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Wednesday, 5 November, 2025
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भारत के लिए कोरोना के खिलाफ ताकत, कमजोरी, अवसर और खतरे का विश्लेषण रणनीति बदलने में मददगार होगा

हमें 2021 की गर्मियों तक सतर्कता बरतना और संयम बनाए रखना होगा. एक साल की अवधि लंबी लग सकती है लेकिन कोरोनावायरस अपना व्यवहार तभी बदलेगा जब हम ऐसा करेंगे.

शहरी मनरेगा योजना अब दूर नहीं लेकिन बढ़ी मजदूरी के कारण चीन से व्यवसाय आकर्षित करना और मुश्किल हो जाएगा

मोदी सरकार की मंशा पर किसी को भी संदेह नहीं होगा. भारत को शहरों में रोजगार सृजित करने चाहिए क्योंकि आधुनिकीकरण के ये केंद्र उत्पादकता में गांवों से बहुत आगे हैं.

विचारों की स्वतंत्रता का दुश्मन है चीन, दूसरे देशों से भी वो यही अपेक्षा रखता है

दुनियाभर में जो लोग और जो सरकारें विचार की स्वतंत्रता को मूल्यवान मानती हैं उन्हें यह समझ लेना होगा कि चीनी ‘नियंत्रणवाद’ से लड़ना बेहद जरूरी है.

अखिलेश यादव की सियासत ख़ामोश हो गई है, ‘यूपी का लड़का’ सुर्ख़ियों में आना चाहिए

अखिलेश यादव बिल्कुल ग़ायब हो गए हैं. कहीं ज़्यादा अस्थिर और ग़ायब होने वाले राहुल गांधी भी, मोदी के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाए हुए हैं.

सोनिया गांधी ने अपने बेटे के नाकाम सिपाहियों को आगे बढ़ाकर कैसे कांग्रेस को कमज़ोर किया है

कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक फेरबदल में गांधी परिवार की राजनीतिक सूझबूझ और रणनीतिक परिपक्वता की झलक पाने की कोशिश बेमानी ही है.

भाजपा को पता है नीतीश कुमार काफी नहीं, इसीलिए बिहार में सुशांत सिंह राजपूत को अदृश्य सहयोगी बनाया

नीतीश कुमार के पास प्रचार अभियान के लिए अपने कार्यकाल की तुलना राजद के 'जंगल राज' से करने की देखी-परखी राजनीतिक पिच थी लेकिन तभी कोरोनावायरस आ गया, जिसने उनके सुशासन की पोल खोलकर रख दी.

हिंदी अब ज्ञान की भाषा नहीं रही, स्तरहीनता के साम्राज्य ने इसकी आत्मा को कुचल दिया है

हिंदी दिवस के अवसर पर आइए विचार करें कि कुछ ही दशकों में हिंदी किस ऊंचाई से गिरी है.

कंगना झांसी की रानी नहीं बन सकतीं क्योंकि उनका साथ देने के लिए कोई झलकारी बाई नहीं है 

कंगना रानौत को फिल्म मणिकर्णिका को दोबारा देखना चाहिए, खासकर लगभग 5 मिनट के उन सीन को जब पर्दे पर झलकारी बाई आती हैं, जो झांसी की सेना के कमांडरों में से एक थीं.

मोदी अगले सप्ताह 70 के हो जायेंगे, एक बेहतर विरासत छोड़ कर जाने का समय निकलता जा रहा है

अधिकतर ताकतवर नेता विरासत में कमजोर अर्थव्यवस्था छोड़ जाने के लिए ही जाने जाते रहे हैं. मोदी चाहें तो इस जमात में गिने जाने से बच सकते हैं, लेकिन चुनौतियां उनके लिए बढ़ती जा रही हैं.

भारत तीन संकटों से जूझ रहा है, इस समय क्यों मोदी को देश में बांटने की राजनीति से पल्ला झाड़ लेना चाहिए

भारत आज कई गंभीर, आपस में जटिलता से उलझे हुए संकटों का सामना कर रह है, उसे राजनीतिक जमीन तथा भरोसे की जरूरत है, और यह मोदी और उनकी सरकार के ऊपर है कि वह इसे बनाने की ज़िम्मेदारी किस तरह निभाती है.

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भारत में पीरियड लीव पर पॉलिसी बनाना आसान है, लेकिन मानसिकता बदलना मुश्किल

कर्नाटक की पीरियड लीव पॉलिसी तारीफ के काबिल है, लेकिन यही देश है जहां किसी भी वक्त मासिक धर्म वाली महिलाओं को बेइज़्ज़त और अपमानित किया जा सकता है — बिना किसी झिझक के.

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एमआईएफ ने शुल्क प्रभाव से निपटने के लिए मूल्यवर्धित वस्तुओं के निर्यात का दिया सुझाव

नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) इस्पात उत्पाद विनिर्माता मदर इंडिया फॉर्मिंग (एमआईएफ) के निदेशक धीरेंद्र सांखला ने कहा कि भारत उच्च मूल्य वाले ‘कोल्ड...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.