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Friday, 26 April, 2024
होमराजनीतियह सिर्फ बंगाल का चुनाव नहीं है, ममता की जीत सेक्युलर देश के लिए सही दिशा तय करेगीः TMC नेता

यह सिर्फ बंगाल का चुनाव नहीं है, ममता की जीत सेक्युलर देश के लिए सही दिशा तय करेगीः TMC नेता

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव सुब्रत बख्शी का कहना है कि भाजपा ये कहकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है कि ममता को सिर्फ मुस्लिम समर्थन हासिल है; 2019 के चुनाव में पार्टी को लगभग 19% हिंदू वोट हासिल किए थे.

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नंदीग्राम: भाजपा के इस आरोप कि ‘केवल मुस्लिम ही ममता के लिए वोट करते हैं’ पर पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव सुब्रत बख्शी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य का लगभग पूरा मुस्लिम वोट मिल सकता है, लेकिन हिंदुओं का समर्थन भी कहीं से कम नहीं है.

राज्यसभा सांसद ने दिप्रिंट को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, ‘ममता बनर्जी ऐसी सभी सांप्रदायिक साजिशों को नाकाम कर देंगी और मजबूत होकर उभरेंगी. यह केवल बंगाल का चुनाव नहीं है, बल्कि देश के सेक्युलरिज़म के लिए भी दिशा तय करेगा.’

बख्शी ने आगे कहा कि भाजपा के किसी भी ‘जाल’ में न फंसने के लिए तृणमूल कांग्रेस पूरी तरह ‘सतर्क’ है, जिसे भाजपा ‘अपने राजनीतिक लाभ’ के लिए ‘सांप्रदायिक’ आधार पर और बढ़ाने की कोशिश में लगी रहती है.

ममता के विश्वस्त सहयोगी बख्शी ने कहा, ‘भाजपा यहां सांप्रदायिक आधार पर आबादी के ध्रुवीकरण की कोशिश के तहत नामों का जिक्र करने में लगी है. ये उकसाने के लिए है. वे दूसरों को इस जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन तृणमूल सतर्क है. अगर कानून-व्यवस्था की थोड़ी भी समस्या आई तो भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए इसे और बढ़ा देगी.’

बख्शी ने निर्वाचन आयोग (ईसी) को ‘अधिकार विहीन’ करार देते हुए कहा कि पार्टी ने बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में बताते हुए चुनाव आयोग को दर्जनों पत्र लिखे हैं. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

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पार्टी के सबसे अनुशासित नेताओं में से एक माने जाने वाले बख्शी नंदीग्राम—जहां से ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं—में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए पिछले करीब एक हफ्ते से ज्यादा समय से डेरा डाले हैं.

ममता बनर्जी 28 मार्च को अपने 48 घंटे के चुनावी अभियान पर नंदीग्राम पहुंचेंगी. नंदीग्राम में 1 अप्रैल को मतदान होना है.

अपने पूर्व सहयोगी सुवेन्दु अधिकारी, जो अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं, पर निशाना साधते हुए बख्शी ने कहा कि वह ‘उन लोगों में शुमार हो गए हैं जिन्हें भाजपा के लिए अपने हिंदुत्व को साबित करने की जरूरत है.’

बख्शी ने कहा, ‘एक कहावत है कि अपनी धार्मिक निष्ठा साबित करने के लिए नया-नया मुल्ला ज्यादा प्याज खाता है. सुवेंदु वही कर रहे हैं. लेकिन दीदी (ममता) पिछले 20 सालों से हमेशा ऐसी ही रही हैं. वह सभी धर्मों का बराबर सम्मान करती हैं.’ वह इस महीने के शुरू में नंदीग्राम में अपने अभियान के दौरान ममता बनर्जी के मंदिरों में माथा टेकने और चंडी पाठ करने के संबंध में टिप्पणी कर रहे थे.


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‘दीदी भारतीय संविधान की प्रतीकात्मक छवि हैं’

2019 के लोकसभा चुनावों के आंकड़ों का हवाला देते हुए बख्शी ने कहा, ‘2019 के आम चुनावों में तृणमूल को 43.6 प्रतिशत वोट मिले थे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘बंगाल में 30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, जिनमें से लगभग 25 प्रतिशत ने वोट डाले थे. उन्होंने हमें वोट दिया. तो इसका मतलब है कि हमें लगभग 19 फीसदी हिंदू वोट भी मिले. भाजपा ये प्रोजेक्ट करने में लगी है कि ममता बनर्जी को केवल मुस्लिम समर्थन हासिल है. वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि यह डेटा बनर्जी की धर्मनिरपेक्ष छवि दर्शाता है. ‘दीदी भारतीय संविधान की प्रतीकात्मक छवि हैं.’

बख्शी ने कहा, ‘वह अल्पसंख्यकों को पूरी तरह सुरक्षित बनाना चाहती थीं. उन्होंने हमेशा समावेशी रुख अपनाते हुए काम किया, लेकिन भाजपा इसे तुष्टीकरण करार देती है. वे बंगाल में बुरी तरह नाकाम होंगे. और एक बार चुनाव हो जाए फिर वे यहां से बाहर हो जाएंगे, सब कुछ ठीक हो जाएगा. हमें पूरी उम्मीद है.’


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चुनाव आयोग भाजपा के पक्ष में काम कर रहा: बख्शी

निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए बख्शी ने कहा कि यह चुनाव निकाय ‘घुमा-फिराकर’ भाजपा के पक्ष में आदेश दे रहा है.

बख्शी ने कहा, ‘कुछ दिनों पहले तक नंदीग्राम में सभी बूथ कवर करने के लिए भाजपा के पास पोलिंग एजेंट तक नहीं थे. दो दिन पहले, चुनाव आयोग ने एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि संबंधित विधानसभा क्षेत्र का कोई भी निवासी किसी भी बूथ (उसी विधानसभा क्षेत्र में) में पोलिंग एजेंट हो सकता है.

‘जबकि इससे पहले यही व्यवस्था थी कि केवल संबंधित बूथ क्षेत्र के निवासियों को ही पोलिंग एजेंट बनाया जा सकता था. जो कोई भी उस बूथ का निवासी नहीं है, वह मतदान एजेंट नहीं हो सकता.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘लेकिन चुनाव आयोग ने भाजपा के लिए इसे आसान बना दिया. अब वे लोगों को कहीं और से भी ला सकते हैं. हम कई ऐसे आदेश देख रहे हैं जो भाजपा के फायदे के लिए तोड़े-मोड़े जा रहे हैं.’

बख्शी ने यह भी कहा कि भाजपा नंदीग्राम के 43 परिवारों की मुश्किलों को फिर बढ़ा रही है क्योंकि 2007 के भू-अधिग्रहण संबंधी आंदोलन से जुड़े मामले फिर खोले गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘नंदीग्राम भू-अधिग्रहण से जुड़े आंदोलन का नेतृत्व करने वाले हमारे सदस्यों को 14 साल पुराने मामलों में अचानक फिर घसीटा गया है.’

बख्शी ने कहा, ‘ममता बनर्जी ने न केवल सिंगूर के नेताओं बल्कि नंदीग्राम के नेताओं के खिलाफ भी केस वापस ले लिए थे. चुनाव से दो माह पहले भाजपा ने पुराने मामलों को फिर खोलने के लिए हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. और हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया. इसलिए हमारे सभी नेता, जिनमें दीदी के चुनाव एजेंट भी शामिल हैं, भागे-भागे फिर रहे हैं. उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए और छापेमारी चल रही है. यह साजिश की हद है. नंदीग्राम उन्हें कभी माफ नहीं करेगा.’

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