हाईकोर्ट की गलती यह रही कि उसने इन विशेष संस्थानों को सामान्य शैक्षणिक संस्थानों की तरह देखा. ये कॉलेज संवैधानिक न्याय के विशेष साधन के रूप में बनाए गए थे.
वांगचुक को शुक्रवार दोपहर लेह के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने की उम्मीद थी. बाद में उनके कार्यालय ने कहा कि वे वर्चुअली शामिल होंगे, लेकिन इसके तुरंत बाद ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया.