मोदी की राजनयिक 'जीत' पुरानी हो गई है और भारत के विदेशी संबंध पूरी तरह असफल दिखाई देते हैं। यहाँ बताया गया है कि सरकार के गलत कदमों ने किस तरह से उनकी गति पर विराम लगा दिया है।
बाजार-उन्मुख सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने के लिए एकमात्र रास्ता है। लेकिन व्यावसायिकों की असफलताओं ने इस प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर दी है
प्रियंका चोपड़ा ने कुछ ऐसा किया है जो कोई भी भारतीय नहीं कर पाया है – बॉलीवुड या हॉलीवुड में अपने स्टारडम को त्यागे बिना उन्होंने दोनो फ़िल्मी जगतों में अपना प्रभाव बनाए रखा।
पहली ही नज़र में, प्रधानमंत्री मोदी के योगा प्रमोशन प्रोजेक्ट के लिए गौड़ा और कुमार की प्रतिक्रियाओं ने गलत शरीरों में जकड़ी अधीर आत्माओं वाली छाप छोड़ी है। लेकिन क्या वे हैं?
आरएसएस इंदिरा गांधी की सरकार को किसी भी तरह गिराना चाहता था, लेकिन बाद में उसी “तानाशाह” इंदिरा गांधी से मेल-मुलाकात करने और तारीफें करने में उसे कोई नैतिक दुविधा नहीं हुई, जिन्होंने संघ के नेताओं को जेल में डाला था.