इंदिरा गांधी की लोकप्रियता की वजह यह है कि वह एक ऐसी विभाजनकारी शख्सियत थीं जिनके प्रति लोगों की भावनाएं बहुत गहरी थीं — चाहे प्यार हो या नफरत. यहां तक कि जो लोग उन्हें पसंद नहीं करते, वे भी उनके जीवन से जुड़ी कहानियां बड़े उत्साह से सुनाते हैं.
सरदार पटेल स्टेडियम का नाम 2021 में नरेंद्र मोदी स्टेडियम रखे जाने पर भी यही झलक दिखी—जब अपने छवि निर्माण के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार के नाम को भी पीछे छोड़ दिया.
बिहार में चुनावी माहौल है और हर बड़ा दल खुद को कर्पूरी ठाकुर की विरासत का असली वारिस बता रहा है. दिप्रिंट आपको बता रहा है कि आखिर क्या कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक विरासत.
वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ता रजनी कांत, 2030 तक 10,000 जीआई टैग हासिल करने के मोदी सरकार के मिशन में एक अग्रणी प्रकाश स्तंभ हैं. यह भारत को फिर से 'सोने की चिड़िया' बनाने का उनका तरीका है.
कार्यकारी याचिकाएं क्या हैं, उन्हें मिनी सिविल सूट क्यों कहा जाता है और सुप्रीम कोर्ट की 6 महीने की समय सीमा के बावजूद भारत की जिला अदालतों में दशकों से 8 लाख से अधिक याचिकाएं क्यों लंबित हैं.
रिया चक्रवर्ती की मज़बूती सच्ची है, लेकिन बर्बादी भी उतना ही बड़ी सच्चाई है. हो सकता है उन्होंने इस सब से समझौता कर लिया हो, लेकिन उनकी ज़िंदगी उनसे छीन ली गई.
एक गलत औपनिवेशिक चित्रण ने बनारस के राजघराने पर 200 साल तक कलंक लगाया. प्रदीप नारायण सिंह ने सारनाथ में अपने पूर्वज जगत सिंह की सही छवि करवाने के लिए 5 साल तक अभिलेखों की छानबीन की.
जीविका मिशन के 1.25 करोड़ सदस्यों में से एक करोड़ को 10,000 रुपये की पहली किस्त मिल चुकी है. नालंदा ज़िले के लाभार्थी इस पैसे का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं, यहां पढ़ें.
कई सीमावर्ती राज्य अशांति की चपेट में हैं, चीन और पाकिस्तान इसका लाभ उठाते रहे हैं. बांग्लादेश पुराने जख्मों को कुरेद रहा है. मानो मैकबेथ’ की चुड़ैलें लड़ाई और अशांति के कढ़ाही में उबाल लाने के लिए नाच-गा रही हैं.
यह बात अक्सर ध्यान में नहीं आती, लेकिन उत्तर भारत में बिहार ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां भाजपा अपने दम पर सत्ता में नहीं आई है. बिहार को उत्तर प्रदेश बनाने की पार्टी की चाहत को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए.
बिहार के पास ऐसी उपजाऊ ज़मीन है जो पूरे भारत में सबसे ज्यादा क्रांतियों को जन्म देने वाली रही है. इसके बावजूद बिहार इतना पीछे क्यों रह गया? राजनीति का स्थायी जुनून ही उसके विनाश की मूल वजह है.