सेना के पूर्व अधिकारियों और रक्षा संस्थानों से जुड़े लोगों का कहना है कि रूस रिहायशी इलाकों में आक्रमण करने से बच रहा है और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर यूक्रेन में रूस समर्थित सरकार स्थापित करना चाहता है.
पाकिस्तानी सेना, भारतीय तोपखाने की मार का सामना करने के लिए अपनी पोजीशन मजबूत करने के मकसद से निजी फर्मों को काम पर लगा रही है. दूसरी तरफ, भारतीय सेना भी अपने शस्त्र भंडार में कई सारे नवीनतम हथियार और निगरानी प्रणालियां जोड़ रही है.
यूक्रेन की 12,303 बख्तरबंद गाड़ियों के मुकाबले रूस के पास 30,122 इस तरह की गाड़ियां हैं. रूस के पास 605 युद्धपोत हैं. वहीं, यूक्रेन के पास सिर्फ़ 38 युद्धपोत हैं. रूस के पास परमाणु हथियार भी हैं. वही, यूक्रेन अब परमाणु हथियार नहीं रखता. इतना ही नहीं, रूस के पास हाइपरसोनिक मिसाइल भी हैं.
एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने इस बात को भी रेखांकित किया कि चीन द्वारा एक अक्षम हो चुके उपग्रह को भौतिक रूप से 'ग्रेवयार्ड ऑर्बिट' में धकेला जाना अंतरिक्ष की हथियारबंदी वाली दौड़ में एक नया खतरा है.
एक इंटरव्यू में लेफ्टीनेंट जनरल पांडे कहा है कि कश्मीर में स्थाई शांति और स्थिरता के लिए सही बीमारी और संकट का पता लगाना जरूरी है. सिर्फ इस बीमारी के लक्षण का इलाज करना कोई समाधान नहीं है.
यह पहली बार है जब भारतीय सेना ने गलवान घाटी, जहां जून 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच घातक झड़प हुई थी, का दौरा करने वाले अपने किसी शीर्ष अधिकारी की तस्वीरें जारी की हैं.
दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में मेजर जनरल अजय चांदपुरिया ने ये भी कहा, कि अफगान-भाषी लोगों के PoK में पहुंचने की ख़बरें मिली थीं, और सैकड़ों अफगानी SIM कार्ड्स LoC के आसपास के इलाक़ों में सक्रिय थे.
कारगिल युद्ध खत्म होने के बाद, पहली बार साल 2000 में मंत्रियों के एक समूह ने ‘समुद्री मामलों के प्रबंधन के लिए एक शीर्ष निकाय’ के गठन का सुझाव दिया था.’
चीन के सरकारी मीडिया ने 1 जनवरी को ‘नए साल के पहले दिन गलवान घाटी में फहराता राष्ट्रीय ध्वज’ शीर्षक के साथ एडिटेड तस्वीरें जारी की थी. इसे लेकर भारत में राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया था.