अजीत जोगी द्वारा स्थापित जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी) का भविष्य खतरे में पड़ गया है. पार्टी के चार में से दो विधायकों ने कांग्रेस वापसी की इक्षा जाहिर की है जिसका कांग्रेस ने स्वागत किया है.
ममता के नंदीग्राम आंदोलन के पीछे परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ही थे, लेकिन पिछले 3-4 महीने से उन्होंने, एक भी कैबिनेट या प्रशासनिक बैठक में शिरकत नहीं की है.
‘बिहारी बाबू’ के नाम से जाने जाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा पिछले साल अपने पूर्व कैबिनेट सहयोगी एवं पहली बार चुनाव लड़ रहे भाजपा के रविशंकर प्रसाद से करारी शिकस्त पाई थी.
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने कहा कि बागी विधायकों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि विधायकों की खरीद-फरोख्त करना सपा की पुरानी परम्परा है और पूरा प्रदेश उसे देख रहा है.
मोदी सरकार की तीसरी पारी में बदली हुई वास्तविकता उस पुराने सामान्य दौर की वापसी होगी, जब बहुमत वाली सरकारों को भी बेहिसाब बहुचर्चित बगावतों का बराबर सामना करना पड़ता था.