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Monday, 29 September, 2025
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एशिया कप में भारत Vs पाकिस्तान? आखिर, आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान के साथ क्रिकेट अच्छा कारोबार है

अगर आप खेल संबंधी प्रतिबंधों के सिद्धांत को मानते हैं, तो आपको बस यह पूछना है: क्या रंगभेद वाले दक्षिण अफ्रीका और आज के पाकिस्तान में कोई फर्क है?

बिहार का SIR लोकतंत्र विरोधी नहीं है, अवैध प्रवासी चुनावों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं

चूंकि, सभी गैर-एनडीए दल बिहार में ‘एसआईआर’ को रद्द करने की एकजुट होकर मांग कर रहे हैं इसलिए यह माना जा सकता है कि अपना वोट बैंक खोने का डर उन्हें सबसे ज्यादा है.

NEP की हकीकत: DU से मोतिहारी तक—गोडाउन जैसे कैंपस, बिना लैब के रिसर्च, 4 साल की डिग्री के लिए जगह नहीं

एक तरफ जहां भारत में अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटियों की एंट्री और विदेशों में IITs का विस्तार हो रहा है, वहीं कई सरकारी संस्थान NEP 2020 की बुनियादी सिफारिशें लागू करने में भी जूझ रहे हैं.

अकबर को ‘द ग्रेट’ बनाया हिंदुओं ने, मुसलमान तो उससे खफा ही रहे

अकबर ने जो बातें दूसरों को सीखने के लिए कहीं, उन्हें खुद भी अपनी ज़िंदगी में अपनाया. हिंदू धर्म और इस्लाम के अलावा दूसरे धर्मों के प्रति उसका जो सम्मान था, वो सिर्फ उसकी राजनीति में नहीं, बल्कि उसकी अपनी आस्था और निजी व्यवहार में भी साफ दिखाई देता था.

जय जवान, जय किसान से लेकर CVC तक—शास्त्री ने जो कहा, वही किया, लेकिन भ्रष्टाचार मिटाना आसान नहीं था

लाल बहादुर शास्त्री द्वारा बनाई गई संथानम कमेटी की सबसे बड़ी चिंता यह थी कि जो भ्रष्टाचार पहले सिर्फ निचले स्तर के अफसरों तक सीमित था, वह अब ऑल इंडिया सर्विसेज़ और राजनीतिक नेतृत्व तक पहुंच चुका है.

NEP की दो तस्वीर: कहीं सेंसरी क्लासरूम और हाई-टेक लैब, तो कहीं दरी पर बैठे बच्चे, शिक्षक तक नहीं

राष्ट्रीय शिक्षा नीति ज़मीनी स्तर पर कैसे लागू हो रही है, इसे समझने के लिए दिप्रिंट ने दिल्ली के एक मॉडल प्राइवेट स्कूल और हरियाणा के दो सरकारी स्कूलों का दौरा किया.

NEP के 5 साल: क्या बदला, क्या छूटा और ज़मीनी हकीकत — देश के सबसे बड़े शिक्षा सुधार की रिपोर्ट कार्ड

नीति में सुझाई गई कई योजनाएं अब लागू हो चुकी हैं, लेकिन इनका अमल हर जगह एक जैसा नहीं है. विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े पैमाने पर असर दिखने में अभी समय लगेगा.

दिल्ली में बैन, बेंगलुरु में रफ्तार कायम—इस शहर ने कैसे पुरानी बाइकों को जिंदा रखा है

दिल्ली जैसे शहरों में टू-स्ट्रोक बाइकों का दौर कब का ढल चुका है, लेकिन बेंगलुरु में ये आज भी एक खास दीवानगी को ज़िंदा रखे हुए हैं. "जिन्हें असली शौक होता है, वही इसमें उतरते हैं."

DTC का खोया हुआ दशक — बेहतर से बदतर तक, इलेक्ट्रिक बसों से फिर जगी उम्मीद

दिल्ली में नई बीजेपी सरकार खुद को डीटीसी का रक्षक बता रही है. चार महीने में 400 देवी बसें सड़कों पर उतारी गई हैं, डिपो को बेहतर किया गया है और नए रूट बनाए जा रहे हैं.

प्राडा के मिलान फैशन वीक की गलती से फिर लौट सकती हैं कोल्हापुरी चप्पलों की शान

कोल्हापुरी चप्पलें लंबे समय से कम मांग और घटती कारीगर संख्या से जूझ रही हैं. अब सांस्कृतिक चोरी का एक मामला इस पारंपरिक शिल्प को दोबारा ज़िंदा करने का मौका दे रहा है.

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ताज महल में विदेशी पर्यटकों की संख्या में 5.24% गिरावट आई, फिर भी 2024 में बना सबसे पसंदीदा स्थल

उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और राजस्थान घरेलू पर्यटकों के सबसे पसंदीदा पांच गंतव्य हैं. विदेशी पर्यटकों के लिए महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान सबसे ऊपर हैं.

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.