नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) भारत के परमाणु नियामक एईआरबी ने तमिलनाडु के कलपक्कम में स्थापित 500 मेगावाट के प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (पीएफबीआर) में ईंधन भरने और नियंत्रित श्रृंखला प्रतिक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है। इस अनुमति के साथ ही यह परमाणु संयंत्र बिजली उत्पादन के और करीब पहुंच गया है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) की शनिवार को कलपक्कम में बैठक हुई और इसमें रिएक्टर में ईंधन भरने सहित ‘फर्स्ट अप्रोच टू क्रिटिकलिटी’ की अनुमति दी गई, जो परमाणु ईंधन के रूप में प्लूटोनियम का उपयोग करता है।
एईआरबी ने पीएफबीआर में ‘निम्न क्षमता के भौतिक प्रयोग’ करने की भी अनुमति दे दी।
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एक तीव्र रिएक्टर में पहली अहम उपलब्धि ईंधन भरने की प्रक्रिया के दौरान प्राप्त होती है। यही कारण है कि तीनों गतिविधियों के लिए एक साथ अनुमति दी गई है।’’
मार्च में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में पीएफबीआर की कोर लोडिंग की गई थी।
भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड (भाविनी) कलपक्कम में 500 मेगावाट के ‘सोडियम कूल्ड प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर’ को शुरू करने जा रहा है जो देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
भाषा धीरज नेत्रपाल
नेत्रपाल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.