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Friday, 29 March, 2024
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दिप्रिंट के एडिटर-इन-चीफ शेखर गुप्ता को पत्रकारिता में ‘विशिष्ट’ योगदान के लिए मिला अवॉर्ड

कैपिटल फाउंडेशन नेशनल अवॉर्ड एक गैर-लाभकारी संगठन कैपिटल फाउंडेशन सोसाइटी की तरफ से प्रदान किया जाता है. यह सम्मान 19 अन्य ख्यात हस्तियों को भी प्रदान किया गया है.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ शेखर गुप्ता को पत्रकारिता में ‘अद्वितीय और विशिष्ट’ योगदान के लिए रविवार को कैपिटल फाउंडेशन नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया.

नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) में आयोजित समारोह में एक गैर-लाभकारी संगठन कैपिटल फाउंडेशन सोसाइटी की तरफ से यह पुरस्कार उन्हें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने प्रदान किया.

समारोह में स्वागत भाषण देते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अर्जन कुमार सीकरी ने शेखर गुप्ता को एक ‘निडर पत्रकार’ बताया. जस्टिस सीकरी ने कहा, ‘संविधान और कानून का शासन बनाए रखने के लिए हमें निडर और स्वतंत्र न्यायाधीशों की आवश्यकता होती है. इसी तरह पत्रकारिता के मूल्यों को बनाए रखने के लिए हमें स्वतंत्र और निडर पत्रकारों की जरूरत है, और मुझे लगता है कि आप सभी पैमानों पर खरे उतरते हैं. यही आपके व्यक्तित्व की खासियत है…पत्रकारिता में आपके अद्वितीय योगदान के लिए आपको पुरस्कार देना कैपिटल फाउंडेशन सोसाइटी के लिए सम्मान की बात है.’

पुरस्कार पाने वालों में 19 अन्य जानी-मानी हस्तियां भी शामिल हैं. इनमें ओडिशा के पूर्व राज्यपाल मुरलीधर चंद्रकांत भंडारे, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन बी. लोकुर, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल, कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक और प्रबंध निदेशक उदय कोटक के अलावा मुख्य अतिथि आरिफ खान भी शामिल थे.

Kerala Governor Arif Mohammad Khan at the ceremony | Satendra Singh | ThePrint
समारोह में केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान । सतेंद्र सिंह । दिप्रिंट

समारोह में अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल आरिफ खान ने ‘अनेकता में एकता’ पर अपने विचार साझा किए.

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उन्होंने कहा, ‘आप विश्व सभ्यताओं को देखें…किसी भी सभ्यता के विकास के लिए एकता की भावना नितांत आवश्यक रही है. एकता इसलिए क्योंकि अधिकांश सभ्यताएं या तो एक ही जाति की थीं, वे एक ही भाषा बोलते थे, वे एक ही धार्मिक परंपरा का पालन करते थे…’

मुख्य अतिथि ने आगे कहा, ‘आत्मा कोई भेद नहीं करती और न ही किसी को छोड़ देती है. यही हमारी सांस्कृतिक और सभ्यतागत विरासत है.’ उन्होंने आगे कहा कि भारत को हमेशा एक ‘नॉलेज सिविलाइजेशन’ माना गया है.

उन्होंने आगे कहा, ‘भारत के लिए अब समय आ गया है…हमें अपनी क्षमताओं का पूरा एहसास होना चाहिए और एक बार जब हम खुद ये समझ लेते हैं कि यह हमारी विरासत है, तो कोई कारण नहीं है कि हम इसे हासिल करने में कोई कसर छोड़ें.’

हर साल होने वाला यह पुरस्कार समारोह रविवार को दो साल बाद पहली बार फिजिकल तौर पर आयोजित किया गया था.

The awards on display at the India International Centre auditorium in Delhi | Satendra Singh | ThePrint
दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर ऑडीटोरियम में डिस्प्ले में लगे अवॉर्ड्स । सतेंद्र सिंह । दिप्रिंट

कैपिटल फाउंडेशन सोसाइटी 1987 में अपनी स्थापना के बाद से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर नीतिगत संवाद और बहस का एक मंच प्रदान करने में लगी है. फाउंडेशन की तरफ से 250 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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