जयदीप अहलावत, जिन्होंने इंस्पेक्टर हाथी राम की टेढ़ी चाल अपने स्कूल टीचर के पिता से सीखी, मानते हैं कि दुनिया में उनके जैसे कई लोग हैं – जो नजर नहीं आते, जिन्हें पहचानना मुश्किल होता है, और जिन्हें अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं.
पहले अनुवाद सेवाएं 10 भाषाओं में उपलब्ध थीं, जिनमें असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल और तेलुगु, साथ ही हिंदी और अंग्रेजी शामिल थीं.
जलसाघर में कई प्रसिद्ध लेखकों ने किताब लॉन्च, हस्ताक्षर सत्र और चर्चाओं में भाग लिया. इसके अलावा, विशेष पठन सत्र आयोजित किए गए, जिसमें दर्शकों की सक्रिय भागीदारी देखी गई.
‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ के प्रमुख विषय के साथ, रंग-बिरंगी झांकी प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों के साथ सबसे अलग दिखी. झांकी में, उसके खंडहरों के चारों ओर बौद्ध भिक्षुओं को बैठे हुए दिखाया गया है.
इस कलाकृति को पुणे के कलाकार रोहन दाहोत्रे ने बनाया है. वेबसाइट पर कहा गया है कि परेड में दिखाए गए जीव भारत के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा, ‘कोई भी सुरक्षित नहीं है. आम लोगों की तो बात ही छोड़िए....यहां तक कि जिन मशहूर हस्तियों के पास अपनी सुरक्षा है, वे भी सुरक्षित नहीं हैं.’
अगर कांग्रेस साझा नेतृत्व और ज़मीनी संघर्ष को प्राथमिकता दे, तो INDIA गठबंधन अब भी भाजपा-आरएसएस की सत्ता-प्रधान राजनीति के खिलाफ लोकतंत्र का सबसे मज़बूत प्रहरी बन सकता है.