फ़ैकल्टी की नियुक्ति के समय विश्वविद्यालय लगभग हर मामले में अपने ही पुराने छात्रों को तरजीह देते हैं, भले ही योग्यता के लिहाज से वे कई तरह से उपयुक्त न होते हों. यह हमारे विश्वविद्यालयों के लिए धीमा जहर साबित हो रहा है.
भारत में कोयले का विश्व का पांचवा सबसे बड़ा भंडार है, फिर भी हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े आयातक हैं. केवल चीन ही हमसे अधिक, प्रति वर्ष लगभग 300 मिलियन टन, कोयला आयात करता है.
जब पिछड़े वर्ग या अनुसूचित वर्ग के लोगों के संवैधानिक हकों पर डकैती पड़ती है तो सवर्ण समाज को खुशी महसूस होती है. उन्हें इस बात का अहसास नहीं हो पाता कि ताकतवर तबका उनके भी हकों को लूट रहा है.
मोदी सरकार ने पिछड़ों के उप-वर्गीकरण के बारे में सिफ़ारिशें करने के लिए गठित जस्टिस रोहिणी आयोग को जो अंतिम समय सीमा दी थी उसके दो साल बाद भी भारत के पिछड़े वर्ग उसकी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, और भाजपा की हिचक रहस्यमय बनी हुई है.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अभी दो साल दूर हैं लेकिन मायावती के प्रियंका गांधी को निशाना बनाने से यही लगता है कि कांग्रेस नेता राजनीतिक तौर पर कुछ तो सही कर रही हैं.
देश की कोयला खदानों को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने के ऐलान के बाद क्लीन एनर्जी, खासकर सौर ऊर्जा पर भारत की प्रतिबद्धता को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं.
मुझे दो सप्ताह पहले टेस्ट में कोविड-19 पॉजिटिव होने का पता चला. एक देश के तौर पर हम हालात को अवश्य पलटेंगे, बशर्ते कि हम ज़मीनी डेटा को लेकर सतर्क रहें, और कार्यान्वयन के अपने प्रयासों को बढ़ाएं.
आरएसएस इंदिरा गांधी की सरकार को किसी भी तरह गिराना चाहता था, लेकिन बाद में उसी “तानाशाह” इंदिरा गांधी से मेल-मुलाकात करने और तारीफें करने में उसे कोई नैतिक दुविधा नहीं हुई, जिन्होंने संघ के नेताओं को जेल में डाला था.