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Wednesday, 26 June, 2024
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भड़काऊ और जातिवादी हार्दिक पटेल नहीं हो सकते जन-जन के नेता

पाटीदार नेता का एजेंडा खतरनाक और सीमित है. हार्दिक पटेल उपमहाद्वीप के उन भड़काऊ नेताओं की सूची में आ गए हैं, जिन्होंने किसी नस्लीय,...

चुनाव नतीजों का तीखा विश्लेषण बताता है अपेक्षा से अधिक होंगे मोदी की राह में कांटे

गुजरात का प्रचार और भाजपा का खुद का व्यवहार बाताता है कि सत्ताधारी दल भी कमजोर है. उसको अजेय मानने की नादानी तो ना ही करें.

नोटा को नकारात्मकता न मानें

‘नोटा कोई नकारवाद नहीं बल्कि आज का राजनीतिक आदर्शवाद है. यह ‘राजनीति में नैतिकता के लिए फिर से जगह बना रहा है’

मोदी के गुजरात किले के पुराने खम्भे आज भी अडिग, लेकिन बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवा वर्ग का विश्वास डिगा

अगर एक्जिट पॉल सही साबित हुए, जैसा कि योगेंद्र यादव कहते हैं, तो मोदी की जीत तय है. 2014 में मिली 27 प्रतिशत की बढ़त तो उनके काम आएगी मगर दीवार दरकती दिख रही है.

चुनाव आयोग के इतिहास में गुजरात चुनाव निम्नतम बिंदु है: योगेंद्र यादव

दिप्रिंट का सवाल: क्या पूर्व आइएएस अधिकारियों को चुनाव आयोग का कर्ताधर्ता नहीं बनना चाहिए, ताकि इसकी स्वतंत्रता बनी रहे ?

गुजरात में ‘केवट’ मोदी ने भाजपा की डूबती नय्या को कराया पार

चुनाव-प्रचार के दौरान कांग्रेस ने भाजपा की कमियों पर प्रहार किया, लेकिन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई तोड़ उनके पास नहीं था.

चाहा था कांग्रेस-मुक्त भारत; मिल गया: कांग्रेस-युक्त गुजरात

भाजपा की दो स्पष्ट विजय, गुजरात और हिमाचल प्रदेश, के बावजूद राजनीति का वह क्षेत्र खुल गया है, जो की 2019 तक सीलबंद लगता था.

एक स्वयंसेवक ने भी डाला कांग्रेस को वोट- गुजरातियों को हल्के में नहीं ले सकती भाजपा

2012 के उलट, आखिरकार भाजपा को गुजरात में कुछ चुनौती मिल रही है। जिग्नेश मेवाणी, हार्दिक पटेल और खुद भाजपा ही इसके कारक हैं.

आखिर एक दलित के लिए क्या मायने रखती है जिग्नेश की जीत

मैं महसूस कर सकता हूं कि अतीत में आपको क्या कुछ से गुजरना पड़ा होगा क्योंकि एक दलित लड़का कुछ करना चाहे तो उसे...

मोदी के करिश्माई चुनाव अभियान की बदौलत ही गुजरात में बच पाई भाजपा

प्रधानमंत्री ने जो तूफानी चुनाव अभियान चलाया, वह सफल बचाव कार्य में बदल गया और वह विपक्ष से बाजी मारने में मददगार साबित हुआ.

मत-विमत

मोदी की बदली दुनिया : लोकतंत्र से जुड़ी खीझें और राहुल के साथ चाय पीने की मजबूरी

मोदी सरकार की तीसरी पारी में बदली हुई वास्तविकता उस पुराने सामान्य दौर की वापसी होगी, जब बहुमत वाली सरकारों को भी बेहिसाब बहुचर्चित बगावतों का बराबर सामना करना पड़ता था.

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गुजरात: वित्तीय सहायता की दो योजनाओं के लिए 4.37 लाख छात्राओं ने पंजीकरण कराया

अहमदाबाद, 26 जून (भाषा) गुजरात सरकार द्वारा कक्षा नौवीं से बारहवीं तक की पात्र छात्राओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए मार्च में...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.