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Saturday, 15 November, 2025
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आत्मघात पर तुले पाकिस्तान को पता होना चाहिए, नरेंद्र मोदी परमाणु बटन से नहीं डरते

पाकिस्तान के लिहाज से भारत में एक गलत सरकार सत्ता में है, पुलवामा में आतंकी हमला करके उसने अपने लिए एक बहुत ही खतरनाक दांव खेला है

क्यों जल्दी ही आमने-सामने होंगे आईपीएल मालिक और बीसीसीआई

2 मार्च से लेकर 13 मार्च तक भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज खेलेगी. इसके बाद मार्च के आखिरी हफ्ते से आईपीएल का 12वां संस्करण शुरू हो जाएगा

सवर्ण मतदाताओं से डर रही हैं तमाम राजनीतिक पार्टियां

भारत में सवर्णों की संख्या अलग अलग अनुमानों के मुताबिक 15 से 20 परसेंट हैं. लेकिन राजनीति पर उनका दबदबा उनकी संख्या के अनुपात में कई गुना ज़्यादा है.

मोदी जी, क्या आप जानते हैं कि हिंदू राष्ट्र पर बाबा साहेब के क्या विचार थे?

प्रधानमंत्री को आंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए. कांग्रेस की आलोचना बाबा साहेब ने जरूर की है, लेकिन हिंदू धर्म, हिंदू राष्ट्र और हिंदू महासभा पर उनके विचार ज्यादा तीखे हैं.

नरेंद्र मोदी को मुलायम की शुभकामनाओं का उत्तर प्रदेश में कोई असर क्यों नहीं होगा

भले ही मुलायम समाजवादी पार्टी कुनबे के प्रमुख हों, पर उत्तर प्रदेश की राजनीति में वह 2017 से ही अप्रासंगिक हैं.

सवर्ण गरीब अपने लिए उम्र और अटैंप्ट में छूट क्यों नहीं मांग रहे हैं?

सरकारी नौकरियों के लिए उम्र और अटैंप्ट में छूट दरअसल एससी, एसटी, ओबीसी को नौकरशाही और शिक्षा क्षेत्र में शिखर पर पहुंचने से रोकने में काम आती है. इसलिए सवर्ण गरीबों को ऐसी छूट नहीं चाहिए.

धारा 377 हटने के बाद समलैंगिकों के लिए कैसा है वैलेंटाइन डे

सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक संबंध को अपराध मानने से इंकार कर, फैसला समुदाय के पक्ष में सुना दिया हो, लेकिन इनके हालात देख कर लगता है- पिक्चर अभी बाकी है.

पीएम को ‘चोर’ कहना बुरा, पर एक बार ‘चोर’ के नारेबाजी से ही सांसदों की जान बची थी

विश्व के सबसे बड़े गणतंत्र के प्रधानमंत्री को सीधे चोर बोल देना छोटी बात नहीं है. हालांकि इससे पहले भी देश के प्रधानमंत्रियों को चोर कहा जा चुका है.

ख़तीजा रहमान ने क्या खुद तय किया है कि वे नकाब पहनेंगी?

महिलाएं कैसे कपड़े पहनेंगी, ये बचपन की ट्रेनिंग और संस्कृति के दबाव में तय होता है. कहने को वे खुद तय करती हैं, कि वे क्या पहनेंगी, लेकिन ये फैसला अक्सर पितृसत्ता का होता है.

भयंकर हादसों से मुंह फेर कब तक सोते रहेंगे हम?

उपहार और अब करोल बाग के होटल अर्पित पैलेस जैसे हादसे तो होते रहेंगे. मंडी, डबवाली के बाद अब देश करोल बाग हादसे को भी भुला देगा.

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बिहार चुनाव: 10 पॉइंट्स में समझें एनडीए की सुनामी और महागठबंधन की हार

गठबंधन पार्टियों का वोट शेयर कम नहीं हुआ है. इस चुनाव का मुख्य संदेश यही है कि आपका पक्का वोट बैंक कोई नहीं छीन सकता. “दूसरों” को जोड़ने के लिए आपको गठबंधन बनाना ही होगा.

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राजनीति

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गुरुग्राम में कूड़े के ढेर से व्यक्ति का शव बरामद

गुरुग्राम, 14 नवंबर (भाषा) गुरुग्राम के सेक्टर सात एक्सटेंशन क्षेत्र के पास शुक्रवार को कूड़े के ढेर से एक व्यक्ति का खून से लथपथ...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.