2024 के मोदी उन तीन सूत्रों पर सवार नहीं थे जिन्होंने उन्हें दो बार बहुमत दिलाया था और जिसने अभी-अभी ट्रंप को फिर से सत्ता दिलाई है. मोदी सिर्फ उसे बचाने की जद्दोजहद कर रहे थे जो उन्हें हासिल था.
एक तरफ तानाशाही के खिलाफ लड़ाई है, दूसरी तरफ ‘उदारवादी’ मुस्लिम महिलाएं हैं जिन्हें सहयोगी माना जाता है. दुख की बात है कि बहस को कमज़ोर करने से मूल मुद्दे से ध्यान भटक जाता है.
हम अपनी सेना के बारे में बोलते बहुत कुछ हैं पर उतना खर्च नहीं करते जितना करना चाहिए. रक्षा खर्च दोगुना करने की जरूरत नहीं, लेकिन सैन्य बजट में मौजूदा गिरावट की प्रवृत्ति को बदलना होगा.
ईरान का लक्ष्य सांप्रदायिक विभाजन से ऊपर उठना है. यह दृष्टिकोण मुस्लिम हितों के लिए एक नेता के रूप में देखे जाने के पाकिस्तान के लंबे समय से चले आ रहे लक्ष्य पर दबाव डाल सकता है.
ताज़ा घटनाओं को हमें कथनी और करनी में छत्तीस का आंकड़ा रखने की चीन की पुरानी चाल के मद्देनज़र पूरी सावधानी बरतते हुए ही आंकना होगा, चाहे ये घटनाएं कितनी अच्छी क्यों न दिखती हों.
उत्तर प्रदेश में सपा को आसानी से दी गई छूट, और महाराष्ट्र तथा झारखंड के मामले में काँग्रेस के ज्यादा व्यावहारिक रुख से जाहिर होता है कि उसे यह एहसास हो गया है कि उसने पिछले आम चुनाव के नतीजों को अपने लिए कुछ ज्यादा ही अनुकूल मान लिया था.
भारत में नैतिकता कोई व्यक्तिगत और स्वनिर्मित अवधारणा नहीं है. यह ऐसी चीज़ है जो अक्सर इस बात से प्रभावित होती है कि समाज हमें क्या सिखाता है, हमसे क्या अपेक्षित है और धार्मिक व्यवस्थाएं क्या लागू करती हैं.
आरएसएस के सरसंघचालक अगर ‘मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने’ के बढ़ते दावों पर रोक लगाने की अपील कर रहे हैं तो इसके पीछे यह एहसास है कि यह मसला कहीं भाजपा सरकार के काबू से बाहर न हो जाए .
गाजियाबाद (उप्र), 22 दिसंबर (भाषा) गाजियाबाद जिले में अपराध शाखा और वेव सिटी पुलिस की टीम ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, पश्चिमी उत्तर प्रदेश,...