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Saturday, 16 November, 2024
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नेशनल इंट्रेस्ट

भले ही मोदी हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की विचारधारा पर कायम हों, पर स्थानीय राजनीति के सामने यह कमजोर पड़ जाता है

हिमाचल प्रदेश में मोदी का चेहरा नहीं चला और राष्ट्रवाद-हिंदुत्ववाद भी मुद्दे नहीं बन पाए इसलिए वह एक सामान्य चुनाव बन गया, वहां 2014 से ऐसा ही चल रहा है

गुजरात गैंबल—इस चुनाव में राहुल गांधी के मोदी को टक्कर न देने के पीछे की क्या हो सकती है वजह

मैं इस विचार से सहमत नहीं हूं कि राहुल गाधी अपनी सारी ऊर्जा 2024 के लिए बचाकर रखना चाहते हैं. ज्यादा मुमकिन है, कांग्रेस ऐसा मान रही हो कि गुजरात जहां बेहद चुनौतीपूर्ण है, वहीं गुजरात के आकार के ही एक अन्य राज्य कर्नाटक में जीत के आसार ज्यादा प्रबल होंगे.

जी-20 की मेजबानी भारत को कैसे एक नई रणनीतिक जगह और 2024 चुनाव से पहले मोदी को नया मंच दे सकती है

भारत के आर्थिक व रणनीतिक हितों में संतुलन बनाकर, रूस और अमेरिका के साथ रिश्ता निभाते हुए और चीन को अपने ऊपर हावी न होने देकर मोदी कुशलता से आगे बढ़ते रहे हैं. अब जी-20 की अध्यक्षता के एक साल का बेशक वे भारत के फायदे के लिए उपयोग करेंगे.

क्यों फौज जमीन पर कब्जा जमाने से ज्यादा राजनीतिक मकसद पूरा करने का जरिया है

पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एम.एम. नरवणे कहते हैं कि किसी भी युद्ध का अंतिम लक्ष्य जमीन पर अपना नियंत्रण कायम करना ही होता है, लेकिन सबसे अहम है राजनीति.

इमरान को ‘इम द डिम’ न समझें, बिंदास इमरान ही पाकिस्तानी हुकूमत को चुनौती दे सकते हैं

हममें से हर एक ने पाया है कि इमरान ख़ान एक अनूठी शख्सियत हैं, इस उपमहादेश के आम क्रिकेट सितारों से अलग. उनमें लापरवाही की हद तक जोखिम मोल लेने का जज्बा रहा है

पाकिस्तानी सियासत ने ऐतिहासिक करवट ली है, सेना को इमरान खान से शिकस्त खाने का सता रहा डर

कभी फौज के शब्द सरकार के लिए हुक्म के समान हुआ करते थे. वह प्रधानमंत्रियों को तख्तनशीन कर सकती थी, उनका तख्तापलट कर सकती थी, देश निकाला दे सकती थी या कत्ल तक करवा सकती थी लेकिन आज उसे नेताओं से मात खाने का डर सता रहा है.

कैसे गुजरात पिटाई मामले ने भारतीय राजनीति की ‘सेकुलर’ चुप्पी को सामने ला दिया

गुजरात में मुस्लिम युवाओं की कोड़े से पिटाई जैसी घटनाओं पर ही भारत जैसे बहुलतावादी, लोकतांत्रिक गणतंत्र से राजनीतिक आवाज़ उठाने की अपेक्षा की जाती है लेकिन भाजपा के प्रतिद्वंद्वी मुसलमानों के साथ दिखने से भी डर रहे हैं.

मुलायम हमारे राजनेताओं में सबसे अधिक राजनीतिक और भारतीय मुसलमानों के सबसे महत्वपूर्ण नेता क्यों थे?

मुलायम सिंह यादव की राजनीति में काफी कुछ गलत था, और काफी कुछ ऐसा था जिस पर हम असहमत होंगे या बहस करेंगे लेकिन इससे यह सच्चाई नहीं बदल जाएगी कि वह एक लाजवाब सियासी खिलाड़ी थे.

क्या फिर से ‘इंडिया शाइनिंग’ हो रहा, समय से पहले जीत का जश्न मनाना हमारी खतरनाक आदत

खुशहाल भारतीयों ने तमाम क्षेत्रों में विजय की घोषणा कर दी है— हवाईअड्डों की बेहतरी से लेकर वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या तक की मिसाल दी जाती है लेकिन बहुत कुछ ऐसा भी है जो गलत और खतरनाक है.

हिजाब समर्थक SC में लड़ाई जीत भी जाएं तो भी हारेंगे, क्योंकि असली संघर्ष राजनीति के मैदान में है

बेहद ध्रुवीकृत समय में, हाशिये पर धकेले गए अल्पसंख्यक पीछे मुड़कर अपनी उन जड़ों और बुनियादों को बचाने में जुट जाते जो उन्हें बहुत प्रिय होते हैं लेकिन राजनीतिक दृष्टि से यह एक खतरनाक जाल बुन सकता है.

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बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी में गोलीबारी, जांच जारी

नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में बृहस्पतिवार रात करीब आठ बजे गोलीबारी हुई। पुलिस ने शुक्रवार को यह...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.