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Wednesday, 5 November, 2025
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PoK में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा, कश्मीर-में मगन पश्चिमी मीडिया यह नहीं दिखाएगा

कश्मीर और पीओके के बीच का फर्क अनदेखा करना नामुमकिन है. एक तरफ लोग भोजन और बिजली के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विकास और शिक्षा की बातें होती हैं.

छिंदवाड़ा की कोल्डरिफ मौतें दिखाती हैं भारत की खतरनाक विडंबना—दुनिया की फार्मेसी, लेकिन देश में फेल

भारत के फार्मास्यूटिकल सेक्टर का मूल्य 50 अरब डॉलर है. इसने अपनी पहचान किफायती और सुलभ दवाओं पर बनाई है, लेकिन छिंदवाड़ा में हुई मौतें एक अलग कहानी बताती हैं.

CJI, IPS, IAS और होमबाउंड: 75 साल बाद की चेतावनी

शिक्षा, आरक्षण, और सरकारी नौकरी समता और सम्मान दिलाने का लिए है लेकिन हम इससे कितने दूर हैं यह मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंके जाने और हरियाणा के IPS अफसर की आत्महत्या से साफ है. फिल्म ‘होमबाउंड’ एक सबक भी सिखाती है.

क्या वजह है कि भारत के लिए RSS का होना उसके न होने से बेहतर है

तमाम संगठन समय के साथ बदलते हैं, संघ ने भी शायद खुद को बदला है. लेकिन इसका अतीत इस पर राजनीतिक हमले करने के लिए इसके आलोचकों को आसानी से हथियार उपलब्ध कराता है.

हुज का अतीत और स्डेरोट का वर्तमान: अरबों और इज़राइलियों को साथ रहने का तरीका सीखना होगा

1948 में जब इज़रायलियों ने अरबों को खदेड़ा था, तो उन्होंने यह नहीं सोचा था कि ये कटु शरणार्थी उनके नए राज्य के लिए एक स्थायी ख़तरा बन जाएंगे. यह एक भयावह ग़लतफ़हमी थी.

CJI गवई पर जूता फेंकने का हमला दिखाता है कि भारतीय राज्य के शीर्ष पर जातिवाद कितना पनपता है

जब उस यूट्यूबर ने, जिसने CJI बी आर गवई के खिलाफ हंगामा मचाया, पुलिस स्टेशन जाने के बाद सोशल मीडिया पर घमंड करते हुए कहा कि ‘सिस्टम हमारा है’, तो दलितों के लिए क्या उम्मीद बचती है?

उत्तराखंड 25 साल का होने जा रहा है—अभी तक क्या हासिल किया और आगे क्या कुछ करने की ज़रूरत है

उत्तराखंड के पास भारत का पहला शून्य-गरीबी वाला राज्य बनने की तकनीक, धन और प्रशासनिक क्षमता है, जिससे यह पहले दो सस्टेनेबल डेवलमेंट गोल्स (SDGs) को पूरा कर सकता है.

ओली-कालीन सोशल मीडिया अकाउंट्स को बहाल नहीं कर पाने से दिखी नई नेपाल सरकार की अवस्था

जब नेपाल के जेन ज़ी सुधार के लिए लड़ रहे थे, उन्हें उम्मीद नहीं थी कि देश की नई सरकार अपनी डिजिटल पहचान सुरक्षित नहीं कर पाएगी.

चीन को इंजीनियर चला रहे हैं, भारत में ‘फर्स्ट-जेनरेशन’ टेक्नोक्रेट्स की कमी है

किसी दूसरे देश के मुकाबले चीन में उसके उच्चस्तरीय विश्वविद्यालयों से हर साल जितने ग्रेजुएट निकलते हैं उनमें ‘स्टेम’ (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजिनियरिंग, मैथेमेटिक्स) के स्टूडेंट्स की संख्या काफी बड़ी होती है.

‘आई लव मोहम्मद’ पैगंबर के नाम की सस्ती राजनीति है, इसे सड़कों पर न घसीटें

मुसलमानों को सोचना चाहिए कि धर्म का सार्वजनिक प्रदर्शन सेक्युलरिज़्म — यानी वह विचार जिसमें उनका सबसे बड़ा हित है — को मज़बूत करता है या कमज़ोर.

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भारत में पीरियड लीव पर पॉलिसी बनाना आसान है, लेकिन मानसिकता बदलना मुश्किल

कर्नाटक की पीरियड लीव पॉलिसी तारीफ के काबिल है, लेकिन यही देश है जहां किसी भी वक्त मासिक धर्म वाली महिलाओं को बेइज़्ज़त और अपमानित किया जा सकता है — बिना किसी झिझक के.

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दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में

नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बुधवार को और सुधार हुआ लेकिन समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 202 के साथ...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.