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Saturday, 1 February, 2025
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समाज-संस्कृति

लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र में यवतमाल के बैल बाजार पूरी तरह बंद, किसानों की खेती हो सकती है प्रभावित

इन बाजारों में पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के किसान भी आते हैं और खेती के लिए ऊंची दर पर बड़ी संख्या में बैलों की खरीदी करके लौटते हैं.

‘उनकी वर्दी का सम्मान करें’, भारत की सुरक्षा के लिए कोविड-19 से लड़ रहे पुलिस वालों के लिए गुलज़ार की कविता

पुलिस को कोरोना वॉरियर कहते हुए लेखक और गीतकार गुलज़ार देशवासियों से पुलिसकर्मियों को सलाम करने की गुज़ारिश करते हैं, जो हमारे लिए अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं.

कोविड-19: चंदा जुटाने फेसबुक के आई फॉर इंडिया कार्यक्रम में साथ आएंगी अभिनय, संगीत और खेल जगत की हस्तियां

चार घंटे का कार्यक्रम तीन मई को दुनियाभर में फेसबुक पर लाइव होगा. इसमें कई प्रस्तुतियां होंगी. करीब 85 भारतीय एवं वैश्विक सितारों का निजी संदेश प्रसारित किया जाएगा.

अलविदा इरफान- अब तुमसे इत्मीनान से मिलना न होगा

मुझे पता था कि ये आदमी कितना जुझारू है और इसीलिए ये भी लगा था कि वो इस बीमारी से भी लड़कर क़ामयाब और स्वस्थ लौटेंगे....और हुआ भी ऐसा ही लेकिन बीमारी भी बड़ी जिद्दी थी, नामाकूल.

लॉकडाउन: युवाओं में बढ़े पढ़ने की संस्कृति, मिजोरम में पसंदीदा किताबें घर-घर पहुंचा रहा संगठन

पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम के सबसे बड़े सामाजिक संगठन यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) ने राजधानी आइजल के सबसे बड़े मोहल्ले रामलूम साउथ में की है अहम पहल.

कोरोनावायरस के दौर में उम्मीदों और संभावनाओं की बानगी बनती कला

'दुकानें बंद हैं, सड़कें वीरान हैं, दूसरे शहर में पड़ी माओं की रातें करती हैं सांय-सांय, कोई घर नहीं आता, दोस्तों को भींच लेने...

स्वतंत्रता संग्राम में तिलक से प्रभावित होकर कांग्रेस से जुड़े हेडगेवार ने बाद में की आरएसएस की स्थापना

डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जिन्होंने अपने छोटे से कमरे में एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नींव रखी- आज देश का ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है.

कोरोनावायरस के हार मानने के बाद जो बहारें आएंगी सभी को उसका इंतज़ार होगा

जेठ की तपती दुपहरिया में अमलतास की पीली झालरों संग जुगलबंदी होगी. शायद कोरोना भी तब तक हार मान चुका होगा. कुदरत का श्रृंगार तब और भी जरूरी होगा.

विश्व जल दिवस: ‘कर्मनाशा’ भारत की एक ऐसी नदी जिसे माना जाता है अपवित्र

कर्मनाशा नदी अब कई स्थानों पर सूख चुकी है. बिहार में मिलों और तमाम औद्योगिक इकाइयों का गंदा पानी नदी में छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण ये पूरी तरह विषाक्त हो चुकी है.

निराशावादी दौर से निकले ‘आशावादी’ मिलेनियल कवि!

इस दौर के मिलेनियल कवियों की आलोचना की जाती है कि ये लोग निराशावादी लिखते हैं. मगर इन कवियों का तर्क है कि वो वैसा ही लिखते हैं, जैसा लिखा जाना चाहिए.

मत-विमत

क्या हम सच में चीन का विकल्प बन सकते हैं? मोदी का 2014 का भारत को महान बनाने का वादा बिखर चुका है

एक समय था जब भारतीय लोग तकनीक के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी होने का सपना देखते थे. अब, चीनी इतने आगे हैं कि वे हमें प्रतिस्पर्धी भी नहीं मानते. यह उनके और अमेरिका के बीच की बात है.

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राजनीति

देश

असम सरकार ने प्रस्तावित तीन आरक्षित वनों को गैर अधिसूचित करने का फैसला लिया

गुवाहाटी, 31 जनवरी (भाषा) असम सरकार ने तिनसुकिया जिले में प्रस्तावित तीन आरक्षित वनों (पीआरएफ) को गैर अधिसूचित करने का शुक्रवार को फैसला किया...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.