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Wednesday, 3 December, 2025
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समाज-संस्कृति

क्या सचमुच जोरदार एंटरटेनमेंट परोसती है फिल्म ‘भूल भुलैया 2’

कहानी यह है कि बरसों पहले मंजुलिका के भूत को एक कमरे में बंद कर के सारा परिवार कहीं और शिफ्ट हो गया. अब किसी वजह से ये लोग वापस उसी महल में रहने आए हैं तो ज़ाहिर है कि मंजुलिका भी छूटेगी और सब को डराएगी भी.

‘हुमच के, बनराकस, छेक के, रंगबाजी’: पंचायत का फुलेरा बिल्कुल बदल चुका है

पंचायत के दूसरे सीजन को लेकर अलग-अलग रिव्यू भी आ गए हैं तो अब ठहर कर इस सीरीज के उन दो पहलुओं पर बात करना जरूर हो जाता है जिस पर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई. पहला 'बदलाव' और दूसरा 'भाषाई शैली'.

कारगिल युद्ध के बाद भारत ने खरीदे काफी हथियार, निजी कंपनियों के भी खोले दरवाजे

कारगिल युद्ध के बाद सेना ने वे सभी हथियार खरीद लिये हैं, जिनकी कमी कारगिल युद्ध के दौरान खली थी. अब तो भारत के पास राफेल भी आ गया है, जिससे हमारी वायु सेना की ताकत भी कई गुना बढ़ गई है.

नाम से जोरदार असल में बोर करती कन्या भ्रूण हत्या पर बनी कमजोर फिल्म है ‘जयेशभाई जोरदार’

फिल्म में ढेर सारे रंग-रंगीले लोग होने के बावजूद यह फिल्म भरी-पूरी नहीं है बल्कि ये लोग फिल्म में भीड़ और शोर बढ़ाने का ही काम करते हैं. किसी भी किरदार को यह फिल्म कायदे से उठा नहीं पाती.

‘POK भारत में वापस’ भारत-पाकिस्तान डिप्लोमेसी पर आधारित है उपन्यास

अमित बगड़िया पिछले चार सालों में 12 किताबें लिख चुके हैं, जिनमें से चार बेस्ट सेलर साबित हुई हैं. काल्पनिक घटना पर आधारित उनका काल्पनिक घटना पर आधारित उनका यह पहला उपन्यास है, जिसकी 15,000 से अधिक प्रतियां मात्र डेढ़ साल में बिक चुकी हैं.

मैरिटल रेप यानी जब पति ही बलात्कारी बन जाए

दुनिया के 150 देशों में वैवाहिक दुष्कर्म को कानूनन अपराध माना जाता है जिनमें अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस जैसे देश शामिल हैं जबकि भारत, पाकिस्तान, चीन जैसे 32 देशों में इसे अपराध नहीं माना जाता है.

चार्ल्स शोभराज से लेकर अफजल गुरु और सुनील बत्रा तक, जानें जेल के भीतर कैसी थी क़ैदियों की दुनिया

प्रभात प्रकाशन से छपी किताब ब्लैक वारेंट में जेल की दुनिया की हक़ीक़त को बड़ी ही साफ़गोई से बयां किया गया है. बिकनी किलर के नाम से मशहूर चार्ल्स शोभराज के रौब से लेकर निर्भया केस के मुख्य आरोपी की मौत तक. रंगा-बिल्ला से लेकर अफजल गुरू की फांसी की सच्चाई से होते हुए किताब फांसी की क्रूर प्रक्रिया को बड़े ही बेहतरीन तरीके से पाठकों तक पहुंचाती है.

‘मानवता के ऊपर देशभक्ति की जीत नहीं होने दूंगा’: टैगोर ने राष्ट्रवाद को क्रूर महामारी क्यों कहा था

टैगोर राष्ट्रवाद की आलोचना करने वाले 20वीं शताब्दी के सबसे प्रमुख व्यक्ति हैं. 1916-17 में जब वो जापान और अमेरिका में व्याख्यान दे रहे थे तो उन्होंने राष्ट्रवाद से उभरते खतरों को साफ तौर पर व्यक्त किया था.

दिल्ली विश्वविद्यालय के 100 साल: इबारत और इबादत की जगह को कट्टरता से बचाने की ज़रूरत

दिल्ली विश्वविद्यालय को अपने शताब्दी वर्ष में ठहर कर सबसे ज्यादा इस बात को सोचने की जरूरत है कि आने वाला वक्त विश्वविद्यालय को किस ओर ले जाएगा?

‘महंगाई मार गई’: ईंधन की क़ीमतों को लेकर केंद्र-राज्यों की खींचतान पर उर्दू प्रेस को याद आया हिट गाना

दिप्रिंट का जायज़ा कि उर्दू मीडिया ने पूरे हफ्ते की विभिन्न ख़बरों को किस तरह कवर किया, और उनमें से कुछ ने क्या संपादकीय रुख़ इख़्तियार किया.

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तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने खरगे को राज्य के वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मंगलवार को उनके आवास पर मुलाकात कर...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.