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Thursday, 21 November, 2024
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कर्नाटक के सांप्रदायिक माहौल में जातिगत राजनीति ने दिखाया अपना बदसूरत चेहरा

फेक न्यूज़ के इस युग में परेश मेश्ता की मौत ने कर्नाटक, जहॉं अगले साल चुनाव होने हैं, की उबलती साम्प्रदायिक राजनीति में किया घी का काम.

भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार के बीच: गुजरात में ‘रक्तस्राव’

जब चुनाव नतीजे आ गए तब ऐसा लगा मानो नवनिर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जापानी मार्शल आर्ट आयकिदो में अपनी महारत दिखा दी है.

आर के नगर का परिणाम तमिलनाडू की राजनीति में करेगा उथल-पुथल

दिनकरन की अप्रत्याशित जीत से सभी ताकतों के पुनर्निर्माण का रास्ता खुलेगा. किस तरह का नया समीकरण बनेगा, यह कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी.

रक्षा क्षेत्र के लिए ‘मेक इन इंडिया’ शुरू होने से पहले ही खत्म

तमाम घोषणाओं के बावजूद एक भी बड़ा प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ है. लगभग एक साल हाथ में रह गया है, मोदी सरकार के पास 2019 में दिखाने लायक शायद बहुत नहीं हो.

बांग्लादेश में पनपते अतिवाद से दुनियाभर में बांग्लादेशी शर्मिंदा

जिस बांग्लादेश ने पाकिस्तान का विरोध इसलिए किया कि वह एक सेक्युलर देश होना चाहता था, वही अब धार्मिक उन्मादियों और जिहादियों को पैदा कर रहा है.

लालू थे विपक्षी एकता की मजबूत कड़ी जिसपर चारा-घोटाला की काली छाया मंडराई

चूंकि अधिकतर क्षेत्रीय दलों में पीढ़ीगत बदलाव आ रहा है, लालू इन दलों की एकता की चाबी हो सकते हैं. यदि वह कोर्टे के ही मामलों में उलझे रहे, तो यह भाजपा को दी जा रही विपक्षी चुनौती को प्रभावित करेगा.

सलमान और उनके साथियों के लिए बदसूरत या प्रतिभाहीन होना भंगी होने के बराबर है

यदि आप 2017 के जातिवाद को 2018 में ले जाने पर आमादा नहीं हों, तो यह शायद एक अच्छा समय है कि आप भंगी शब्द का उच्चारण करना बंद कर दें- याशिका दत्त

मैंने किस तरह चारा घोटाला और लालू प्रसाद यादव पर बजायी घंटी: अमित खरे

लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या मुझे अपने परिवार की सुरक्षा और करियर के लिए डर नहीं लगा? अमित खरे, जिन्होंने किया था चारा घोटाले का पर्दाफाश.

मामला कुछ भी हो, रसूख वाले बच निकलते हैं : प्रशांत भूषण

टू-जी घोटाला एक ऐसा मामला था जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद न केवल सभी लाइसेंस रद्द कर दिए बल्कि अदालत की निगरानी में सीबीआइ जांच का भी आदेश दिया था

2जी पर फैसले के बाद डीएमके अब भाजपा के लिए अछूत नहीं रही

यह फैसला द्रमुक के काडरों को उत्साहित करने और स्टालिन को स्थापित करनेवाला है, खासकर अन्नाद्रमुक में बढ़ते भ्रम को अगर देखें.

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खालिद एकमात्र ऐसे पाकिस्तानी थे जिनके तर्क कश्मीर के सवाल पर नहीं अटकते थे

खालिद अहमद संपादक, लेखक, भाषाविद, अखबार के दफ्तर के रहनुमा, एक सच्चे और दुर्लभ सेकुलर अनीश्वरवादी और शायद नास्तिक शख्स थे और मेरे कई मुस्लिम मित्रों में निश्चित रूप से अकेले ऐसे शख्स थे और वह कोई वामपंथी भी नहीं थे, दूर-दूर तक नहीं.

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सेना ने आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान नागरिकों के साथ कथित दुर्व्यवहार की जांच के आदेश दिए

जम्मू, 21 नवंबर (भाषा) सेना ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान नागरिकों के साथ किये गए कथित दुर्व्यवहार...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.