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Friday, 7 November, 2025
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2019 लोकसभा चुनाव

उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने ऐसे भेदा महागठबंधन का चक्रव्यूह

जानकार इसे मोदी फैक्टर बनाम जातिगत समीकरण की लड़ाई बता रहे थे जिसमें जीत मोदी फैक्टर की हुई. सपा और बसपा का कोर वोटर भी बीजेपी की ओर खिसका.

मोदी को जिताने में बड़ा श्रेय महिलाओं का, क्या संसद में महिला आरक्षण पर लगेगी मुहर

2014 में 543 सदस्यों वाली संसद में 61 महिलाएं चुन के आईं जोकि यूं तो केवल संसद का 11 फीसदी है पर फिर भी रिकार्ड रहा है.

समाजवादी आंदोलन से जुड़े वो दो परिवार जिनके बड़े नेता हारे

सपा नेता डिंपल यादव कन्नौज से, धमेंद्र यादव बदायूं और अक्षय यादव फिरोजाबाद से हारे हैं. वहीं बिहार में महागठबंधन में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद की पार्टी राजद खाता भी नहीं खोल पाई.

इन पांच वजहों ने हरियाणा में भाजपा की जीत की कहानी लिखी

एक जाट बाहुल्य राज्य में गैर जाट की छवि रखने वाली भाजपा पार्टी का दसों सीटों पर जीत जाना आश्चर्यजनक है.

अजेय, प्रचंड, महानायक और महाविजेता- मित्रों! मोदी है तो मुमकिन है

भाजपा की जीत को राष्ट्रीय अखबारों ने बहुत मन से रचाया और सजाया है. हर अखबार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना कवर बनाया.

हार के बाद कांग्रेस में अंतर्कलह, मणिशंकर अय्यर बोले- ‘नैतिक जिम्मेदारी लें राहुल गांधी’

राहुल की टीम अभी भी एनजीओं की तरह काम कर रही है. वह एक झोला वाली टीम है.इसका जमीनी हकीकत से कोई को संबंध नहीं है.

कैसे मोदी-शाह की भाजपा ने कांग्रेस और बाकियों को इन चुनावों में पछाड़ा

मोदी सरकार कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में यूपीए से अधिक सक्षम रही और उसने महंगाई को काबू में रखा. कांग्रेस का ‘चोर’ मोदी वाला विरोध बुरी तरह नाकाम रहा.

राजनीतिक दलों की ज़रूरत से ज़्यादा अपनी ज़रूरतों को समझने लगी है छत्तीसगढ़ की जनता

मतदाता लोकतंत्र के अलग-अलग प्लेटफार्म पर अलग-अलग जनादेश देता है. इससे मतदाता की परिपक्वता झलकती है.

अचानक नहीं छिना गांधी परिवार का गढ़ अमेठी, संकेत पहले से ही थे

स्मृति ईरानी की सालों की मेहनत आखिर अमेठी में रंग लाई. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उन्होंने लगभग 56 हजार वोटों से हरा दिया.

वंशवाद को देश ने सिरे से नकारा, भारत में इस बार नामदार की जगह कामदारों की जीत

2019 लोकसभा चुनाव में वंशवाद की राजनीति को देश की जनता नेे नकार दिया है. यहां तक की राहुल गांधी अपने परिवार के गढ़ अमेठी से भी हार गए.

मत-विमत

सूडान साबित करता है कि जब दुनिया ख़ूनी शासकों पर लगाम नहीं लगाती, तो नतीजे कितने भयानक होते हैं

चौदह मिलियन शरणार्थी, तथा 25 मिलियन लोग तीव्र भूखमरी का सामना कर रहे हैं, यह दुनिया के लिए सूडान में व्याप्त अराजकता को समाप्त करने के लिए पर्याप्त कारण होना चाहिए - भले ही इसके शासकों की क्रूरता पर्याप्त कारण न हो.

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राजनीति

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पूर्व उपमुख्यमंत्री रामराव आदिक की ‘विधवा’ के रूप में पेंशन लेने वाली डॉक्टर को अग्रिम जमानत मिली

मुंबई, सात नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र की एक अदालत ने शुक्रवार को शहर की एक महिला हृदय रोग विशेषज्ञ को अग्रिम जमानत दे दी, जिन...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.