सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर डॉक्यूमेंट्री के किसी भी प्रसार या उल्लेख को अवरुद्ध करके, पीएम मोदी ने एक मजबूत व्यक्ति के रूप में अपनी छवि और कार्यों को मजबूत किया है.
भारत की जनसंख्या वृद्धि स्थिर होने के बावजूद अभी भी 0.7% प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रही है और वर्ष 2023 में इसकी आबादी दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन से अधिक होने की संभावना है.
हमारे सबसे बड़े सांस्कृतिक निर्यात को वैश्विक क्षेत्र में नए प्रतिस्पर्धियों का सामना करना पड़ रहा है, तो हमें सिर्फ राजनीतिक लामबंदी के लिए बेवकूफी भरे विवादों के जरिए उन्हें बदनाम करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
‘दुनिया की फ़ैक्टरी’ माने गए चीन से ग्लोबल फर्मों को बाहर निकलने के लिए जब उसके पड़ोसी देश प्रोत्साहन दे रहे हैं, तब भारत को एक उपयुक्त विकल्प बनने के लिए पूर्वी एशिया के साथ तेजी से जुड़ना पड़ेगा.
सिक्किम हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने मजिस्ट्रेट दयाल ने 1977 में इंदिरा का समर्थन किया था, जिसे मोरारजी देसाई सरकार के चेहरे पर 'थप्पड़' और गांधी के लौटने के रूप में देखा गया था.
कोई भी कदम जो पाकिस्तान को दम मारने की फुरसत देगा और उसकी रणनीतिक प्रासंगिकता बहाल करेगा वह भारत के लिए नकारात्मक होगा, और वह पाकिस्तान के लिए भी बुरा होगा.
कश्मीर का जिक्र किए बिना पाकिस्तान का कोई भी पीएम भारत से बातचीत का विचार नहीं कर सकता. यह मुद्दा न्यू रेड लाइन है जो मोदी सरकार ने पाकिस्तान के लिए खींची है.
आरबीआई की रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 22-23 में राज्यों के पूंजीगत व्यय में 38.4% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था, लेकिन वास्तविक खर्च में अप्रैल-अक्टूबर 2022 में साल-दर-साल केवल 0.9% की वृद्धि दर्ज की गई.
इस बार हमारे राजनीतिक भूगोल के बड़े हिस्से में चुनावी मुक़ाबले का नतीजा भले साफ नजर आ रहा हो, मगर कुछ हिस्से में यह मुक़ाबला 2019 के मुक़ाबले से भी ज्यादा तीखा है