बीजेपी और शिवसेना के नेताओं ने अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच हुई बैठक की भिन्न-भिन्न रूप से विवेचना की – बीजेपी ने इस बैठक को सकारात्मक बताया और शिव सेना ने दी संदेहपूर्ण टिपण्णी।
बीजेपी ने चार साल की मोदी सरकार की उपलब्धियों को प्रचारित करने और पार्टी व सरकार द्वारा किये गए कार्य से लोगों को अवगत कराने के लिए एक अभियान शुरू किया है।
आलोचकों ने रेहम खान पर पाकिस्तान के आम चुनावों से पहले इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तेहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को बदनाम करने के उद्देश्य से राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा बनने का आरोप लगाया है।
विपक्ष की जीत ने भाजपा की हिंदुत्व राजनीति के परखच्चे उड़ा दिए हैं जिसके बलबूते पर वह 2014 का चुनाव जीती थी । इस जीत ने योगी के नेतृत्व और करिश्मे के ऊपर भी सवाल उठा दिए हैं ।
एसोसियेशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और न्यू इलेक्शन वाच की रिपोर्टें, 2016-17 में बीजेपी को मिलने वाले चंदे में एक बड़ी वृद्धि दर्शाती हैं। यह आंकड़ा कांग्रेस द्वारा घोषित राशि, जो कि सूची में दूसरे स्थान पर है, से 10 गुना अधिक है।
सूत्रों ने बताया कि चर्चा में आया एक और महत्वपूर्ण विषय घाटी में कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास था, यह एक बड़ा कारण है जिसके बारे में आरएसएस का मानना है कि सरकार ने इसे आगे बढाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किया है।
जेडी (यू) की बढ़ती हुई चिंता, जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को पुनः उठाने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री नितीश कुमार को असम के नागरिकता विधेयक और मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ बोलते हुए भी सुना गया है।
यशपाल सक्सेना ने अपने बेटे की मौत को राजनीतिक बनाने के प्रयासों को असफल कर दिया है और वे चाहते हैं कि अंकित उन लोगों के लिए प्रेरणा बने जो अंतर-धर्म संबंधों में है।