.

आईआईएम बैंगलोर में 2019-21 के पीजीपी (प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम) क्लास में इंटरव्यू के दो दिनों के दौरान कुल 481 नौकरियों के ऑफर मिले.

संस्थान ने इस हफ्ते के शुरू में जारी एक बयान में कहा कि इंटरव्यू में मौजूद सभी 435 छात्रों को सफलतापूर्वक प्लेसमेंट मिल गया है.

आईआईएम बैंगलोर में कैरियर डेवलपमेंट सर्विसेज के चेयरमैन प्रोफेसर यू. दिनेश कुमार ने कहा, ‘हमारे छात्रों ने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया है. कोविड-19 के कारण उपजी अड़चनों के बावजूद प्रतिष्ठित कंपनियों ने उनकी भर्ती की है.’

इस संस्थान से भर्ती करने वाली शीर्ष कंपनियां में मैकेंजी एंड कंपनी, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, केर्नी, पीडब्ल्यूसी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, अल्वारेज एंड मार्सल, आर्थर डी लिटिल, आईबीएम कंसल्टिंग, ईवाई-पार्थेनन, केपीएमजी, अर्नस्ट एंड यंग और डेलॉएट शामिल हैं

आईआईएम-अहमदाबाद में 2021 के पीजीपी क्लास के लिए अंतिम प्लेसमेंट प्रक्रिया का पहला चरण बुधवार को आयोजित किया गया था.

टॉप रिक्रूटर्स में बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप शामिल था जिसने सबसे ज्यादा 32 ऑफर (प्री-प्लेसमेंट ऑफर सहित) दिए इसके बाद 30 ऑफर्स के साथ मैकेंजी दूसरे नंबर पर रही.

संस्थान की तरफ से बुधवार को जारी बयान के मुताबिक, ‘आईआईएम-ए में हमेशा विविध क्षेत्रों की बड़ी कंपनियां जुटती है. कंसल्टिंग फर्मों की तरफ से विभिन्न भूभागों (मध्य पूर्व समेत) के लिए प्रबंधन परामर्श भूमिकाओं के लिए बड़े पैमाने पर भर्ती किया जाना जारी है. यह आईआईएम-ए में सामान्य प्रबंधन कार्यक्रम की मजबूती को स्पष्ट करता है.’

आईआईएम-कोलकाता ने अपने फ्लैगशिप एमबीए प्रोग्राम के लिए रिकॉर्ड 100 प्रतिशत प्लेसमेंट दर्ज किया है.

संस्थान की तरफ से शुक्रवार को जारी एक बयान में बताया गया कि प्लेसमेंट सीजन 3 मार्च को पूरा हुआ.

बयान के मुताबिक, ‘विभिन्न वर्गों के आधार पर बने तीन क्लस्टर में सम्पन्न हुई प्रक्रिया में कुल 467 छात्रों ने हिस्सा लिया और उन्हें 520 से अधिक ऑफर मिले. महामारी के मद्देनजर पूरी नियुक्ति प्रक्रिया का संचालन वर्चुअल ढंग से किया गया. बयान में बताया गया है कि अंतिम नियुक्ति प्रक्रिया में कुल 172 कंपनियों ने हिस्सा लिया.


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निजी बी-स्कूलों में प्लेसमेंट

निजी बी-स्कूलों में शामिल जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट-एक्सएलआरआई ने इस साल 100 फीसदी प्लेसमेंट हासिल किया.

संस्थान के एक प्रवक्ता ने दिप्रिंट को बताया कि ऑफर किया गया औसत वेतन 25.08 लाख रुपये प्रतिवर्ष रहा जो 2020 में 24.03 लाख रुपये रहा था.

एक्सएलआरआई के डायरेक्टर फादर पी. क्रिस्टी एस.जे. ने एक बयान में कहा, ‘हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि महामारी और दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर इसके प्रतिकूल प्रभाव के बावजूद एक्सएलआरआई ने इस वर्ष रिकॉर्ड समयसीमा में 100 फीसदी प्लेसमेंट हासिल किया है. हमारा मानना है कि यह बेहतरीन प्लेसमेंट कॉरपोरेट जगत की तरफ से इस बात की पुष्टि करता है कि हम साल दर साल अपने छात्रों को प्रासंगिक प्रबंधन आधारित शिक्षा प्रदान करते आ रहे हैं.’

सबसे ज्यादा ऑफर यहां के रेग्युलर रिक्रूटर बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, बेन एंड कंपनी, पीडब्ल्यूसी, एक्सेंचर स्ट्रेटजी, अमेजॉन, आईटीसी, पेटीएम आदि की तरफ से दिए गए.

नए रिक्रूटर में मास्टरकार्ड, डीई शॉ, एयरबीएनबी, डीबीएस बैंक, नायका, फ्रेशवर्क्स, जेडएस एसोसिएट्स, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रोगकैप, रिबेल फूड्स और आईडीएफसी बैंक जैसी कंपनियां शामिल थीं.

एसपी जैन स्कूल ऑफ ग्लोबल मैनेजमेंट, जिसकी शाखाएं भारत और विदेश दोनों जगहें हैं, ने भी बताया कि उनकी प्लेसमेंट दर बहुत अच्छी रही है.

ग्लोबल एमबीए वर्ग के लिए सबसे बड़ा ऑफर 43.9 लाख रुपये था, जबकि औसत वार्षिक वेतन 22 लाख रुपये दर्ज किया गया. यह प्रोग्राम तीन वर्षों के अनुभव वाले पेशेवरों के लिए है.

संस्थान के टॉप रिक्रूटर्स में आरमेक्स, बायर, सीडर कंसल्टिंग, कॉग्निजेंट, डाबर, डैंजास, ई एंड वाई, इमर्सन, फ्रॉस्ट एंड सुलिवान और जेन पैक्ट जैसी कंपनियां शामिल थीं.

इंडस्ट्री को बिजनेस के फिर रफ्तार पकड़ने की उम्मीद

बेंगलुरु स्थित भर्ती एजेंसी एक्सफेनो के संस्थापक कमल कारंत का मानना है कि नियुक्तियों में तेजी एक ‘उम्मीद भरे बाजार’ संकेतक है.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘कॉरपोरेट्स का मानना है कि जल्द ही मांग में तेजी आने वाली है और बाजार में ऐसी स्थिति के लिए वे खुद को तैयार रखना चाहते हैं. हायरिंग की सबसे ज्यादा मांग टेक्नोलॉजी सेक्टर में है, जिसमें खपत बढ़ी है, लेकिन अभी एफएमसीजी कंपनियां बढ़ती मांग की स्थिति देख रही हैं और बेहतर ग्रोथ की उम्मीद जता रही हैं.’

उन्होंने कहा, ये कंपनियां अभी वो सब हायरिंग भी कर रही हैं जो उन्होंने 2020 में नहीं की थी. दरअसल, पिछले दो महीनों में बैंकिंग कंपनियों और एनबीएफसी भी बढ़ती मांग की स्थिति देख रही हैं.’

हालांकि, आईआईएम-अहमदाबाद में प्लेसमेंट मामलों के चेयरपर्सन प्रोफेसर अमित कर्ण का कहना है कि प्रीमियम बी-स्कूलों में प्लेसमेंट देशभर के सभी बी-स्कूलों के लिए बैरोमीटर नहीं हो सकता है.

उन्होंने कहा, ‘भले ही कैसी भी सामाजिक या आर्थिक चुनौतियां सामने आई हों लेकिन देशभर के प्रीमियम बी-स्कूलों को कभी भी प्लेसमेंट में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है. जरूरत यह बात समझने की है कि ऐसे हालात में भर्ती करने वाली कंपनियों की सोच क्या है.’

उन्होंने कहा, ‘अगर कोई बड़ी कंपनी आम तौर पर प्रीमियम कॉलेजों से 20 छात्र और मध्यम स्तर के बी-स्कूलों से 60 छात्र भर्ती करती है तो इस साल महामारी के कारण उसका व्यवहार बदल सकता है. कम खाएंगे लेकिन स्वास्थ्यवर्धक खाएंगे, के सिद्धांत पर अमल करते हुए वह कुल 50 छात्रों को ही नियुक्त करेगी, लेकिन केवल शीर्ष संस्थानों से. यह मध्यम स्तर के बी-स्कूल में होने वाले प्लेसमेंट को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा.’

कर्ण ने कहा रिक्रूटर महामारी को देखते हुए ‘बदली स्थितियों में शिक्षण कार्य वर्चुअल माध्यम और हाइब्रिड लर्निंग में तब्दील होने के कारण को शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर भी सशंकित हैं.’

उन्होंने कहा, ‘वे केवल उन संस्थानों की ओर रुख करेंगे जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करने के पूरे प्रयास किए जाने को लेकर वह पूरी तरह आश्वस्त होंगे.’

हालांकि, कारंत और कर्ण दोनों इस बात पर सहमत थे कि बजट 2021 में निजीकरण की दिशा में की गई जोरदार पहल ने कैसे निजी कंपनियों की आशंकाओं को घटाया है.

कर्ण ने कहा, ‘जैसे ही निजीकरण होता है, बड़ी कंपनियों को पूर्व सार्वजनिक उपक्रम में बदलाव के लिए सलाहकारों की जरूरत पड़ेगी. इसलिए, वे बेहतरीन सलाहकारों को अभी ही काम पर रख लेने के उत्सुक हैं.’

केएमपीजी में पार्टनर और सेक्टर हेड, एजुकेशन एंड स्किल डेवलपमेंट नारायणन रामास्वामी का कहना है कि बड़ी संख्या में प्लेसमेंट अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत है.

उन्होंने कहा, ‘उद्योग बाजार में फिर उछाल और अपना कारोबार फिर से पटरी पर लौटने का इंतजार कर रहे हैं. प्रबंधन संसाधनों की मांग बढ़ती दिखना अच्छा संकेत है जो बताता है कि हर तरह के कार्यों के लिए भर्ती बढ़ाई जाएगी.’

बजट में निजीकरण पर जोर दिए जाने के बाबत रामास्वामी ने कहा, ‘निजीकरण पर अमल होने में अभी कुछ समय लगेगा. यह रिक्रूटमेंट साइकिल एक साल तक खर्च और निवेश ठप रहने के बाद मांग में वृद्धि को पूरा करने के उद्देश्य वाला ज्यादा है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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