हिंदी साहित्य के वरिष्ठ कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह के 75 वर्ष पूरे होने पर राजकमल प्रकाशन ने विशेष कार्यक्रम ‘उपलक्ष्य 75’ का आयोजन किया. वरिष्ठ लेखकों को समर्पित इस शृंखला के तहत बिस्मिल्लाह की संस्मरणों की किताब ‘स्मृतियों की बस्ती’ का लोकार्पण भी किया गया.
भारत की पांडुलिपियां हमारी संस्कृति, इतिहास और बौद्धिक विरासत का अनमोल हिस्सा हैं. ये प्राचीन दस्तावेज़ साहित्य, विज्ञान, दर्शन और धर्म से जुड़े हैं, जो हमारी विविध परंपराओं और ज्ञान की गहराई को दर्शाते हैं.
ऐसा नहीं है कि इन लड़कियों के पास आत्म-सम्मान नहीं है. उन्होंने बस थोड़ा-सा डिस्काउंट दे दिया है उस लड़के के लिए जो इस वक्त उन्हें नज़रअंदाज़ कर रहा है.
भारत में जो नवजागरणों का दौर है, उसमें धर्म की निर्णायक भूमिका रही है. बल्कि यही नहीं यूरोप के पुनर्जागरण काल में भी धर्म एक अनिवार्य सन्दर्भ के रूप में मौजूद है.
फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी संस्था FWICE ने अभिनेता-सिंगर दिलजीत दोसांझ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वजह है उनकी आने वाली फिल्म सरदार जी 3, जिसमें पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर को लिया गया है. FWICE ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर दिलजीत की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की है और पूरे फिल्म इंडस्ट्री से उन्हें बायकॉट करने की अपील की है.
कार्यक्रम का आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में कश्कोल कलेक्टिव द्वारा किया गया था. इसमें संगीत, कविता और आम से तैयार पांच-कोर्स का भोजन था. हर व्यंजन एक अलग राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहा था.
ये हमले सामान्यत: यहीं नहीं रुकते. वैसे तो राजनीतिक पर्यवेक्षक हमें आश्वस्त करते नजर आते हैं कि दबंग नेता केवल ‘बकबक’ करते हैं और उनकी बातों को बहुत गम्भीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. लेकिन दुनिया-भर में पैदा हुए दबंग नेताओं के ऊपर नजर डालने से पता चलता है कि उनमें से कई ने अपनी कथनी को करनी में बदला है.
शायद इसीलिए जब भी नशिस्त में कोई ज़टल पढ़ी जाती है, कोई गन्दा लतीफ़ा सुनाया जाता है, किसी लड़की के जिस्मानी रिश्तों का ज़िक्र निकल पड़ता है तो दोस्त-अहबाब कितने ख़ुश हो जाते हैं, उनके चेहरों पर कैसी ताज़गी फूट पड़ती है.