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Sunday, 22 December, 2024
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समाज-संस्कृति

अशोक वाजपेयी की भारतीय कलाकारों से अपील: एक नए स्वतंत्रता आंदोलन के लिए रहें तैयार

कवि अशोक वाजपेयी ने सांस्कृतिक अध्ययनों की महान विधाता और भारत में कला की एक प्रमुख कलाकार कपिला वात्स्यायन की स्मृति में ‘हमारी कलाएं: हमारा समाज’ व्याख्यान दिया.

कपिल शर्मा और वीर दास से पहले थे — राजू श्रीवास्तव आम लोगों के कॉमेडी के बादशाह

राजू श्रीवास्तव की हास्य-व्यंग्य की शैली दर्शकों को खूब पसंद आई, लेकिन भारतीय स्टैंड-अप के बढ़ने के साथ उनकी लोकप्रियता कम होती गई.

J&K में अनुच्छेद-370 हटाने के BJP को फायदा नहीं मिला, उसे मालूम है यह कोई उपलब्धि नहीं है — उर्दू प्रेस

पेश है दिप्रिंट का राउंड-अप कि कैसे उर्दू मीडिया ने पिछले हफ्ते के दौरान विभिन्न समाचार संबंधी घटनाओं को कवर किया और उनमें से कुछ ने इसके बारे में किस तरह का संपादकीय रुख अपनाया.

आपातकाल के कारणों के ऐतिहासिक संदर्भ मुहैया कराती है ‘आपातकाल आख्यान’

व्यवस्था के प्रति इस असंतोष ने देश के युवाओं को आंदोलित किया और आज़ादी की लड़ाई के सिपाही ‘जेपी’ ने उन्हें नेतृत्व दिया. आखिर वह दौर लंबा नहीं चल सका, लेकिन आपातकाल से हमें जो सीख लेनी चाहिए थी वो हमने नहीं ली.

‘राहुल गांधी ने हिंदुओं के खिलाफ कुछ नहीं कहा’, शंकराचार्य की टिप्पणी बदलाव को दर्शाती है — उर्दू प्रेस

पेश है दिप्रिंट का राउंड-अप कि कैसे उर्दू मीडिया ने पिछले हफ्ते के दौरान विभिन्न समाचार संबंधी घटनाओं को कवर किया और उनमें से कुछ ने इसके बारे में किस तरह का संपादकीय रुख अपनाया.

‘परेशान और बेचैन करने वाली, लेकिन ज़रूरी’, श्याम बेनेगल की ‘निशांत’ 2024 की कहानी हो सकती है

1975 में आई श्याम बेनेगल की यह फिल्म हिंसक और क्रूर है. यह एक ऐसे समाज में होने वाली हर चीज़ पर एक अडिग नज़र है, जहां निरक्षरता व्याप्त है और जमींदारों के पास सारी शक्ति है.

नए-नए स्वतंत्र हुए भारत की ज़मीनी हकीकत को दिखाती कॉमेडी ड्रामा फिल्म है बूट पॉलिश

एक ऐसे युग में जब अधिकांश हिंदी फिल्मों में वयस्क किरदारों को नायक के रूप में दिखाया जाता था, 'बूट पॉलिश' अपने मुख्य बाल किरदारों- भोला और बेलू के साथ अलग नज़र आई.

फौजी पति जुदाई को बड़ी सहजता से लेते हैं और पत्नियां…आखिर कैसी होती है सैनिक पत्नियों की ज़िंदगी

इनके स्वर में खीज थी, क्रोध था. मैं अपने विवाहित जीवन के पहले सफ़र में ही रो पड़ी थी. उसके बाद तो मैं कभी स्टील बॉक्स की तरह जड़वत नहीं रही. हां, यह दूसरी बात है कि हमारा पूरा सैनिक जीवन काले स्टील के बक्सों में बंद होकर बंजारों सा घूमता रहा.

उर्दू प्रेस ने उठाया पेपर लीक पर सवाल, कहा — ‘सिस्टम माफिया को बढ़ावा दे रहा है’

पेश है दिप्रिंट का राउंड-अप कि कैसे उर्दू मीडिया ने पिछले हफ्ते के दौरान विभिन्न समाचार संबंधी घटनाओं को कवर किया और उनमें से कुछ ने इसके बारे में किस तरह का संपादकीय रुख अपनाया.

मंदिर, हिंदू-मुस्लिम की विफल राजनीति, एकल पार्टी शासन का युग समाप्त — भारत के जनादेश पर उर्दू प्रेस

पेश है दिप्रिंट का राउंड-अप कि कैसे उर्दू मीडिया ने पिछले हफ्ते के दौरान विभिन्न समाचार संबंधी घटनाओं को कवर किया और उनमें से कुछ ने इसके बारे में किस तरह का संपादकीय रुख अपनाया.

मत-विमत

‘कौवा मंदिर के शिखर पर बैठ जाए तो गरुड़ बन जाएगा?’: भागवत ने सांप्रदायिक विवादों पर BJP को चेताया

आरएसएस के सरसंघचालक अगर ‘मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने’ के बढ़ते दावों पर रोक लगाने की अपील कर रहे हैं तो इसके पीछे यह एहसास है कि यह मसला कहीं भाजपा सरकार के काबू से बाहर न हो जाए .

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राजनीति

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दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर ‘गंभीर’, अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई, जहां 24 घंटे का औसत वायु...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.