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Monday, 6 May, 2024
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मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बोले- सूबे में कोविड-19 अब नियंत्रण में, कमलनाथ के आईफा में व्यस्त होने से बिगड़े थे हालात

स्वास्थ्य और गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा,'मध्यप्रदेश कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए बहुत तेजी से काम कर रहा है. राज्य में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने की दर पिछले 24 अप्रैल से 11.04% से घटकर आज 4.2% पर आ गई है.

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नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के मामले में मध्यप्रदेश अभी भी कोरोना का हॉटस्पाट बना हुआ है. दिप्रिंट हिंदी से बातचीत में सूबे के नए स्वास्थ्य और गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा,’मध्यप्रदेश कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए बहुत तेजी से काम कर रहा है. राज्य में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने की दर पिछले 24 अप्रैल से 11.04% से घटकर आज 4.2% तक आ गई है. प्रदेश में स्वस्थ्य मरीज होने की दर बढ़कर 14.45% तक पहुंच गई है.वहीं मृत्यु दर पिछले 10 दिन में 8.14% से घटकर 5.08% तक आ गई है.’

उनका आरोप है कि प्रदेश में कोरोनासंक्रमण के तेज़ी से बढ़ने के पीछे पिछली कमलनाथ सरकार है. डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का पूरा ध्यान फिल्म कलाकार ‘सलमान खान और जैकलिन फर्नांडीस के साथ आईफा अवार्ड’ पर था. प्रदेश के उन जमातियों की चिंता नहीं थी, जिससे कोरोना संक्रमण कई शहरों में फैल गया. उनका आरोप है कि  कमलनाथ सरकार का इसमें इंटेलिजेंस फेल्योर है.

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है,  ‘भाजपा सरकार ने आते ही कोरोना को लेकर काम किया,आज स्थिति नियत्रंण में आ गई है.’

आप को याद होगा कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार को गिराकर शिवराज चौहान ने 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. और वे अकेले की राज्य का कामकाज देख रहे थे. सत्ता में आने के लगभग एक महीने बाद 21 तारीख को उन्होंने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था. उनकी सरकार पर कोविड 19 से ठीक से न निपट पाने के आरोप लगते रहे है.

पीएम मोदी से बात कर नया दल का किया है गठन

इंदौर और भोपाल जैसे शहरों में संक्रमण के बढ़ते मरीजों और खराब होती स्थिति पर डॉ.मिश्रा ने दिप्रिंट कहा, ‘हमने सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक कर जांच दल का गठन किया है. जिसमें विशेषज्ञों के जांच दल में एक वरिष्ठ आईएएस व आईपीएस अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग का वरिष्ठ अधिकारी, खाद्य विभाग के अधिकारी सहित 10 लोग होंगे. यह दल कोरोना प्रभावित प्रमुख शहरों में ही काम करेगा और रिपोर्ट बनाएगा.’

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उन्होंने आगे कहा, ‘रेड जोन के जिलों में भारत सरकार के अनुसार काम कर रहे है और जल्दी ही इन शहरों में आपको स्थिति नियंत्रण में दिखाई देगी.23 मार्च के बाद इंदौर और भोपाल में जैसे ही स्थिति समझ में आई हमारी सरकार ने वहां के कलेक्टर को भी बदल दिया.’


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बता दें कि देश में कोरोनासंक्रमण के बढ़े मामलों में तबलीगी जमाती पर आरोप लगे हैं. यहां तक की केंद्र सरकार ने भी माना था कि देश में तेजी से बढ़े संक्रमण के मामले निजामुद्दीन मरकज और उसके बाद वहां से निकले तबलीगी जमात के देशभर में फैलने के बाद बढ़े हैं. जिसके बाद देशभर में तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की खोज की जाने लगी.

प्रदेश में तबलीगी जमात के वजह से मामले बढ़ने के सवाल पर उन्होंने दिप्रिंट से कहा कि, ‘मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल शहरों में तबलीगी जमात की वजह से कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेजी से आगे बढ़े हैं क्योंकि कमलनाथ सरकार ने 23 मार्च से पहले तबलीगी जमात के लोगों पर ध्यान नहीं दिया. उनकी इंटेलिजेंस टीम का फेल्योर है.इसकी बड़ी वजह से वह सब अपने-अपने क्षेत्रों में बहुत अंदर तक कोरोना का संक्रमण लेकर चले गए लेकिन फिर भी हमने अपनी सरकार बनते ही बहुत तेजी के साथ कांग्रेस सरकार की गलती को भी ठीक करने का काम किया है.’

मिश्रा ने दिप्रिंट कहा, ‘कमलनाथ सरकार ने इस ओर ध्यान दिया होता तो आज हम मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके होते लेकिन तबलीगी जमात के लोगों ने केवल मध्यप्रदेश में ही नहीं पूरे देश में कोरोना संक्रमण फैला कर कई लोगों की जान संकट में डालने का काम किया है लेकिन अब हमारी तैयारी पूरी है और आप देखेंगे कि हम बहुत जल्द कोरोना संक्रमण पर विजय प्राप्त कर लेंगे.’

डॉ मिश्रा ने आगे कहा, ‘राज्य में जब कांग्रेस की सरकार थी और कमलनाथ सरकार को बचाने में लग हुए थे. जिसकी वजह से इस रोग ने तेजी से सूबे में पैर फैलाया.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य का प्रशासनिक अमला सीएम कमलनाथ की इच्छा की पूर्ति के लिए आईफा अवार्ड की तैयारियों में मस्त हो गया था. कोई सलमान खान की चिंता कर रहा था तो कोई जैकलिन फर्नांडीस की चिंता कर रहा था. राज्य और निवासियों की चिंता नहीं थी.

जिसे भी परेशानी हो सीधे मुझसे बात करें

हाल ही में इंदौर सहित अन्य शहरों में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हुए हमले के मामले में सरकार की तैयारियों के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री मिश्रा ने दिप्रिंट को बताया, ‘मैं सूबे का गृहमंत्री भी हूं और यदि राज्य में ऐसी कोई भी पुनरावृति होती है तो हमलावरों पर रासुका जैसे कड़े कानून के तहत कार्रवाई किए जाने के आदेश मैने दिए हैं. किसी भी हालत में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए घटना में घायल पुलिस कर्मचारी और डॉक्टर से स्वयं बात कर विपरीत परिस्थितियों में समाज की सेवा करने के लिए धन्यवाद दिया और व्यक्तिगत रूप से उन्हें किसी भी परेशानी के लिए सीधे मुझसे बात करने के लिए भी कहा है.’

स्वास्थ्य विभाग के अफसर अब आ चुके है घर

स्वास्थ्य विभाग  से जुड़े कर्मचारियों और पुलिस महकमे में संक्रमितों के केस बढ़ने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं, ‘मध्यप्रदेश में जो भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अफसर कोरोना संक्रमण के शिकार हुए थे उनमें से अधिकांश या तो घर वापस आ चुके हैं या फिर कुछ समय में वापस आने वाले हैं. समाज की सेवा के दायित्व में उनको यह परेशानी जरूर हुई लेकिन हमारे पुलिस विभाग के जो कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए उनमें से ज्यादातर जमात के लोगों को पकड़ने के लिए उनके क्षेत्रों में गए और वहां से कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें या तो फौरन क्वारेंटाइन कराया गया है या फिर उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.’


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देश में लगातार यह बात उठती रही है कि सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं नहीं हैं. फ्रंटलाइन वर्करों के पास खुद की सुरक्षा के लिए पीपीई किट नहीं हैं. ऐसे सवालों के जवाब में मिश्रा ने दिप्रिंट को बताया, ‘मध्य प्रदेश में फिलहाल पीपीई किट, रैपिड टेस्टिंग किट और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा की कोई भी कमी नहीं है. हम करीब दो हजार से अधिक जांच प्रतिदिन कर रहे हैं और हमारे सभी अस्पतालों में सभी सुविधाओं के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा और इसका बड़ा उदाहरण यह है कि हमारे यहां ठीक होने की दर 14.50 प्रतिशत से ऊपर चली गई है.’

कोई घटना हुई तो पुलिस निपटने के लिए सक्षम

स्वास्थ्य मंत्री के साथ गृहमंत्री का जिम्मा भी संभाल रहे डॉ.नरोत्तम मिश्रा का दिप्रिंट से कहना है कि,’हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति से मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण से प्रभावित और संभावित के साथ अप्रभावित जिलों पर भी लॉकडाउन का सख्ती से पालन करा रहे हैं.’

‘मध्यप्रदेश पुलिस हमारी राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने में बहुत सक्षम है. उसी का नतीजा है मध्यप्रदेश के चाहे कंटेनमेंट एरिया हो या क्वारेंटाइन किए गए लोग हो सभी के साथ बेहतर सामंजस्य बनाकर काम कर रहे हैं और इसको रोकने के लिए कार्य कर रहे है और प्रभावी कदम उठा रहे अगर फिर भी कहीं से कोई घटना आती है तो हमने अपने सभी पुलिस अधिकारियों को सख्ती से भारत सरकार और राज्य सरकार के दिशा निर्देशों का पालन कराए जाने की निर्देश दे दिए है.’


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मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित की संख्या 2519 पहुंच गई है. जबकि 123 लोगों की मौत भी हो चुकी है.फिलहाल 10 हजार सैंपल की जांच रिपोर्ट आना अभी बाकी है. प्रदेश में जिस तरह से आए दिन कोरोना के केस सामने आ रहे है उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना का कहर प्रदेश में अभी थमा नहीं है. जैसे- जैसे सैंपल की जांच रिपोर्ट आएगी यहां मरीजों की संख्या में बढोत्तरी हो सकती है.

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