कई अन्य भारतीय मूल के नेताओं के उलट, उन्होंने ईसाई धर्म नहीं अपनाया और न ही अपनी भारतीय पहचान को कम दिखाया. वैसे भी उनके लिए ऐसा करना मुश्किल होता क्योंकि उनकी मां मीरा नायर भारत की जानी-मानी फिल्म निर्देशक हैं.
आलोचनाओं के बावजूद, व्यावहारिक राजनीति ने बिहार में वामपंथ को टिकाए रखा है, जैसा कि 2020 के चुनाव परिणामों में दिखा. और वह भी ऐसे समय में जब देश के बाकी हिस्सों में उसकी मौजूदगी कुछ छोटे इलाकों तक सिमट गई है.
यह एक छोटी सी शुरुआत है, लेकिन बिहार की कहानी के लिए एक बड़ी जीत है. और राजनेता इसका इस्तेमाल यह दिखाने के लिए कर रहे हैं कि बदलाव शुरू हो गया है। इसे आने में बहुत समय लगा है.
शास्त्री नगर मार्केट पिछले 30 सालों से मेरठ में बढ़ती और फलती-फूलती रही, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुलडोज़र चल गए. कुछ लोग इसे अवैध कहते हैं, तो कुछ इसे ‘ऑर्गेनिक’ यानी अपने आप बना हुआ बाज़ार बताते हैं.
20 साल की नीतीश सरकार के बाद भी, बिहार देश का सबसे कमज़ोर परफॉर्मेंस देने वाला राज्य बना हुआ है. स्वास्थ्य और शिक्षा में भारी बजट बढ़ोतरी के बावजूद रैंकिंग सबसे नीचे है.
कर्नाटक की पीरियड लीव पॉलिसी तारीफ के काबिल है, लेकिन यही देश है जहां किसी भी वक्त मासिक धर्म वाली महिलाओं को बेइज़्ज़त और अपमानित किया जा सकता है — बिना किसी झिझक के.
पाकिस्तान अफगानों की उग्र स्वतंत्र मानसिकता और पख्तून राष्ट्रवाद की दृढ़ता को समझने में नाकाम रहा. यह राष्ट्रवाद 1747 में अफगानिस्तान की स्थापना के साथ ही उसकी सियासत पर हावी रहा है.
प्रवासियों और उनके परिवारों के एक बड़े वर्ग की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में बदलाव आ रहा है. इससे उन्हें समाज में सम्मानजनक दर्जा हासिल करने में मदद मिल रही है.