यूबीआई लागू करना कम आबादी वाले और अमीर देशों के लिए तो आसान है मगर भारत जैसे विशाल आबादी वाले विकासशील और सीमित संसाधनों वाले देशों के लिए टेढ़ी खीर है.
अंग्रेज़ी पत्रिका आउटलुक ने अपने ताज़ा अंक में लालू प्रसाद यादव को 2019 का एक ऐसा किंगमेकर बताते हुए कवर स्टोरी की है, जो शायद रंगमंच पर नज़र नहीं आएगा.
रोहित वेमुला की जाति को लेकर चाहे जो कहा जाए, देश के दलितों ने उसे अपना मान लिया और उसकी मृत्यु के विरोध में जैसा आंदोलन किया, वो प्रतिरोध की मिसाल है.
आरटीआई से मिले आंकड़ें और सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी से पता चलता है कि कई जगहों पर जनरल कटेगरी के लोग 90 फीसदी या उससे भी ज्यादा हैं. ऐसे में सवर्ण आरक्षण की क्या जरूरत पड़ गई?
कांग्रेस के दोबारा मजबूत हुए बिना, बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती नहीं दी जा सकती. मोदी की पार्टी बढ़ रही है और वह भी लगभग पूरी तरह कांग्रेस की कीमत पर.