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Thursday, 2 May, 2024
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कोविड-19 ने चीन से मैनुफैक्चरिंग देश में वापस लाने का बड़ा मौका दिया है- नितिन गडकरी

दिप्रिंट के ऑफ द कफ में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कोविड-19 ने चीन से मैनुफैक्चरिंग देश में वापस लाने का बड़ा मौका दिया है, हमें इसपर काम करने की जरूरत है.

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नई दिल्ली: मुंबई की भीड़-भाड़ को ‘डिकनजेस्ट’ किए जाने की जरूरत है. मुंबई के पास अब इतनी क्षमता नहीं है कि वह इतनी बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को संभाल सके. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को दिप्रिंट के ऑफ द कफ के डिजिटल संस्करण में कहा.

दिप्रिंट के एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता के साथ बातचीत में गडकरी ने कहा, ‘सिर्फ मुंबई ही नहीं बल्कि सभी बड़े शहर जैसे दिल्ली, कोलकाता, बेंगलूरु और चेन्नई की भीड़ को भी कम किए जाने की जरूरत है.’

महाराष्ट्र सरकार और ब्रिहनमुंबई नगर पालिका को क्या सलाह देंगे के जवाब में गडकरी कहते हैं कि मुंबई तीन तरफ से समुद्र से घिर है इसलिए इसे डी-कनजेस्ट किए जाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘हमें अलग तरीके से सोचना होगा क्योंकि अब तक की नीतियां अब काम नहीं कर रही हैं.’

धारावी स्लम को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘ वहां बड़ी संख्या में चमाड़ समुदाय के लोग रहते हैं. जिनका काम चमड़े से बनने वाले सामान जैसे जूते और बैग्स बनाना है. मैंने उनके एसोसिएशन से कहा कि वह सभी थाणे जिले में आए जो दिल्ली मुंबई हाईवे पर है. मैंने उनसे यह भी कहा है कि हम उन्हें उनके उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेंगे और एक कल्सटर भी बसाएंगे.

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लॉकडाउन और मंत्री

कोरोना संक्रमण को देखते लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच सभी लोग अपने घरों में है. चाहे आम आदमी हो या सरकार के मंत्री सभी अपने घरों से ही काम कर रहे है. लॉकडाउन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इन दिनों अपने घर नागपुर में है. यहां से वे लगातार वीडियो कांफ्रेंस,स्काइप के जरिए मंत्रालय के अफसरों से जुड़े है. रोज सैकड़ों लोगों से बात करते है.

सोमवार शाम दिप्रिंट के ‘ऑफ द कफ’ कार्यक्रम में एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता के साथ बातचीत में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, अपने घर से ही लगातार बैठक कर रहा हूं. मंत्रालयों के अधिकारियों से बातचीत कर रहा हूं. एमएसएमई के जो अलग अलग प्रकार के एसोसिएशन है उनसे बात कर रहा हूं. पहली बार इस नई तकनीक के माध्यम से लोगों से जुड़ रहा हूं. इसके माध्यम से करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों तक मैं पहुंचा हूं.यह मेरा लिए आश्चर्य है.आज मैं तकनीक इस इसकी उपयोगिता को समझ गया हूं.

एमएसएमई पर है देश के ग्रोथ का बड़ा दारोमदार

देश में एमएसएमई सेक्टर में हाहाकार मचने और एमएसएमई के लिए आर्थिक पैकेज के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, इन दिनों घर से ही लगातार अफसरों के साथ बैठक कर रहा हूं. मंत्रालयों के अधिकारियों से बातचीत कर रहा हूं. एमएसएमई के लिए प्लास्टिक एसोएिशन, फिक्की और सीआईआई सभी से लगातार बात हो रही है.

गडकरी ने कहा, ‘हमारे देश में 29 प्रतिशत ग्रोथ एमएसएमई सेक्टर से आती है. देश में 48 प्रतिशत एक्सपोर्ट इसी सेक्टर से होता है.’

वह आगे कहते हैं, ‘देश में करीब 11 करोड़ जॉब भी इस सेक्टर ने क्रिएट किए है. यह सेक्टर हमारा आधार है.आपकी बात सही है कि फिल्हाल यह सेक्टर भी एक कठिन दौर में है. कई चुनौतियां का सामना भी कर रहा है.’


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केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा, ‘कोरोना से पहले और आज भी एमएसएमई सेक्टर के लिए पेमेंट समय पर नहीं मिलना एक बड़ी समस्या है. एमएसएमई मेजर इंडस्ट्री के अलावा पब्लिक सेक्टर, अंडर टेकिंग सेक्टर और भारत व कई राज्य सरकारों को मॉल सप्लाई करती है. लेकिन इसमें पेमेंट जल्दी नहीं मिलते है. ये पेमेंट की अमांउट बहुत ही ज्यादा होती है. पेमेट नहीं मिलने के बाद इनके वर्किंग कैपिटल का इरोजन हो जाता है. इस सेक्टर को राहत देने के लिए कई काम किया जा रहा है. पीएमओ और वित्तमंत्रालय अपने स्तर पर लगातार लोगों को मदद दे रहे है. जल्द ही इस सेक्टर में मदद के लिए पैकेज भी आएगा.

संकट काल -तबलीग़ी जमात

वर्तमान में देश की स्थिति को लेकर आपको लोगों से क्या फीडबैक मिल रहा है के सवाल के जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, इस समय केवल देश नहीं केवल पूरा विश्व एक संकट के दौर से गुजरा है. लोगों में निराशा का माहौल है. सभी भविष्य को लेकर चिंतित है. स्थिति अच्छी नहीं है. ये सरकार नहीं बदल सकती है सभी लोग मिलकर ही इसे बदल सकते है.लोगों के मन अभी भी डर है. इसमें खासकर बिहार और उत्तरप्रदेश के लोग हैं. यहां के कई लोग देश के अलग-अलग राज्यों में है. इसलिए सरकार ने ट्रेन चलाने की घोषणा की है. लोगों के मन में डर निकालने के लिए रोजगार को शुरु करना है. इसलिए हमने एनएचई के 67 प्रतिशत काम करना शुरु कर दिए.

देश को जोन में बांटने के सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देशित किया है. राज्य सरकारों ने जिलो के कलेक्टर को निर्देश दिया है. जैसे जैसे स्थिति ठीक होती है कलेक्टर अपने स्तर पर लोगों को राहत दे सकते है. लेकिन अब धीरे धीरे सभी संसाधन शुरु करना जरुरी है यह अब आवश्यक हो गया है.’


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तबलीग़ी जमात के सवाल गडकरी कहते हैं, ‘इसे किसी ने धार्मिक रुप नहीं दिया. निजामुद्दीन की घटना से लोगों के मन में डर पैदा हुआ. यहां से जो लोग अपने घर गए उनसे बस्तियों में कोरोना संक्रमण बढ़ा है और ये दिखाई दे रहा है.

वह कहते हैं, ‘कोई भी सरकार जात, धर्म और पंथ के आधार ना ही चलती है और ना ही चलनी चाहिए. समाज में एक डर पैदा हुआ है. यह डर किसी धार्मिक परिवेश को लेकर नहीं है. कोरोना के कारण जो वातारण पैदा हुआ है यह उसके कारण था.’

उन्होंने सभी जात, धर्म और पंथ के लोगों से आह्वान करते हुए कहा, कोरोना यह नहीं देखता है कि कौन सी जात और कौन सा देश का व्यक्ति है. इसलिए हम सबकों मिलकर हमें अपने समाज और देश को बचाना है. किसी भी एक जगह एकत्र होकर नमाज पढ़ना और धार्मिक प्रवचन जैसे कार्यक्रम को टालना चाहिए. सभी समाज को अपील करता हूं कि ऐसे कार्यक्रम फिलहाल टालना चाहिए.

चीन की स्थिति और भारत का फायदा

कोरोनासंक्रमण काल के बाद से चीन की जो स्थिति है इससे भारत कुछ फायदा उठा सकता है इस सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, ‘बिल्कुल भारत इस का फायदा उठा सकता है. एमएसएमई के माध्यम से नागपुर में हमने पीपीई किट बनाया है. जो बाहर से 12 सौ में आती थी अब 550 में आती है. अब ये चीन से मंगवाने की जरुरत नहीं है.’

यही नहीं इसी तरह प्लास्टिक एसोसिएशन के लोगों से भी भारत में ही सामान बनाने की अपील मैंने की है. हम लोग जल्द ही एक किताब निकाल रहे है इसमें तीन मे साल में हमने क्या एक्सपोर्ट किया और क्या कर सकते हैं कि जानकारी दी गई है जबकि दूसरी किताब हमने इंपोर्ट क्या-क्या किया और उसके क्या विकल्प हो सकते है कि पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे.’

‘चीन को मात देने के लिए हमने कई सेक्टर को चिन्हित किया है. हम आज बायोफ्यूल, इथेनॉल, सोलर और बांस के क्षेत्र में काम कर सकते है. भारत सरकार लगातार एमएसएमई सेक्टर को बढ़ाने में मदद कर रही है.’उन्होंने कहा.


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मजदूरों का पलायन

शेखर गुप्ता ने ऑफ द कफ कार्यक्रम में हर क्षेत्र से जुड़े सवाल केंद्रीय मंत्री के सामने दागे, इसी दौरान उन्होंने लॉकडाउन का सबसे ज्वलंत मुद्दा भी उठाया. मजदूर लगातार वापस अपने घरों को लौट रहे ऐसे में सड़क परिहवन विभाग के प्रोजेक्ट कैसे पूरे होंगे- केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया, ‘रोड सेक्टर में हम कई तरह के मॉडल पर काम कर रहे हैं. रोड सेक्टर के काम के लिए मजदूर वापस भी आ गए हैं और 75 प्रतिशत कामों में तेजी आ गई है. स्टील और सीमेंट से जुड़े कुछ काम थे वह भी शुरु हो गए हैं. नेशनल हाईवे पर 65 प्रतिशत ट्रैफिक भी आया है. थोड़ा समय लगेगा लेकिन सबकुछ ठीक हो जाएगा.

मजदूरों के पैदल जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, गरीब मजदूरों को अपने घर आने जाने के लिए सरकार ने व्यवस्था की है. अगर हम उन्हें पहले ऐसे ही भेज देते तो कोरोना से जुड़े कई गंभीर मामले सामने आते. इसलिए उन्हें भेजे जाने की व्यवस्था की गई जिसमें स्वास्थ्य और उनकी ट्रैंकिंग तक शामिल है. जब लॉकडाउन शुरु हुआ तभी सभी पार्टियों, सरकारों और सामाजिक संगठनों के द्वारा गरीब लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था की. सरकार ने भी गरीब,मजदूर और किसानों के लिए पैकेज जारी किया.

इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में पैसे आने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, ‘मेरे सेक्टर में किसी भी तरह के पैसे की कमी नहीं है. रोड सेक्टर जितना पांच साल में बढ़ा है अब और दोगुनी तेजी से बढ़ेगा.’

‘मेरा टारगेट है कि 15 लाख करोड़ के काम दो साल में पूरा करुंगा.’

वह कहते हैं, ‘देश में रोड सेक्टर में काम करने के लिए पैसे की कमी नहीं है. अब मानसरोवर जाने के लिए चीन और नेपाल जाने की जरुरत नहीं होगी सीधे अब पिथौरागढ़ से मानसरोवर जा पाएंगे. इस तरह चार धाम के रोड का काम भी तेजी से शुरु करवा दिया है. दिल्ली और मेरठ के रोड का काम भी चल रहा है.

सरकार में वित्तमंत्री होने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं खुशी से इसी क्षेत्र में इस काम कर रहा हूं. किसी को क्या जिम्मेदारी देनी है ये प्रधानमंत्री का अधिकार है. मुझे पहले ही मेरी हैसियत से ज्यादा मिला है. पीएम जो भी काम देंगे वह काम करने की कोशिश करूंगा. आगे आने वाले साल गांव और गरीब के लिए देना चाहता हूं.’

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