भारत और अमेरिका के बीच हुई परमाणु संधि दोनों देशों के रिश्ते में आए नये बदलाव की सबसे बड़ी उपलब्धि इसलिए भी है कि इसने वामपंथ की पोल खोल कर उसे ध्वस्त किया और भारत की राजनीतिक अर्थनीति को नयी दिशा दी
मोदी और शाह के बीच सत्ता का ऐसा अनूठा समीकरण है जैसा न तो नेहरू-पटेल के बीच था और न ही वाजपेयी-आडवाणी के बीच था. लेकिन दिल्ली में पार्टी की हार के बाद शाह ने अपने राजनीतिक करियर के नये अपरिचित दौर में कदम रख दिया है.
भारत के बड़े शहर बदहाल हो रहे हैं, वे विशाल झोंपड़पट्टियों में तब्दील होते जा रहे हैं, और जब उन्हें सुधारने की कोशिश की जाती है तो ‘कोरल’ यानी मूँगे की चट्टानें आड़े आने लगती हैं जैसा कि मुंबई में हुआ.