वंशवाद की राजनीति केवल नेहरू-गांधी परिवार की बानगी नहीं है. ये देश के लगभग हर क्षेत्रों और पार्टियों में विद्यमान है. दिप्रिंट लाया है भारत 34 ताकतवर राजनेता.
इसके कारण एक ऐसी व्यवस्था आकार लेती है जिसमें आम नागरिक हाशिये पर धकेल दिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट घराने अपनी मनमर्ज़ी चलाते हैं और समतामूलक संवाद या सच्ची सार्वजनिक जवाबदेही के लिए कम गुंजाइश ही बच पाती है.