विरोध करने वालों ने इस बात पर गौर नहीं किया कि सीएए हिंदुत्व की एक नई परिष्कृत विचारधारा से निकला है, जिसमें पहले ही नागरिकता को एक राजनीतिक मुद्दा माना जा चुका था.
नागरिकता कानून के विवाद के बीच हुए झारखंड चुनाव में बीजेपी हारी है. यही नहीं, कानून को लेकर हुए आंदोलन में गैर-मुसलमानों के शामिल होने से भी बीजेपी को झटका लगा है.
मैंने दाढ़ी रखी है और झोला लेकर भी चलता हूं लेकिन मुझे नहीं लगता कि सिर्फ इसी आधार पर मुझे मार्क्सवादी या फिर कम्युनिस्ट पार्टियों का समर्थक अथवा सार्वजनिक क्षेत्र की तमाम कंपनियों का हिमायती मान लिया जाय.
शिव सेना को ये बात समझ में आ गई है कि हिंदुत्व की रेस में बीजेपी उससे काफी आगे निकल चुकी है और आक्रामकता में नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर पाना उसके लिए मुमकिन नहीं है.
मिर्डाल की ‘एशियन ड्रामा’ लिखी जाने के बाद के 50 वर्षों में भारत कई बार मंज़िल से दूर रहा है. अगर हम एक-दो महारथियों के वर्चस्व से दबी दुनिया से बचना चाहते हैं तो भारत को तय करना होगा कि वह नियम पालन करने वाला बनना चाहता है या नियम बनाने वाला.
आप ने हमारी राजनीति में नए लोगों के लिए प्रवेश द्वार खोल दिया है- जाति, जातीयता, विचारधारा, वंशवाद - खुद को अखिल भारतीय मान्यता के साथ दिल्ली पार्टी के रूप में स्थापित किया है
पांच खरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनने के लिए ‘नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन’ नामक एक कार्यक्रम पेश किया गया है लेकिन इसके लिए आवश्यक पैसे को लंबे समय तक ताले में बंद रख पाना एक चुनौती होगी.
जो लोग शिकायत करते हैं कि हमारी नगरपालिकाएं कुत्तों को ठीक से आश्रय नहीं दे पा रहीं, वे शरणार्थियों और राजनीतिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को दिए जा रहे बदहाल आश्रयों पर क्यों चिंता नहीं करते?