scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होममत-विमत

मत-विमत

पावरफुल पुरुष हर समय महिला पत्रकारों का उत्पीड़न करते हैं, बच्चा समझते हैं व दूर कर देते हैं

क्या महिला पत्रकार एक प्रभाशाली वृद्ध व्यक्ति के प्रभाव को तोड़ने में समर्थ हो सकती हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने एक पत्रकार के गाल खींचे या थपकी दी या यूं ही पूछ लिया कि क्या आप शादीशुदा हैं?

अरेंज मैरिज बनी पुरानी तालीम,पाकिस्तान में अब ‘सीपीईसी विवाह’

बहुत अधिक इतराने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की वजह से पाकिस्तान में एक नई सांस्कृतिक लहर दौड़ रही है

जाते जाते अब निकल ही गया: कैसे नरेंद्र मोदी के हाथों से फिसला सियासी अफसाना

सरकार के लिए यह कोई असाधारण बात नहीं है कि वह अपने अंतिम या अंतिम के दो सालों में अलोकप्रिय हो। असाधारण क्या है? हमने कभी नहीं सोचा था कि यह सब,मास्टर कम्युनिकेटर नरेन्द्र मोदी के साथ होगा।

मोदी समर्थकों का अस्तित्व संकट में क्योंकि मसीहा मोदी के गिरने वाले हैं वोट

मसीहा के रूप में मोदी के मंसूबे कामयाब रहे तथा वाजपेई के अधिकतम वोट की तुलना में उन्होंने 5-7 प्रतिशत अधिक वोट जीते। लेकिन वर्तमान स्थिति के हिसाब से संतुलन बिगड़ सकता है।

इंदिरा गांधी के बाद अब मोदी शासन में कमज़ोर दिखाई दे रही हैं भारतीय संस्थाएं

एक सुव्यवस्थित समाज जो आर्थिक रूप से बेहतर करने की उम्मीद करता है और इसके नागरिकों द्वारा वह अपने मूलभूत संस्थानों को मजबूत करता है।

प्रेस की आज़ादी के लिए साथ लड़ो या मरो : भारतीय पत्रकारों के लिए मुश्किलों से भरा बैलेंस

मीडिया एक-दूसरे से असहमत हो सकती है, लड़-झगड़ सकती है और आलोचना कर सकती है। लेकिन यह तभी बची रह सकती है और पनप सकती है जब ये सब मतभेद भुलाकर एक होकर रहे, खासकर तब जब इसके प्रमुख सिद्धांतों पर हमले हो रहे हों|

अम्बेडकर की 10 धारणाएं जिनसे पता चलता है की भाजपा उनका सहयोजन नहीं कर सकती

अम्बेडकर के विचारों को मिटाने के लिए, उनकी प्रतिमा के आगे झुककर नमन करना पर्याप्त नहीं है। गहराइ के साथ वे भारत के दलितो के बीच में है।

कठुआ और उन्नाव:बलात्कार निपटारे के दो मामले जिन्होंने निर्भया विरोध प्रदर्शन को मज़ाक ठहरा दिया

पिछले कुछ सालो में लगातार इस प्रकार की होने वाली घटनाए , पराजय के ऊपर पराजय ।

चार चीज़ें जो भाजपा को 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से लड़ने में काम कर सकती हैं

सपा-बसपा गठबंधन यह सुनिश्चित करता है कि ताजा स्मरण में 2019 एक दुर्लभ अवसर होगा: उत्तर प्रदेश में द्विघातीय प्रतियोगिता।

भारत में चुनाव जीतने के लिए क्यों कांग्रेस को इंग्लैंड की रानी से झगड़ा मोल लेना चाहिए

सबसे पुरानी पार्टी हमें नहीं बताती कि उसका दुश्मन कौन है, कौन उससे लड़ रहा है, तो यह पता चलना तो मुश्किल है कि वह दिखता कैसा है.

मत-विमत

‘कौवा मंदिर के शिखर पर बैठ जाए तो गरुड़ बन जाएगा?’: भागवत ने सांप्रदायिक विवादों पर BJP को चेताया

आरएसएस के सरसंघचालक अगर ‘मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने’ के बढ़ते दावों पर रोक लगाने की अपील कर रहे हैं तो इसके पीछे यह एहसास है कि यह मसला कहीं भाजपा सरकार के काबू से बाहर न हो जाए .

वीडियो

राजनीति

देश

पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने खैबर पख्तूनख्वा में 11 संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराया

पेशावर, 22 दिसंबर (भाषा) सुरक्षा बलों ने रविवार को अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दो अभियानों में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के एक कमांडर...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.