बेगूसराय में महागठबंधन से तनवीर हसन, सीपीआई से कन्हैया कुमार और भाजपा से गिरिराज सिंह आमने-सामने हैं. यह केवल चुनाव ही नहीं बल्कि विचारधाराओं की लड़ाई है.
शाह संघवी हाईस्कूल में बीजेपी के बूथ प्रभारी थे, उनके कनिष्ठ सहयोगी आडवाणी की जीत सुनिश्चित कराने के लिए उनके द्वारा की गई कड़ी मेहनत को याद कर रहे हैं.
हिमाचल के सेब उत्पादक किसानों ने 22 अप्रैल को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है. उन्हें डर है कि कांग्रेस और भाजपा के चुनाव अभियानों में राष्ट्रीय मुद्दों के हावी होने के कारण उनकी समस्याओं को भुला दिया जाएगा.
फिल्मी हस्तियों के प्रशंसकों की बड़ी संख्या होती है जो वोटों में भी परिवर्तित होती रहती हैं. इसीलिए राजनीतिक पार्टियां विरोधी नेताओं के खिलाफ उन्हें चुनावी मैदान में उतारती हैं.
आम चुनाव की ग्राउंड रिपोर्टिंग में दिप्रिंट की टीम को बेगूसराय में राजनीति के कई रंग दिखे. जेएनयू में 'आजादी' के नारों पर विवाद यहां बहस के केंद्र में है.
एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन इस विवाद से बच जाएंगे क्योंकि यह भारत है, जहां हमारा रवैया है 'चलता-है.' पश्चिम में, उन्हें माफी मांगने या इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाता.