इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सामरिक रूप से कुशल IDF अगले कुछ दिनों में हमास की घुसपैठ को कुचलने में सफल हो जाएगा. लेकिन 1973 के युद्ध की तरह यह संकट भी 3 महत्वपूर्ण सबक सिखाता है.
आज चीन के पास इतनी मैनुफैक्चरिंग क्षमता है कि वह बिजली वाले वाहनों, सोलर पेनेलों, वायु ऊर्जा के टर्बाइन की दुनिया की बहुत हद तक सारी मांगों को पूरा कर सकता है. चीन पर निर्भरता को खत्म करने में कई साल लग जाएंगे.
यह देखना निराशाजनक है कि मुस्लिम समुदाय के भीतर जाति-आधारित विभाजन को स्वीकार न करने के कारण पसमांदा समाज को अक्सर कैसे नजरअंदाज कर दिया जाता है और उनके उचित प्रतिनिधित्व का अभाव देखने को मिलता है.
कांशीराम में बेशक बुद्धि-कौशल और राजनीतिक दूरदर्शिता थी, और उसकी बदौलत आज हमें एक ओबीसी प्रधानमंत्री हासिल है लेकिन जातीय जनगणना का बिहार मॉडल बाकी देश के लिए निराशाजनक ही साबित हो सकता है.
बिहार जाति सर्वेक्षण से मतदान गुटों में विभाजन की आशंका थी. जो स्क्रिप्टेड नहीं था वो था मोदी का पलटवार. यह देखना मुश्किल है कि वह किसके लिए प्रयास कर रहे हैं-अल्पसंख्यकों के लिए या हिंदू वोटों के लिए.
अर्थशास्त्र एक कीमती ऐतिहासिक संसाधन है, लेकिन यह एकमात्र प्राचीन रणनीतिक पुस्तक नहीं है. सेना को भारत के बाद के रणनीतिक और सैन्य विकास का भी अध्ययन करना चाहिए.
जो पत्रकारिता दंगे और भीड़-हत्या करवाये और नफरत फैलाये उसकी सरेआम लानत-मलामत होनी चाहिए. अगला दम ये हो कि जो ऐसे नफरती पत्रकारों के नाम पे-चेक काटते हैं उनकी नाम ले-लेकर लानत-मलानत की जाये
अधिकारियों और दिग्गजों के बौद्धिक कौशल का उपयोग 'रणनीतिक विचार प्रक्रियाओं' का अध्ययन करने के बजाय व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता के मुद्दों के लिए बेहतर ढंग से किया जा सकता है.
आईएसए को प्रोजेक्ट की मानक सूचना के लिए ‘ग्लोबल सोलर एसेट रजिस्ट्री’ की व्यवस्था को आगे बढ़ाना चाहिए, और राजनीति और मुद्रा संबंधी जोखिमों को दूर करने के लिए ‘सोलर क्रेडिट गारंटी’ की सुविधा भी देनी चाहिए.