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Saturday, 11 May, 2024
होमराजनीतिममता ने कट मनी को बढ़ावा दिया, अब उनकी पार्टी प्याज़ व आलू विक्रेताओं को भी नहीं छोड़ रही : बाबुल सुप्रियो

ममता ने कट मनी को बढ़ावा दिया, अब उनकी पार्टी प्याज़ व आलू विक्रेताओं को भी नहीं छोड़ रही : बाबुल सुप्रियो

दिप्रिंट के साथ इंटरव्यू में, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है, कि ‘सस्ते प्रचार के लिए’ वो अपने आप को, बंगाल की बेटी के तौर पर पेश कर रही हैं.

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नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने ये आरोप लगाते हुए कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर हमला किया है, कि मुख्यमंत्री ने ‘कट मनी’ को इतना बढ़ावा दिया है कि उनकी पार्टी के लोग अब सब्ज़ी विक्रेताओं को भी मूंड (नहीं छोड़) रहे हैं.

‘कट मनी’ स्थानीय भाषा में उस उगाही के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो पार्टी पदाधिकारी और स्थानीय पंचायत तथा ब्लॉक पंचायत के सदस्य करते हैं.

सुप्रियो ने एक इंटरव्यू में दिप्रिंट से कहा, ‘उन्होंने सिंडिकेट राज को बढ़ावा दिया और अब उनकी पार्टी हर स्कीम में कट चाहती है’.

‘उनके मंत्री प्याज़ और आलू की सप्लाई में भी पैसा बनाते हैं, जिन्हें लोग आमतौर पर इस्तेमाल करते हैं. विक्रेताओं को बिक्री में, यहां तक कि दुकान किराए पर लेने में भी कट देना पड़ता है.

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल चुनावों में सुप्रियो को टॉलीगंज विधानसभा सीट से खड़ा किया है, उनकी टक्कर सिटिंग विधायक अरूप बिस्वास से है, जिन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का क़रीबी सहयोगी माना जाता है.

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अपने चुनाव क्षेत्र के बारे में सुप्रियो ने कहा, ‘उनका (ममता) एक दाहिना हाथ है, जो इस सीट से लड़ रहा है, लेकिन वो कट मनी बिज़नेस के लिए जाना जाता है’.

उन्होंने आगे कहा कि विधान सभा चुनाव, भ्रष्टाचार बनाम सुशासन के नाम पर लड़े जाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘ये चुनाव भ्रष्टाचार तथा सिंडिकेट राज और सुशासन तथा विकास के वादे के बीच लड़ा जा रहा है’. उन्होंने आगे कहा, ‘लोगों को चुनना है कि क्या वो ऐसी स्थिति में ख़ुश हैं, जहां हर चीज़ के लिए पार्टी कट है’.

केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि लोग मुख्यमंत्री के ‘डराने-धमकाने तथा भ्रष्टाचार के शासन से’ तंग आ चुके हैं.

उन्होंने कहा, ‘लोग गुंडों से छुटकारा पाना चाहते हैं…गांवों में, अगर आप टीएमसी के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं, तो वो शाम को आपके घर आते हैं और आपकी पिटाई कर देते हैं’.

उन्होंने ये भी इशारा किया कि टीएमसी जानती है कि वो चुनाव हारने जा रही है.

उन्होंने कहा, ‘दीदी अब बेतुके ढंग से बातें कर रही हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि वो चुनाव हार जाएंगी. हर रोज़ वो एक निचले स्तर पर उतर आती हैं. हम उतना नीचे गिरकर उनसे मुक़ाबला नहीं कर सकते. हमने रोज़गार तथा नौकरियों में महिला आरक्षण के साथ, अच्छे शासन का वादा किया है. ऐसी प्रगतिशील सरकार बंगाल के नाज़ुक प्रशासन में मूल्यवर्धन ही कर सकती है’.

50 वर्षीय सुप्रियो पहली बार विधान सभा चुनाव लड़ रहे हैं. गायक-अभिनेता की टॉलीगंज सीट को, कोलकाता का सिनेमा डिस्ट्रिक्ट कहा जाता है. यहां पर बंगाली फिल्म उद्योग के सभी बड़े स्टूडियो स्थित हैं, लेकिन टॉलीगंज को टीएमसी का गढ़ माना जाता है.


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CM सस्ते प्रचार के लिए ख़ुद को बंगाल की बेटी बता रही हैं

सुप्रियो ने मुख्यमंत्री की इस बात के लिए भी आलोचना की, कि वो ख़ुद को बंगाल की बेटी के तौर पर पेश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ममता सस्ते प्रचार और जनता की सहानुभूति हासिल करने के लिए ऐसा कर रही हैं.

उन्होंने कहा, ‘ममता दीदी बहुत सी चीज़ें, सस्ते प्रचार और सहानुभूति के लिए कर रही हैं’. उन्होंने ये भी कहा, ‘उन्होंने ख़ुद को बंगाल की बेटी घोषित कर दिया. अगर वो वाक़ई बंगाल की बेटी होतीं, तो उन्होंने कभी सिंडिकेट्स और कट मनी को बढ़ावा न दिया होता’.

‘उन्हें बंगाल की बेटी बताने की मुहिम, उनकी चुनावी टीम ने शुरू की है, राज्य के लोगों ने नहीं. 10 वर्षों के उनके शासन में, लोग कुशासन और सिंडिकेट्स का दंश झेल रहे हैं. बंगाल की बेटी होने के उनके दावे से, लोगों को कोई फायदा नहीं पहुंचा है’.

उन्होंने आगे कहा, ‘ममता बनर्जी बहुत सी चीज़ें सस्ते प्रचार के लिए कर रही हैं, लेकिन बीजेपी उस हद तक नहीं गिर सकती. वो राजनीतिक को एक बहुत निचले स्तर तक ले गईं हैं’.

बीजेपी भद्रलोक वोट में सेंध लगाने की कोशिश में

आसनसोल से सांसद सुप्रियो को मैदान में उतारकर, बीजेपी ने भद्रलोक वोट में सेंध लगाने की कोशिश की है. भद्रलोक का इस्तेमाल कोलकाता और उसके आसपास रहने वाले, ऊंची जाति के अभिजात बंगाली वर्ग के लिए किया जाता है.

2019 के लोकसभा चुनावों में, जब बीजेपी ने बंगाल में तेज़ी से आगे बढ़ते हुए, 42 में से 18 सीटें जीत लीं थीं, तो उसकी सारी सफलताएं सूबे के ग्रामीण इलाक़ों से थीं. उसे कोलकाता में एक भी सीट नहीं मिली थी.

पार्टी अब उस स्थिति को बदलना चाहती है और भद्रलोक का समर्थन हासिल करने के लिए, उसने कोलकाता की 14 असेम्बली सीटों को लक्ष्य बनाया है.

एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, ‘बंगाली भद्रलोक अपने आपको बंगाली संस्कृति का रक्षक समझते हैं…वो हिंदू राष्ट्रवाद को बंगाली संस्कृति के लिए एक ख़तरा समझते हैं. हमें भवानीपुर में कुछ कामयाबी मिली है, जो पहले ममता बनर्जी का चुनाव क्षेत्र था, क्योंकि वहां पर बहुत सारे ग़ैर-बंगाली हिंदुओं के पॉकेट्स हैं. लेकिन क्षेत्र के बाक़ी इलाक़ों में, बंगाली हिंदू टीएमसी से दूर नहीं जा रहा है’.

बीजेपी लीडर ने आगे कहा कि पार्टी सुप्रियो को उनके फिल्म संबंधों के चलते, टॉलीगंज से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतार रही है.

कोलकाता की दूसरी सीटों पर पार्टी ने, कसबा सीट से डॉ इंद्रनील घोष, बेहाला पुरबा सीट से एक्ट्रेस पायल सरकार, बैलीगंज से वकील लोकनाथ चटर्जी और राशबिहारी से पूर्व उप-सेना प्रमुख ले.जन. सुब्रत सहा (रिटा) को मैदान में उतारा है.

ले.जन. सहा को सेना में मेक इन इंडिया पहल के पोस्टर बॉय के तौर पर जाना जाता है और उन्हें 2016 में फोर्स में एक डिज़ाइन ब्यूरो स्थापित करने का श्रेय जाता है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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