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Friday, 3 May, 2024
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ऑपरेशन लोटस के सूत्रधार नरोत्तम मिश्रा पर होगा कोरोना संकट में मध्य प्रदेश के ‘स्वास्थ्य’ का जिम्मा

ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से मंत्री बने तुलसी सिलावट को जल संसाधन और गोविंद सिं​ह को खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग का जिम्मा दिया गया है.

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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को अपने पांच मंत्रियों को उनके विभाग सौंप दिए हैं. भाजपा के वरिष्ठ विधायक और कद्दावर नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा को राज्य के स्वास्थ्य विभाग और गृह मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है. कमल पटेल को कृषि मंत्रालय, मीना सिंह को आदिम जाति कल्याण विभाग का मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा ज्योरादित्य सिंधिया के खेमे से मंत्री बने तुलसी सिलावट को जल संसाधन और गोविंद सिं​ह को खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग का जिम्मा दिया गया है.

राज्य के गृह और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग भाजपा ने अपने पुराने वफादार को ही दिए हैं. सिंधिया गुट से भाजपा में शामिल हुए नेताओं को छोटे विभागों से ही संतुष्ट होना पड़ा है.

मध्य प्रदेश के नए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मिश्रा दतिया से पार्टी के विधायक है. इनकी गिनती पार्टी के कद्दावर नेताओं में होती है.वे शिवराज सरकार के पिछले तीन कार्यकाल में अहम विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं.प्रदेश की सियासत में जब भी भाजपा पर संकट छाया तो मिश्रा ने हमेशा एक संकटमोचक की भूमिका निभाई. कांग्रेस के हाथ से सत्ता छिन भाजपा को सत्ता दिलाने में मिश्रा का अहम रोल रहा. मिश्रा आपरेशन लोटस के ​अहम किरदार थे.केंद्रीय नेतृत्व से अच्छे संबंध के चलते ही उन्हें कमलनाथ सरकार को गिराने और नई सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई है.मिश्रा का नाम राज्य के उपमुख्यमंत्री के तौर पर भी चला था ​लेकिन उन्हें फिर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

कोविड-19 में घर तक लोगों को राशन पहुंचाने और भूख से बेहाल हो रहे लोगों को परेशानी से निजात दिलाने के लिए खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग की अहम भूमिका है. ऐसे में सिंधिया खेमे से गोविंद सिंह राजपूत को यह विभाग मिलना काफी अहम माना जा रहा है.राजपूत की गिनती भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे खास व्यक्ति में होती है.कमलनाथ सरकार में राजस्व और परिवहन मंत्री रह चुके है.

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों के विभागों की घोषणा करते हुए कहा कि अभी कोरोना की वजह से 5 मंत्रियों को ही कैबिनेट में शामिल किया गया है. लॉकडाउन के खुलने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. जिसमें फिर विभागों का वितरण किया जाएगा.

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मंगलवार को शपथ ग्रहण के बाद सीएम शिवराज सिंह ने अपने मंत्रियों को कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए संभागों के प्रभार सौंप दिए थे. कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, सभी मंत्री अपने-अपने संभाग के पुलिस और प्रशासन के साथ कोआर्डिनेशन करेंगे. जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे. जनता से फीडबैक लेंगे. वहीं अफसरों को भी निर्देशित करेंगे. कैबिनेट बैठक में कोविड-19, कृषि और किसानों को लेकर चर्चा हुई है. सरकार ने फैसला लिया है कि हर निकाय में प्रशासकीय समिति बनेगी. इसमें नगर निगम में महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष प्रमुख होंगे. यह व्यवस्था एक साल तक लागू रहेगी. वहीं कोरोना संक्रमण के चलते निकाय चुनाव नहीं होंगे.


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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा, मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भोपाल-उज्जैन संभाग, तुलसी सिलावट को इंदौर-सागर संभाग, कमल पटेल को जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग, गोविंद सिंह राजपूत को चंबल-ग्वालियर संभाग, मीना सिंह को रीवा और शहडोल संभाग का प्रभार सौंपा गया है. उन्होंने कहा, ‘कोरोना को देखते हुए हमने छोटा मंत्रिमंडल बनाया है. हमने समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है.सरकार द्वारा कोरोना संकट से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति पर कार्य किया जा रहा है.’

इधर, राज्य में हुए मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई सवाल किए हैं. उन्होंने ट्वीट किया कि ‘शिवराज जी, कैबिनेट के संबंध में मेरे सुझावों को ‘आंशिक’ रूप से ही मानने के लिए धन्यवाद परंतु संविधान की धारा 164-1ए के अनुसार न्यूनतम 12 मंत्री होने चाहिए. भाजपा को संवैधानिक प्रावधानों से परहेज क्यों है?’

तन्खा ने आगे लिखा है कि, ‘पहली बार चारों महानगरों से मूल भाजपा का प्रतिनिधि क्यों नहीं? ऑपरेशन कमल के महत्वपूर्ण किरदार कैसे छूट गए? वरिष्ठतम नेता और पूर्व एलओपी भी शामिल नहीं. इस आशा के साथ की प्रदेश में मौत का तांडव रुकेगा और हम कोरोनावायरस से जंग जीतेंगे.’

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