आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने आईएएनएस को बताया कि 'लोकतंत्र को बचाने और चुनाव प्रक्रिया में एक बार फिर लोगों का विश्वास स्थापित करने के लिए यह आवश्यक है.'
राज्य और पार्टी का घाल-मेल कम्युनिस्ट तानाशाहियों की विशेषता रही है. पश्चिमी लोकतंत्र में कहीं ऐसा नहीं, पर भारत में वही कर डाला गया, जो संविधान को व्यवहार में तहस-नहस करके हुआ.